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मीट की दुकान बंद कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने शुरू किया आमरण अनशन

जालोर जिले के चितलवाना कस्बे में चल रही मांस की दुकान को बंद कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों की ओर से मंगलवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया गया. इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से पूर्व में अधिकारियों को ज्ञापन देकर अल्टीमेटम भी दिया गया था.

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Published : May 15, 2019, 12:02 AM IST

ग्रामीणों ने शुरू किया आमरण अनशन

जालोर. जिले के चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर चल रही मांस की दुकान को बंद कराने की मांग को लेकर ग्रामीण पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. ग्रामीणों ने इस दुकान को बंद कराने के लिए पहले भी कई बार चितलवाना कस्बे को बंद रखा था. वहीं कई बार उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर कस्बे में चल रही मांस की दुकान को बंद कराने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. गत सोमवार को ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को एक ज्ञापन दिया था.

ग्रामीणों ने शुरू किया आमरण अनशन

जिसमें अल्टीमेटम दिया था कि 14 मई तक मांस की दुकान का लाइसेंस रद्द करके दुकान को बंद नहीं कराया गया तो उपखंड मुख्यालय पर 14 मई को ग्रामीणों द्वारा धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन किया जाएगा. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने उपखंड मुख्यालय के सामने मंगलवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों से चितलवाना कस्बे में चल रही मांस की दुकान बंद करने की मांग कई बार की, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

ग्रामीणों ने बताया कि मांस की दुकान कस्बे के बीचो-बीच संचालित की जा रही है. वहीं इसके कारण चारों तरफ गंदगी बिखरी हुई रहती है. जिसके चलते लोगों को खासा परेशान भी होना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते वे बुधवार से भूख हड़ताल शुरू करेंगे.

जालोर. जिले के चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर चल रही मांस की दुकान को बंद कराने की मांग को लेकर ग्रामीण पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. ग्रामीणों ने इस दुकान को बंद कराने के लिए पहले भी कई बार चितलवाना कस्बे को बंद रखा था. वहीं कई बार उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर कस्बे में चल रही मांस की दुकान को बंद कराने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. गत सोमवार को ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को एक ज्ञापन दिया था.

ग्रामीणों ने शुरू किया आमरण अनशन

जिसमें अल्टीमेटम दिया था कि 14 मई तक मांस की दुकान का लाइसेंस रद्द करके दुकान को बंद नहीं कराया गया तो उपखंड मुख्यालय पर 14 मई को ग्रामीणों द्वारा धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन किया जाएगा. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने उपखंड मुख्यालय के सामने मंगलवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों से चितलवाना कस्बे में चल रही मांस की दुकान बंद करने की मांग कई बार की, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

ग्रामीणों ने बताया कि मांस की दुकान कस्बे के बीचो-बीच संचालित की जा रही है. वहीं इसके कारण चारों तरफ गंदगी बिखरी हुई रहती है. जिसके चलते लोगों को खासा परेशान भी होना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते वे बुधवार से भूख हड़ताल शुरू करेंगे.

Intro:मास की दुकान बंद करवाने के लिए ग्रामीणों ने शुरू किया अनशन, कल से शुरू करेंगे भूख हड़ताल
- प्रशासन को 14 मई का दिया था अल्टीमेटम, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान
जालोर
जिले के चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर चल रही मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग को लेकर ग्रामीण पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इस दुकान को बंद करवाने के लिए पहले कई बार चितलवाना कस्बे को बंद रखा था। वहीं कई बार उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर कस्बे में चल रही मांस की दुकान को बंद करवाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। पिछले सोमवार को ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को एक ज्ञापन दिया था जिसमें अल्टीमेटम दिया था कि 14 मई तक मांस की दुकान का लाइसेंस रद्द करके दुकान को बंद नहीं किया गया तो उपखंड मुख्यालय पर 14 मई मंगलवार को ग्रामीणों द्वारा धरना प्रदर्शन आमरण अनशन किया जाएगा। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने उपखंड मुख्यालय के सामने आज आमरण अनशन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों से चितलवाना कस्बे में चल रही मांस की दुकान बंद करने की मांग कई बार की, लेकिन अभी तक दुकान शुरू है।
ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रशासन ने दिया लाइसेंस
जानकारी के अनुसार चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर पहले बिना लाइसेंस के अवैध तौर पर मांस की दुकान संचालित की जा रही थी। जिसके बाद ग्रामीणों ने चितलवाना कस्बे को बंद रखकर मांस की दुकान बंद करवाने की मांग की थी। इस दौरान ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध करके लाइसेंस नहीं देने की भी मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग को दरकिनार कर मांस की दुकान संचालित करने का लाइसेंस जारी कर दिया। जिसके चलते अब उक्त व्यक्ति लाइसेंस की आड में मांस की दुकान संचालित कर रहा है, जबकि आसपास सहित सैकड़ों ग्रामीण मांस की दुकान का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यह चितलवाना कस्बा शाकाहारी है और यहां पर ज्यादातर धार्मिक परिवार निवास करते हैं। जिसके कारण ग्रामीण मांस की दुकान को बंद करने की मांग कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि मांस की दुकान कस्बे के बीचो-बीच मांस की दुकान संचालित की जा रही है जिसके कारण चारो तरफ गंदगी बिखरी हुई रहती है। जिसके चलते लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।


Body:जालोर


Conclusion:यह खबर चितलवाना की है। इसके कुछ विजुअल अरेंज है जो मेल पर भेज रहा हु।
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