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जालोर: मोक्षधाम में फर्जी विकास कार्य दिखाकर 3 लाख रुपए का घोटाला, शिकायत के बाद जागा प्रशासन

जालोर में मनरेगा के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां बिना कार्य करवाए 3 लाख रुपए का बजट खर्च कर दिया गया. सांकरिया गांव में माली समाज के मोक्षधाम का विकास करने के नाम पर 7 लाख 23 हजार का बजट स्वीकृत हुआ था. जिसमें 3 लाख का बजट मनरेगा में फर्जी मस्टर रोल चलाकर खर्च कर दिया.

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Published : Jul 2, 2020, 8:40 PM IST

Jalore Corruption News, माली समाज मोक्षधाम जालोर
फर्जी विकास कार्य दिखाकर 3 लाख रुपए का घोटाला

जालोर. मनरेगा में किस कदर फर्जीवाड़ा हो रहा है इसका नमूना जिले के चितलवाना उपखण्ड के सूंथड़ी ग्राम पंचायत में देखने को मिल रहा है. यहां 2018-19 में सांकरिया गांव में माली समाज के श्मशान घाट के विकास कार्य के लिए 7 लाख 23 हजार का बजट स्वीकृत हुआ था. जिसमें श्रम के 4 लाख 41 हजार रुपये का बजट था, जबकि 2 लाख 82 हजार का सामान्य कार्य का बजट था. इसमें श्रम के 3 लाख रुपये तत्कालीन ग्राम सेवक और सरपंच ने ई-मित्र वाले के सहयोग से ग्राम पंचायत में मनरेगा के मस्टर रोल में फर्जी नाम चलाकर खर्च कर दिए, जबकि मौके पर मनरेगा के मजदूरों ने एक भी दिन कार्य नहीं किया.

फर्जी विकास कार्य दिखाकर 3 लाख रुपए का घोटाला

कागजों में ही खानापूर्ति करते हुए 3 लाख खर्च कर दिए. अब शिकायत हुई, तो कुछ सामग्री लाकर श्मशान घाट में डाली है, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया. इस फर्जीवाड़े की शिकायत पर ईटीवी भारत की टीम गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव में ग्राम सेवक व सरपंच प्रतिनिधि ने मिलकर मनरेगा में घोटाला करते हुए श्मशान घाट के विकास कार्य के नाम पर 3 लाख का बजट खर्च कर दिया.

ऑनलाइन डाटा देखने के बाद ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत चितलवाना एसडीएम मासिंगा राम और चितलवाना पंचायत समिति के विकास अधिकारी जगदीश बिश्नोई करने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि श्मशान घाट के विकास कार्य के नाम से ग्राम पंचायत ने मनरेगा में रोजगार दिया है, वह भी केवल तीन परिवारों के लोग है. ऐसे में इस 3 लाख के कार्य में घोटाले की बू आ रही है.

पढ़ें- जोधपुरः पैरोल पर घर गया बंदी फरार, जेल प्रशासन ने करवाया मामला दर्ज

खर्च किये 3 लाख, मौके पर एक दिन भी नहीं आया कोई श्रमिक

मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत ने 27 मस्टर रोल चलाकर माली समाज के श्मशान घाट के विकास कार्य में 3 लाख का कार्य करवा दिया, जबकि मौके पर एक भी श्रमिक नहीं आया, ना ही किसी प्रकार का कार्य किया गया है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की वेब साइट पर जानकारी देखने पर पता चला की माली समाज मोक्ष धाम विकास कार्य के लिए 27 मस्टर रोल में श्रमिकों के नाम चलाकर 3 लाख की राशि खर्च हो चुकी है. ऐसे में देखा जाए तो 7 लाख में से 3 लाख का खर्च करने से करीबन 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन कार्य तो अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है.

शिकायत के बाद कुछ चादर पर पाइप लाकर डाले

ग्रामीणों ने मोक्ष धाम में विकास कार्य के नाम पर तकरीबन 3 लाख रुपए खर्च करने की जानकारी मिलने के बाद, उच्च अधिकारियों को शिकायत की तो ग्राम पंचायत के कर्मचारियों ने श्मशान घाट में कुछ चादर और लोहे के पाइप लाकर जरूर डाले है, लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं किया गया है.

