जालोर. जिले की लगती अंतराज्यीय सीमा से प्रवासियों का आना लगातार जारी है. ऐसे में जिले की सीमा पर बनाए गए जांच केंद्रों पर सख्ती बरती जा रही है. 24 से 48 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट पर ही प्रवेश दिया जा रहा है. अगर रिपोर्ट नेगेटिव नहीं है तो पूरी जानकारी लिखकर संबंधित गांव में उसको 15 दिन के होम कॉरेंनटाइन किया जा रहा है.
कोरोना की पहली लहर में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अन्य प्रदेशों से प्रवासियों के घर आने का सिलसिला शुरू हुआ था. उस समय राज्य सरकार ने पोर्टल बनाकर प्रवासियों से आवेदन भरवाए थे. उसमें पूरे प्रदेश के सभी जिलों आने वाले प्रवासियों की सूची में आधे से ज्यादा लोग जालोर आने वाले थे. ऐसे में इस बार कोरोना की दूसरी वेव को देखते हुए में अंतरराज्यीय सीमा पर प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. प्रशासन की ओर से जिले में घुसने वाले सड़क मार्गों पर चौकियां स्थापित कर दी है. अब गुजरात से आने वाले हर एक वाहन की जांच की जा रही है. जिसमें गाड़ी में सवार लोगों के नाम पते लिखे जा रहे हैं.
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सबसे बड़ी बात की नेगेटिव आरटीपीसीआर वाले लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि अगर कोई प्रवासी आ गया और उसके पास कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं है तो उसको 15 दिन के होम कॉरेंनटाइन किया जा रहा है.
सख्ती का असर, कम आए प्रवासी
जिले के करीबन डेढ़ लाख से ज्यादा युवा रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में रहते हैं लेकिन इस बार दूसरी कोरोना की वेव में ज्यादातर लोग अपने घर पर नहीं आए हैं. आंशिक लॉकडाउन के कारण ज्यादातर प्रवासी प्रवास में अपने बिजनेस को संभाल रहे हैं लेकिन एक चौथाई भाग के प्रवासी अपनी कोरोना जांच करवाकर वापस घर की तरफ आ रहे हैं.
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महाराष्ट्र वाले प्रवासियों पर सबसे ज्यादा ध्यान
कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने इस बार काफी सख्ती लागू कर रखी है लेकिन इस बार महाराष्ट्र में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा होने के कारण महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों पर सख्ती बरती जा रही है. उनसे कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट होने के बाद प्रवेश दिया जा रहा है, अगर रिपोर्ट नेगेटिव नहीं होने पर कोविड की जांच करवाई जा रही है.