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डॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर एसडीएम ने कलेक्टर को लिखा पत्र - SDM wrote a letter regarding action on doctor

जालोर जिले में सरकारी स्तर पर चिकित्सा व्यवस्था का ढांचा किस कदर बिगड़ा हुआ है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो माह में दो बार किए गए एसडीएम के निरीक्षण में कुछ डॉक्टर्स और कर्मचारी अनुपस्थित मिले. वहीं कुछ अन्य शिकायतों का हवाला देते हुए सरकारी अस्पताल के चिकित्सक के ऑन ड्यूटी रहते समय निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने का जिक्र भी कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में किया है. निरीक्षण रिपोर्ट के साथ सांचोर एसडीएम ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत करवाया है.

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एसडीएम ने जालोर कलेक्टर को लिखा पत्र
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Published : Jan 17, 2020, 7:57 PM IST

जालोर. जिले के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा कितनी बदहाल हो चुकी है, इसका अंदाजा पिछले दिनों एसडीएम की ओर से किए गए निरीक्षण के दौरान कार्मिकों के गायब होने से ही मिल जाता है. जालोर के सांचोर उपखंड के सबसे बड़े अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला. जिसके बाद सांचोर उपखण्ड अधिकारी ने पूरे घटनाक्रम के बारे में जिला कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को पत्र लिखकर अवगत करवाया है.

एसडीएम ने जालोर कलेक्टर को लिखा पत्र

जानकारी के अनुसार यहां पिछले कुछ समय से राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कुछ चिकित्सकों के अस्पताल समय के दौरान गैर हाजिर रहने व एक डॉक्टर के निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने की शिकायतें मिल रही थी. जिसके बाद सांचोर एसडीएम भूपेंद्र कुमार यादव ने बीते दो माह में अलग-अलग बार औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को जांचा तो कई चिकित्सा कर्मी व चिकित्सक बिना जानकारी के अनुपस्थित पाए गए थे.

यह भी पढ़ें : जालोरः किसानों का सरकार से निवेदन, टिड्डी प्रभावित फसलों का जल्द दें मुआवजा

जिसके बाद 16 जनवरी को भी एसडीएम ने अचानक राजकीय अस्पताल का निरीक्षण किया तो चिकित्सक रघुनाथ बिश्नोई अनुस्थित पाए गए. वहीं कलेक्टर ने निरीक्षण रिपोर्ट से अवगत कराते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को पत्र लिखा है.

पहले 22 नवंबर को किया था निरीक्षण

एसडीएम ने कलेक्टर को लिखे पत्र में बताया कि अस्पताल में समय पर मरीजों का उपचार नहीं करने व ज्यादातर कर्मचारियों के नदारद रहने की शिकायत पर 22 नवम्बर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया था. जिस दौरान डॉ. भैराराम जाणी व डॉ. रघुनाथ बिश्नोई अस्पताल से अनुपस्थित मिले थे. उसके बाद 16 जनवरी को वापस अस्पताल का निरीक्षण किया तो डॉ. रघुनाथ बिश्नोई अस्पताल से अनुपस्थित थे. जिसके बाद एसडीएम ने कलेक्टर को पत्र लिखकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है.

जालोर. जिले के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा कितनी बदहाल हो चुकी है, इसका अंदाजा पिछले दिनों एसडीएम की ओर से किए गए निरीक्षण के दौरान कार्मिकों के गायब होने से ही मिल जाता है. जालोर के सांचोर उपखंड के सबसे बड़े अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला. जिसके बाद सांचोर उपखण्ड अधिकारी ने पूरे घटनाक्रम के बारे में जिला कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को पत्र लिखकर अवगत करवाया है.

एसडीएम ने जालोर कलेक्टर को लिखा पत्र

जानकारी के अनुसार यहां पिछले कुछ समय से राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कुछ चिकित्सकों के अस्पताल समय के दौरान गैर हाजिर रहने व एक डॉक्टर के निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने की शिकायतें मिल रही थी. जिसके बाद सांचोर एसडीएम भूपेंद्र कुमार यादव ने बीते दो माह में अलग-अलग बार औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को जांचा तो कई चिकित्सा कर्मी व चिकित्सक बिना जानकारी के अनुपस्थित पाए गए थे.

यह भी पढ़ें : जालोरः किसानों का सरकार से निवेदन, टिड्डी प्रभावित फसलों का जल्द दें मुआवजा

जिसके बाद 16 जनवरी को भी एसडीएम ने अचानक राजकीय अस्पताल का निरीक्षण किया तो चिकित्सक रघुनाथ बिश्नोई अनुस्थित पाए गए. वहीं कलेक्टर ने निरीक्षण रिपोर्ट से अवगत कराते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को पत्र लिखा है.

