जालोर. भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के विरोध में पिछले 20 दिन से चल रहे महापड़ाव और 11 दिन से 250 किसानों के अनशन को गुरुवार को कोरोना वायरस के कारण किसान नेताओं ने स्थगित कर दिया. राष्ट्रीय किसान नेता चौधरी रमेश दलाल ने कहा कि भारत में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस पर रोकथाम को लेकर सरकार कई कड़े कदम उठा रही है. जिसमें राज्य की सरकार ने भी धारा 144 लागू करके 20 से ज्यादा लोगों भीड़ एकत्रित नहीं करने की बात कही है.
ऐसे में इस विपदा में सरकार के हर कदम का साथ देने और कोरोना वायरस को देखते हुए भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति ने अनशन को स्थगित करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि हमारा जमीन को लेकर आंदोलन है वो जारी है. किसी भी कीमत पर हम मांग पूरी हुए बिना झुकने वाले नहीं हैं. प्रत्येक जिले में 20 किसान क्रमिक अनशन करेंगे.
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साथ ही कहा कि इस बीच अगर सरकार किसानों की मांगों को मानती है तो इसी किसान बाग में जीत का जश्न मनाएंगे और अगर हमारी वाजिब मांगों की ओर सरकार ध्यान नहीं देती है तो रणनीति बनाकर दादाल के किसान बाग से बड़े स्तर का आंदोलन किया जाएगा.
शनिवार को वार्ता के बाद भी सरकार ने नहीं दिया लिखित में आदेश
किसानों की राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रतिनिधि मंडल की वार्ता शनिवार को हुई थी. जिसमें किसानों की मांगों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहमति दे दी, लेकिन किसान लिखित आदेश की मांग पर अड़े हुए थे. उसके बाद सरकार की ओर से किसानों को समय पर समय दिया गया. अब कोरोना को लेकर धारा 144 लागू करने के बाद किसानों ने कुछ दिनों के लिए अनशन स्थगित कर दिया.