पढ़ें- जोधपुर: महिला की मौत पर परिजनों ने लगाया ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का आरोप

कार्य पूर्ण के बोर्ड तक बन गए

ग्राम पंचायत में माली समाज के मोक्षधाम में विकास कार्य 2018-19 में स्वीकृत हो चुका था. जिसके बाद पंचायत ने अप्रैल 2019 को कार्य को शुरू करवा दिया. अब कार्य पूर्ण होने के बोर्ड भी बनाकर मौके पर लगाने की तैयारी कर दी है, जबकि कार्य शुरू ही नहीं करवाया गया है.

जालोर. मनरेगा में किस कदर फर्जीवाड़ा हो रहा है इसका नमूना जिले के चितलवाना उपखण्ड के सूंथड़ी ग्राम पंचायत में देखने को मिल रहा है. यहां 2018-19 में सांकरिया गांव में माली समाज के श्मशान घाट के विकास कार्य के लिए 7 लाख 23 हजार का बजट स्वीकृत हुआ था. जिसमें श्रम के 4 लाख 41 हजार रुपये का बजट था, जबकि 2 लाख 82 हजार का सामान्य कार्य का बजट था. इसमें श्रम के 3 लाख रुपये तत्कालीन ग्राम सेवक और सरपंच ने ई-मित्र वाले के सहयोग से ग्राम पंचायत में मनरेगा के मस्टर रोल में फर्जी नाम चलाकर खर्च कर दिए, जबकि मौके पर मनरेगा के मजदूरों ने एक भी दिन कार्य नहीं किया.

फर्जी विकास कार्य दिखाकर 3 लाख रुपए का घोटाला

कागजों में ही खानापूर्ति करते हुए 3 लाख खर्च कर दिए. अब शिकायत हुई, तो कुछ सामग्री लाकर श्मशान घाट में डाली है, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया. इस फर्जीवाड़े की शिकायत पर ईटीवी भारत की टीम गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव में ग्राम सेवक व सरपंच प्रतिनिधि ने मिलकर मनरेगा में घोटाला करते हुए श्मशान घाट के विकास कार्य के नाम पर 3 लाख का बजट खर्च कर दिया.

ऑनलाइन डाटा देखने के बाद ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत चितलवाना एसडीएम मासिंगा राम और चितलवाना पंचायत समिति के विकास अधिकारी जगदीश बिश्नोई करने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि श्मशान घाट के विकास कार्य के नाम से ग्राम पंचायत ने मनरेगा में रोजगार दिया है, वह भी केवल तीन परिवारों के लोग है. ऐसे में इस 3 लाख के कार्य में घोटाले की बू आ रही है.

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खर्च किये 3 लाख, मौके पर एक दिन भी नहीं आया कोई श्रमिक

मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत ने 27 मस्टर रोल चलाकर माली समाज के श्मशान घाट के विकास कार्य में 3 लाख का कार्य करवा दिया, जबकि मौके पर एक भी श्रमिक नहीं आया, ना ही किसी प्रकार का कार्य किया गया है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की वेब साइट पर जानकारी देखने पर पता चला की माली समाज मोक्ष धाम विकास कार्य के लिए 27 मस्टर रोल में श्रमिकों के नाम चलाकर 3 लाख की राशि खर्च हो चुकी है. ऐसे में देखा जाए तो 7 लाख में से 3 लाख का खर्च करने से करीबन 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन कार्य तो अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है.

शिकायत के बाद कुछ चादर पर पाइप लाकर डाले

ग्रामीणों ने मोक्ष धाम में विकास कार्य के नाम पर तकरीबन 3 लाख रुपए खर्च करने की जानकारी मिलने के बाद, उच्च अधिकारियों को शिकायत की तो ग्राम पंचायत के कर्मचारियों ने श्मशान घाट में कुछ चादर और लोहे के पाइप लाकर जरूर डाले है, लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं किया गया है.

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कार्य पूर्ण के बोर्ड तक बन गए

ग्राम पंचायत में माली समाज के मोक्षधाम में विकास कार्य 2018-19 में स्वीकृत हो चुका था. जिसके बाद पंचायत ने अप्रैल 2019 को कार्य को शुरू करवा दिया. अब कार्य पूर्ण होने के बोर्ड भी बनाकर मौके पर लगाने की तैयारी कर दी है, जबकि कार्य शुरू ही नहीं करवाया गया है.

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