पहले 22 नवंबर को किया था निरीक्षण

एसडीएम ने कलेक्टर को लिखे पत्र में बताया कि अस्पताल में समय पर मरीजों का उपचार नहीं करने व ज्यादातर कर्मचारियों के नदारद रहने की शिकायत पर 22 नवम्बर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया था. जिस दौरान डॉ. भैराराम जाणी व डॉ. रघुनाथ बिश्नोई अस्पताल से अनुपस्थित मिले थे. उसके बाद 16 जनवरी को वापस अस्पताल का निरीक्षण किया तो डॉ. रघुनाथ बिश्नोई अस्पताल से अनुपस्थित थे. जिसके बाद एसडीएम ने कलेक्टर को पत्र लिखकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है.

Intro:जिले में चिकित्सा व्यवस्था का ढांचा किस कदर बिगड़ा हुआ है इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ऑन ड्यूटी में निजी अस्पताल में प्रक्टिस कर रहे है। जिसके बाद आज सांचोर एसडीएम ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत करवाया है।


Body:ऑन ड्यूटी सरकारी अस्पताल के चिकित्सक करते है निजी अस्पतालों में प्रक्टिस, कलेक्टर को पत्र लिखकर एसडीएम ने करवाया अवगत
जालोर
जिले के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा कितनी बदहाल हो चुकी है। इसका नमूना आज जालोर के सांचोर उपखंड के सबसे बड़े अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। जिसके बाद बाकायदा सांचोर उपखण्ड अधिकारी ने पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम के बारे में जिला कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को अवगत करवा दिया। अब देखना यह होता है कि कब तक सरकारी अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था सुधरती है। जानकारी के अनुसार पिछले लंबे समय से राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सकों के अस्पताल समय के दौरान गैर हाजिर रहने व निजी अस्पताल में प्रक्टिस करने की शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद सांचोर एसडीएम भूपेंद्र कुमार यादव ने पिछले दो माह में अलग अलग बार औचक निरीक्षण करके अस्पताल की व्यवस्थाओं को जांचा तो कई चिकित्सा कर्मी व चिकित्सक खुद बिना जानकारी के अनुपस्थित पाए गए थे। जिसके बाद आज भी एसडीएम यादव ने अचानक राजकीय अस्पताल का निरीक्षण किया तो चिकित्सक रघुनाथ बिश्नोई अनुस्थित पाए गए। जिसके बाद संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही को लेकर कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को पत्र लिखकर अवगत करवाया।
पहले 22 नवम्बर को किया था औचक निरीक्षण
एसडीएम ने कलेक्टर सोनी को लिखे पत्र में बताया कि अस्पताल में समय पर मरीजों का उपचार नहीं करने व ज्यादातर कर्मचारियों के नदारद रहने की शिकायत पर 22 नवम्बर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें डॉक्टर भेराराम जाणी व डॉक्टर रघुनाथ बिश्नोई अस्पताल से गायब मिले थे। उसके बाद 16 जनवरी को वापस अस्पताल का निरीक्षण किया तो डॉक्टर रघुनाथ बिश्नोई अस्पताल में अनुपस्थित थे। एसडीएम ने बताया कि उक्त चिकित्सक रघुनाथ बिश्नोई को लेकर अस्पताल के एमओ डॉ वासुदेव राजपुरोहित से बात की तो उन्होंने बताया कि एनपीए प्राप्त कर रहा है। पत्र में यादव ने कलेक्टर को बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉक्टर रघुनाथ बिश्नोई शहर में पुलिस थाने के सामने निजी सांचोर हॉस्पिटल में प्रक्टिस कर रहा है। जिसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
गरीब लोगों की सुविधाओं पर ऐसे चिकित्सक मार रहे है कुंडली
आम व गरीब लोगों को सुविधा देने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, निशुल्क दवाई देने के लिए बड़े बड़े अस्पताल बनवाकर चिकित्सक नियुक्त कर रही है, लेकिन जमीन के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक किस प्रकार सरकारी अस्पताल में ऑन ड्यूटी होने के बावजूद निजी अस्पताल में जाकर खुलेआम प्रक्टिस कर रहे है। जिससे एक सवाल खड़ा हो रहा है कि इस प्रकार खुलेआम धांधली कब तक चलती रहेगी या अस्पतालों की सूरत में बदलाव आएगा।



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