रानीवाड़ा (जालोर). रानीवाड़ा के भाजपाइयों ने रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल के विरुद्ध मुकदमे को वापस लेने के लिए जिला कलेक्टर के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. जसवंतपुरा उपखण्ड मुख्यालय के रेवदर रोड स्थित चामुंडा माता मंदिर परिसर में बुधवार को प्रधान विमला चौहान के नेतृत्व में विशाल रैली एवं बैठक कर रानीवाड़ा विधायक के खिलाफ मुकदमे पर नाराजगी भी जताई.
जसवंतपुरा उपखण्ड मुख्यालय के रेवदर रोड पर स्थित चामुंडा माता मंदिर परिसर में बुधवार को प्रधान विमला चौहान के नेतृत्व में विशाल रैली एवं बैठक का आयोजन किया गया. बैठक को भाजपा के कई पदाधिकारी, जनप्रतिनिधियों ने संबोधित किया. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ताओं ने रैली के रूप में मुख्य बाजार, बस स्टेंड, पंचायत समिति कार्यालय, कलापुरा तिरोह से होते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचे.इस दौरान पदाधिकारी, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं ने उपखण्ड अधिकारी शैलेन्द्र सिंह को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया कि 28 जनवरी को पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें विकास अधिकारी सुनीता ने प्रधान विमला चौहान और पंचायत समिति के अन्य निर्वाचित सदस्यों के रिश्तेदारों को सभागार से बाहर जाने का निर्देश दिया.
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विकास अधिकारी सुनीता परिहार के निर्णय पर सभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं इनके रिश्तेदारों ने विकास अधिकारी से स्वागत सम्मान कार्यक्रम के बाद बाहर जाने का आग्रह किया. परन्तु विकास अधिकारी ने किसी राजनीतिक दबाव में उनको तुरंत बाहर जाने की फटकार लगाई. इसके कुछ देर बाद स्थानीय विधायक नारायणसिंह देवल बैठक में पहुंचे. प्रधान विमला चौहान सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने विधायक के सामने विकास अधिकारी की इस हरकत पर नाराजगी जताई.
इस पर विधायक ने विकास अधिकारी से सभी रिश्तेदारों को स्वागत समारोह तक सभागार में बैठाने और उसके बाद बाहर जाने के लिए कहा, लेकिन फिर भी विकास अधिकारी नही मानी. तो विधायक सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक से बाहर आ गए ओर विकास अधिकारी की मनमानी ओर तानाशाही के विरुद्ध धरने पर बैठ गए. इस पर विकास अधिकारी और अधिक चिढ़ गई और उप प्रधान की अध्यक्षता में ही कांग्रेसी पंचायत समिति सदस्यों के साथ बैठक शुरू कर दी, जो कि निवार्चित जनप्रतिनिधियों का सीधा सीधा अपमान है. विकास अधिकारी के इस व्यवहार पर विधायक ने सहायक अभियंता रमेश शर्मा को कहा कि इनको समझाओ, ये गलत तरीका है. इस वार्तालापा का कुछ शरारती तत्वों ने वीडियो बना लिया ओर उससे छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
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बैठक समाप्त होने के बाद विकास अधिकारी पूरे पंचायत समिति स्टाफ के साथ बाहर आई ओर धरने पर बैठे. विधायक और प्रधान सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से घटना पर खेद व्यक्त किया और आपसी सहमति से समझौता कर मामले को रफादफा कर लिया. इसके बाद विधायक और प्रधान सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने निर्णय लिया कि जब इन्होंने अपनी गलती मान ली है तो उपखण्ड अधिकारी जसवंतपुरा के मार्फत विकास अधिकारी के विरुद्ध दिए जाने वाले ज्ञापन को भी नही दिया. परन्तु फिर भी कांग्रेसी राजनीतिक विचारधारा के लोगों ने मामले को बेवजह तूल देकर बात का बतंगड़ बना दिया और विधायक के विरुद्ध जबरन झूठे तथ्य प्रचारित कर मुकदमे दर्ज करवाए.
विधायक देवल के राजनीतिक विरोधियों ने षड्यंत्रपूर्वक सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए देवल की छवि को धूमिल करने का घिनौना प्रयास किया जा रहा है, जो कतई अनुचित ओर अन्यायपूर्ण है. अगर विकास अधिकारी राजनीतिक साजिश का शिकार होकर विधायक की छवि को धूमिल करने का प्रयास करती है तो मजबूरन विधायक के समर्थन में लोकतांत्रिक तरीके से विकास अधिकारी की कार्यशैली के विरुद्ध आंदोलन करेगी. इस दौरान एससी, एसटी एक्शन फैडरेशन ऑफ इंडिया, भगवा क्रांति संगठन सहित अन्य संगठनों ने भी इस मामले में ज्ञापन दिया.
अतिरिक्त पुलिस जाप्ता रहा मौजूद
बैठक एवं विशाल रैली में शांति व्यवस्था को लेकर दशरथ सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सांचौर, रतनलाल उप अधीक्षक रानीवाड़ा, अवधेश चाडु करडा थानाधिकारी, पदमाराम रानीवाड़ा थानाधिकारी, गिरधर सिंह रामसिन थाना अधिकारी , मनीष सोनी जसवंतपुरा थाना अधिकारी सहित अतिरिक्त पुलिस जाब्ता मौजूद रहा.