ETV Bharat / state

अतिक्रमण के सवाल पर बौखलाए सरपंच, कहा- नहीं हटाऊंगा, चाहे इस्तीफा ले लो

जालोर के चितलवाना पंचायत के टापी गांव के लोग सरपंच के खिलाफ लामबंद हो गए है. उन्होंने गोचर की भूमि पर अतिक्रमण, भुगतान उठाने के बाद भी कार्य नहीं करने और घोटालों के आरोप में सरपंच को आड़े हाथ लिया.

author img

By

Published : May 17, 2019, 10:06 AM IST

सरपंच के खिलाफ ग्रामीण लामबंद

जालोर. जिले के चितलवाना उपखंड के गांव टापी में लंबे समय से गोचर की जमीन पर अतिक्रमण जारी है. इसको लेकर ग्रामीण लामबंद है. ग्रामीणों ने पंचायत से लेकर हाई कोर्ट तक लड़ाई लडने का मूड बना दिया है. लेकिन गांव के सरपंच ने कहा कि इस्तीफा दे दुंगा, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाउंगा.

ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट जोधपुर में याचिका भी दाखिल कर दी है. लेकिन अभी तक इस मामले को लेकर सुनवाई नहीं हुई है. वहीं इस गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर ग्राम पंचायत के भवन में सरपंच राणाराम प्रजापत के मौजूदगी में गुरूवार को विशेष बैठक का आयोजन हुआ जिसमें ग्रामीणों ने सरपंच को आड़े हाथ लिया. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत मुख्यालय के नजदीक गोचर और ओरण की जमीन पर अतिक्रमण कर दुकानें बनाने व प्लॉट काटकर बेचने के मामले में सरपंच को निशाने पर लिया.

सरपंच के खिलाफ ग्रामीण लामबंद

नहीं हटाऊंगा अतिक्रमण

सभी सवालों से सरपंच बचते हुए नजर आए. ग्रामीणों के सवालों से आहत होकर सरपंच के बोल उमड़ पड़े कि मैं अपने सरपंच पद से इस्तीफा दे सकता हूं, लेकिन गोचर और ओरण की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटा सकता. इस दौरान ग्रामीणों ने सरपंच पर भी अवैध तौर पर गोचर की जमीन में दुकानें बनाकर किराए पर देने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत के पास गोचर की जमीन पर बड़े भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा है, जिन्होंने भारी मात्रा में दुकानों का निर्माण भी करवा रखा है और किराए पर दिया जा रहा है.

15 सालों से उठ रही है मांग

ग्रामीणों का आरोप है कि गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग पिछले 15 सालों से लगातार उठाई जा रही है लेकिन प्रशासन कि ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले को लेकर कुछ ग्रामीणों ने हाई कोर्ट में रिट भी लगा रखी है जिसमें तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक को हाई कोर्ट में तलब किया गया था, लेकिन अतिक्रमण लगातार जारी है.

बैठक में ग्रामीणों ने इंटरनेट से जानकारी निकाल कर ग्राम पंचायत में किए गए कार्यों को जांचा. इसमें कई ऐसे कार्य भी पाए गए जिसका भुगतान 2016-17 में उठा लिया गया, लेकिन कार्य आज दिन तक पूरा नहीं हो पाया. इसके अलावा ऐसे कार्य भी थे जिनके नाम का भुगतान उठा लिया गया जबकि धरातल पर कार्य हुआ ही नहीं. जिनके बाद ग्रामीणों ने सरपंच पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार से इनके कार्यकाल में किये गए घोटालो की जांच की मांग की.

जालोर. जिले के चितलवाना उपखंड के गांव टापी में लंबे समय से गोचर की जमीन पर अतिक्रमण जारी है. इसको लेकर ग्रामीण लामबंद है. ग्रामीणों ने पंचायत से लेकर हाई कोर्ट तक लड़ाई लडने का मूड बना दिया है. लेकिन गांव के सरपंच ने कहा कि इस्तीफा दे दुंगा, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाउंगा.

ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट जोधपुर में याचिका भी दाखिल कर दी है. लेकिन अभी तक इस मामले को लेकर सुनवाई नहीं हुई है. वहीं इस गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर ग्राम पंचायत के भवन में सरपंच राणाराम प्रजापत के मौजूदगी में गुरूवार को विशेष बैठक का आयोजन हुआ जिसमें ग्रामीणों ने सरपंच को आड़े हाथ लिया. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत मुख्यालय के नजदीक गोचर और ओरण की जमीन पर अतिक्रमण कर दुकानें बनाने व प्लॉट काटकर बेचने के मामले में सरपंच को निशाने पर लिया.

सरपंच के खिलाफ ग्रामीण लामबंद

नहीं हटाऊंगा अतिक्रमण

सभी सवालों से सरपंच बचते हुए नजर आए. ग्रामीणों के सवालों से आहत होकर सरपंच के बोल उमड़ पड़े कि मैं अपने सरपंच पद से इस्तीफा दे सकता हूं, लेकिन गोचर और ओरण की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटा सकता. इस दौरान ग्रामीणों ने सरपंच पर भी अवैध तौर पर गोचर की जमीन में दुकानें बनाकर किराए पर देने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत के पास गोचर की जमीन पर बड़े भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा है, जिन्होंने भारी मात्रा में दुकानों का निर्माण भी करवा रखा है और किराए पर दिया जा रहा है.

