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जालोर: लॉकडाउन के बीच मनरेगा बनी वरदान, 1.28 लाख ग्रामीणों को मिला रोजगार

कोरोना को लेकर लागू किए गए लॉकडाउन में बड़े स्तर पर उघोग धंधे चौपट हो गए. जिसके कारण लाखों की तादाद में लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया. जालोर में प्रवासी बेरोजगार मजदूरों के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना वरदान साबित हो रही है. लॉकडाउन में जिले में 1 लाख 28 हजार लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है.

MNREGA provides employment, जालोर में मनरेगा से रोजगार, प्रवासियों को रोजगार
मनरेगा से प्रवासियों को मिला रोजगार
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Published : Jun 3, 2020, 11:05 PM IST

जालोर. कोविड 19 को लेकर देश में लॉकडाउन लागू होने के कारण काम धंधे ठप होने से लाखों लोग बेरोजगार हो गए. जिसमें जिले के लोग भी शामिल है. ऐसे हालात में जिले के बेरोजगार लोगों के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना वरदान साबित हो रही है. लाॅकडाउन के दौरान स्थानीय स्तर पर 1.28 लाख ग्रामीणों को रोजगार मिलने से आर्थिक संबल मिला है.

MNREGA provides employment, जालोर में मनरेगा से रोजगार, प्रवासियों को रोजगार
मनरेगा से प्रवासियों को मिला रोजगार

जिला परिषद के सीईओ अशोक कुमार सुथार ने बताया कि, जिले में लाॅकडाउन के दौरान निर्माण कार्य गतिविधियां बाधित होने से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का संकट खड़ा हो गया था. जिसके बाद जिले में लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा कार्य बड़े स्तर पर करवाया जा रहा है. जिसमें ज्यादातर कार्य पर्सनल दिए गए है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जालोर जिले में सभी पंचायत समितियों में मनरेगा कार्य चल रहे है. जिसमें 1.28 लाख श्रमिकों रोजगार दिया जा रहा है.

ये पढ़ें: जालोर: मनरेगा के तहत जिले के 810 राजस्व गांवों में विकसित होंगे खेल मैदान

पिछले साल से दोगुने लोगों को मिला रोजगार

जानकरी के अनुसार जिले में पिछले वर्ष मई माह में श्रमिकों की तादाद 70 हजार के आस-पास रही थी. लेकिन इस बार कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन के कारण बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए इसे दोगुना किया गया है. जिला कार्यक्रम समन्वयक और कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के अनुसार जालोर जिले में मनरेगा में 3476 कार्य चल रहे हैं. रोजगार की मांग के आधार पर स्थानीय स्तर पर और अधिक कार्य स्वीकृत किये जा रहे हैं. कोरोना को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण भारी संख्या में प्रवासी आये हैं. ऐसे में उनको रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए नए जॉब कार्ड भी बनाये गए हैं. जिला परिषद के सीईओ के अनुसार जिले की ग्राम पंचायतों में 5937 नये जाॅबकार्ड बनाये गये हैं.

ये पढ़ें: लॉकडाउन खुलने के साथ ही किसानों की बढ़ी उम्मीदें...फल-सब्जी की शुरू हुई आवाजाही

जसवंतपुरा औैर सांचौर पंचायत समिति में 1 करोड़ 49 लाख से अधिक के कार्य स्वीकृत

जालोर जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने महात्मा गांधी नरेगा योजना में जसवंतपुरा औैर सांचौर पंचायत समिति के विभिन्न गांवों में नाड़ी खुदाई के 10 कार्यों हेतु 1 करोड़ 49 लाख 12 हजार 433 रुपए की स्वीकृति जारी की है. इसके तहत जसवंतपुरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खानपुर में पालड़ा नाड़ी खुदाई पिचिंग कार्य हेतु 14 लाख 98 हजार 337, सांचौर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बिजरोल खेड़ा में जोड़ की नाड़ी पुनरोद्धार कार्य के लिए 14 लाख 94 हजार 49, तेराही नाड़ी खुदाई हेतु 14 लाख 90 हजार 35, मामा की नाड़ी 14 लाख 92 हजार 187 रूपए स्वीकृत किए गए हैं.