15 सालों से उठ रही है मांग

ग्रामीणों का आरोप है कि गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग पिछले 15 सालों से लगातार उठाई जा रही है लेकिन प्रशासन कि ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले को लेकर कुछ ग्रामीणों ने हाई कोर्ट में रिट भी लगा रखी है जिसमें तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक को हाई कोर्ट में तलब किया गया था, लेकिन अतिक्रमण लगातार जारी है.

बैठक में ग्रामीणों ने इंटरनेट से जानकारी निकाल कर ग्राम पंचायत में किए गए कार्यों को जांचा. इसमें कई ऐसे कार्य भी पाए गए जिसका भुगतान 2016-17 में उठा लिया गया, लेकिन कार्य आज दिन तक पूरा नहीं हो पाया. इसके अलावा ऐसे कार्य भी थे जिनके नाम का भुगतान उठा लिया गया जबकि धरातल पर कार्य हुआ ही नहीं. जिनके बाद ग्रामीणों ने सरपंच पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार से इनके कार्यकाल में किये गए घोटालो की जांच की मांग की.

Intro:डे प्लान की खबर है.....
गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर ग्रामीण लामबंद, लेकिन सरपंच ने दो टूक में कहा, सरपंच पद से इस्तीफा दे सकता हु, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाऊंगा
- जालोर के चितलवाना पंचायत समिति के टापी पंचायत का मामला
जालोर
जिले के चितलवाना उपखंड के टॉपी ग्राम पंचायत में लम्बे समय से गोचर की जमीन पर किये जा रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए ग्रामीण अब लामबंद हो रहे है। ग्रामीणों ने पंचायत से लेकर हाई कोर्ट तक लड़ाई लडने का मूड बना दिया है। जिसके कारण ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट जोधपुर में याचिका भी दाखिल कर दी है। वहीं इस गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर ग्राम पंचायत के भवन में सरपंच राणाराम प्रजापत के मौजूदगी में विशेष बैठक का आयोजन कर सरपंच को भी आड़े हाथ लिया। जिसमें ग्रामीणों ने सरपंच के कार्यकाल में किए गए कार्यों व टॉपी ग्राम पंचायत के मुख्यालय के आसपास गोचर और ओरण की जमीन पर अतिक्रमण कर दुकानें बनाने व प्लॉट काटकर बेचने के मामले में ग्रामीणों ने सरपंच से सवाल किए, लेकिन सरपंच एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए। ग्रामीणों के सवालों से परेशान होकर सरपंच ने आखिर में बोल दिया में अपने सरपंच पद से इस्तीफा दे सकता हूं लेकिन गोचर और ओरण की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटा सकता। इस दौरान ग्रामीणों ने सरपंच पर भी अवैध तौर पर गोचर की जमीन में दुकानें बनाकर किराए पर देने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत के पास गोचर की जमीन पर बड़े भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा है जिन्होंने भारी मात्रा में दुकानों का निर्माण भी करवा रखा है इसे किराए पर दिया जा रहा है। इसके अलावा खाली पड़ी जमीन को भी भू माफिया स्टांप पर लिख कर भेज रहे है जिससे लाखों करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग पिछले 15 सालों से लगातार उठाई जा रही है लेकिन प्रशासन कि और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को लेकर कुछ ग्रामीणों ने हाई कोर्ट में रिट भी लगा रखी है जिसमें तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक को हाई कोर्ट में तलब किया था लेकिन अतिक्रमण आज भी लगातार जारी है।
करोड़ों की जमीन पर अवैध अतिक्रमण लेकिन प्रशासन चुप
जिले की टॉपी ग्राम पंचायत में करोड़ों रुपए की गोचर की जमीन पर लगातार कई सालों से अतिक्रमण किया जा रहा है जिसके कारण गोचर की जमीन भूमि अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने गोचर पर हो रहे लगातार अतिक्रमण को लेकर चितलवाना तहसीलदार, जालौर कलेक्टर सहित राज्य सरकार तक अपील कर अतिक्रमण हटाने की मांग की, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद परेशान ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसके माध्यम से अतिक्रमण से गोचर की जमीन को मुक्त करने की मांग की, लेकिन अभी तक सुनवाई ही हो रही है लेकिन कोई फैसला नहीं आ पाया। ऐसे में ग्रामीण परेशान है ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच सहित कई बड़े सत्ताधारी भू माफिया गोचर की जमीन पर अतिक्रमण कर बेच रहे हैं लेकिन प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है।
सरपंच पर लगाये गंभीर आरोप
जिले के टॉपी ग्राम पंचायत में आयोजित हुई बैठक में ग्रामीणों ने इंटरनेट से जानकारी निकाल कर ग्राम पंचायत में किए गए कार्यों कब तक सत्यापन किया गया। इसमें कई ऐसे कार्य भी पाए गए जिसका भुगतान 2016- 17 में उठा लिया गया, लेकिन कार्य आज दिन तक पूरा नहीं हो पाया। इसके अलावा ऐसे कार्य भी थे जिनके नाम का भुगतान उठा लिया गया जबकि धरातल पर कार्य हुआ ही नहीं। जिनके बाद ग्रामीणों ने सरपंच पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार से इनके कार्यकाल में किये गए घोटालो की जांच की मांग की।


Body:jalore


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.