साथ ही महादेव नाड़ी खुदाई हेतु 14 लाख 99 हजार 996, सांकड़ ग्राम पंचायत में कुआवट पक्का तालाब 14 लाख 83 हजार 150, सापरोली नाड़ी 14 लाख 89 हजार 929, दिवाली नाड़ी पक्का कार्य हेतु 14 लाख 98 हजार 101, चाडार नाड़ी 14 लाख 73 हजार 515 तथा नैनोल ग्राम पंचायत में चन्द्रावली नाड़ी खुदाई पुनरोद्धार कार्य के लिए 14 लाख 93 हजार 134 रूपये स्वीकृत किये गये हैं.

जालोर. कोविड 19 को लेकर देश में लॉकडाउन लागू होने के कारण काम धंधे ठप होने से लाखों लोग बेरोजगार हो गए. जिसमें जिले के लोग भी शामिल है. ऐसे हालात में जिले के बेरोजगार लोगों के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना वरदान साबित हो रही है. लाॅकडाउन के दौरान स्थानीय स्तर पर 1.28 लाख ग्रामीणों को रोजगार मिलने से आर्थिक संबल मिला है.

MNREGA provides employment, जालोर में मनरेगा से रोजगार, प्रवासियों को रोजगार
मनरेगा से प्रवासियों को मिला रोजगार

जिला परिषद के सीईओ अशोक कुमार सुथार ने बताया कि, जिले में लाॅकडाउन के दौरान निर्माण कार्य गतिविधियां बाधित होने से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का संकट खड़ा हो गया था. जिसके बाद जिले में लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा कार्य बड़े स्तर पर करवाया जा रहा है. जिसमें ज्यादातर कार्य पर्सनल दिए गए है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जालोर जिले में सभी पंचायत समितियों में मनरेगा कार्य चल रहे है. जिसमें 1.28 लाख श्रमिकों रोजगार दिया जा रहा है.

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पिछले साल से दोगुने लोगों को मिला रोजगार

जानकरी के अनुसार जिले में पिछले वर्ष मई माह में श्रमिकों की तादाद 70 हजार के आस-पास रही थी. लेकिन इस बार कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन के कारण बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए इसे दोगुना किया गया है. जिला कार्यक्रम समन्वयक और कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के अनुसार जालोर जिले में मनरेगा में 3476 कार्य चल रहे हैं. रोजगार की मांग के आधार पर स्थानीय स्तर पर और अधिक कार्य स्वीकृत किये जा रहे हैं. कोरोना को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण भारी संख्या में प्रवासी आये हैं. ऐसे में उनको रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए नए जॉब कार्ड भी बनाये गए हैं. जिला परिषद के सीईओ के अनुसार जिले की ग्राम पंचायतों में 5937 नये जाॅबकार्ड बनाये गये हैं.

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जसवंतपुरा औैर सांचौर पंचायत समिति में 1 करोड़ 49 लाख से अधिक के कार्य स्वीकृत

जालोर जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने महात्मा गांधी नरेगा योजना में जसवंतपुरा औैर सांचौर पंचायत समिति के विभिन्न गांवों में नाड़ी खुदाई के 10 कार्यों हेतु 1 करोड़ 49 लाख 12 हजार 433 रुपए की स्वीकृति जारी की है. इसके तहत जसवंतपुरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खानपुर में पालड़ा नाड़ी खुदाई पिचिंग कार्य हेतु 14 लाख 98 हजार 337, सांचौर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बिजरोल खेड़ा में जोड़ की नाड़ी पुनरोद्धार कार्य के लिए 14 लाख 94 हजार 49, तेराही नाड़ी खुदाई हेतु 14 लाख 90 हजार 35, मामा की नाड़ी 14 लाख 92 हजार 187 रूपए स्वीकृत किए गए हैं.

साथ ही महादेव नाड़ी खुदाई हेतु 14 लाख 99 हजार 996, सांकड़ ग्राम पंचायत में कुआवट पक्का तालाब 14 लाख 83 हजार 150, सापरोली नाड़ी 14 लाख 89 हजार 929, दिवाली नाड़ी पक्का कार्य हेतु 14 लाख 98 हजार 101, चाडार नाड़ी 14 लाख 73 हजार 515 तथा नैनोल ग्राम पंचायत में चन्द्रावली नाड़ी खुदाई पुनरोद्धार कार्य के लिए 14 लाख 93 हजार 134 रूपये स्वीकृत किये गये हैं.

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