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स्पेशल: जालोर में टिड्डी दल का हमला, रबी की फसल पूरी तरह चौपट...किसानों ने की मुआवजे की मांग

जालोर में एक बार फिर से सीमा पार पाकिस्तान से आये बड़े टिड्डी दल ने जिले के गांवों में धावा बोल दिया है, जिससे किसानों की खेतों में खड़ी रबी की फसलें नष्ट हो रही है. टिड्डी के इस हमले की जानकारी प्रशासन को देने के बावजूद भी प्रशासन और टिड्डी नियंत्रण दल कुछ नहीं कर पाया है.

जालोर न्यूज, jalore news
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Published : Dec 14, 2019, 11:02 PM IST

जालोर. जिले के गांवों में टिड्डी दल ने एक बार फिर हमला कर दिया है, जिससे किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है. वहीं यह दल लगातार आगे बढ़ रहा है, जिससे किसान चिंतित है.

वहीं टिड्डी नियंत्रण को लेकर भी अभी तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. ऐसे में किसानों को चिंता है कि अगर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो, क्षेत्र में करीब ढाई लाख हेक्टेयर में फैली रबी की फसल को पूरा बर्बाद कर देगी.

टिड्डी दल के हमले से रबी की फसल पूरी तरह चौपट

सीमा पार पाकिस्तान से आये बड़े टिड्डी दल ने जिले के गांवों में धावा बोल दिया है. टिड्डी से खेतों में खड़ी रबी की फसलों को नष्ट होने की आशंका है. टिड्डी के इस हमले की जानकारी प्रशासन को देने के बावजूद भी प्रशासन और टिड्डी नियंत्रण दल कुछ नहीं कर पाया है.

हालांकि, टिड्डी के जालोर के गांवों में प्रवेश की जानकारी कलेक्टर को मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजा गया था, लेकिन टिड्डी पर नियंत्रण करने के लिए कोई ठोस संसाधन उपलब्ध नहीं करवाये, जिसके कारण टिड्डी ने हजारों हेक्टेयर में फैल कर रबी की पूरी फसल को चट कर लिया.

पाकिस्तान से आया टिड्डी दल

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान में टिड्डी की पॉपुलेशन थी और वे उसे नष्ट नहीं कर पाए. वहीं इस गुरुवार को बारिश के साथ हवा का रुख भारत की तरफ होने पर इस टिड्डी दल ने भारत में प्रवेश कर लिया.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरीः जर्जर भवन को ढहाने के बाद भुल गए अधिकारी, बच्चे खुले में पढ़ने को है मजबूर

वहीं शुक्रवार शाम को करीबन 4 बजे टिड्डी दल जालोर जिले के बेड़िया गांव में सबसे पहले दिखाई दिया, जिसके बाद आगे के गांवों में फैलता गया, जिससे भींचरो की ढाणी, बेड़िया, कलजी की बेरी, भीमगुड़ा, आरवा, रामदेव नगर, सुन्थड़ी, सुराचंद, सुजानपुरा सहित आसपास के दर्जनों गांवों में रबी की इसबगोल, जीरा, गेंहू, तारामीरा, अरण्डी और सरसों की फसल को चट कर लिया.

नियंत्रण से बाहर हुआ टिड्डी दल

नेहड़ क्षेत्र में करीबन 10 किमी की परिधि में टिड्डी का फैलाव हो रखा है। जिसको कंट्रोल करना अब स्थानीय प्रशासन के हाथ में नहीं है। प्रशासन के पास में टिड्डी रोकथाम या नियंत्रण करने के लिए एक मशीन है लेकिन वह भी खराब हालत में है, जिसके कारण मशीन का आज दिनभर कोई उपयोग नहीं हो पाया.

पढ़ें- ये है 'खुशियों की पाठशाला', यहां पर समझेंगे आखिर क्या सोचते हैं बच्चे

टिड्डी दल द्वारा आसपास के गांवों में रबी फसल बर्बाद की जा रही है. वहीं अगर जल्द सरकार द्वारा टिड्डी दल पर नियंत्रण को लेकर कड़े कदम नहीं उठाए गए तो जिले के सांचोर और चितलवाना क्षेत्र में करीबन ढाई लाख हेक्टेयर में फैली रबी की फसल को तबाह कर देगी.

पीछे से टिड्डी दल के आने की सूचना से किसान चिंतित

पाकिस्तान भारत के अंतराष्ट्रीय बॉर्डर से बाड़मेर जिले के गांवों में होती हुई टिड्डी का बड़ा दल जालोर की ओर बढ़ रहा है. जिसके आने की सूचना मिलने के बाद किसान चिंतित है. वहीं प्रशासन भी टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है.

जालोर. जिले के गांवों में टिड्डी दल ने एक बार फिर हमला कर दिया है, जिससे किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है. वहीं यह दल लगातार आगे बढ़ रहा है, जिससे किसान चिंतित है.

वहीं टिड्डी नियंत्रण को लेकर भी अभी तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. ऐसे में किसानों को चिंता है कि अगर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो, क्षेत्र में करीब ढाई लाख हेक्टेयर में फैली रबी की फसल को पूरा बर्बाद कर देगी.

टिड्डी दल के हमले से रबी की फसल पूरी तरह चौपट

सीमा पार पाकिस्तान से आये बड़े टिड्डी दल ने जिले के गांवों में धावा बोल दिया है. टिड्डी से खेतों में खड़ी रबी की फसलों को नष्ट होने की आशंका है. टिड्डी के इस हमले की जानकारी प्रशासन को देने के बावजूद भी प्रशासन और टिड्डी नियंत्रण दल कुछ नहीं कर पाया है.

हालांकि, टिड्डी के जालोर के गांवों में प्रवेश की जानकारी कलेक्टर को मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजा गया था, लेकिन टिड्डी पर नियंत्रण करने के लिए कोई ठोस संसाधन उपलब्ध नहीं करवाये, जिसके कारण टिड्डी ने हजारों हेक्टेयर में फैल कर रबी की पूरी फसल को चट कर लिया.

पाकिस्तान से आया टिड्डी दल

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान में टिड्डी की पॉपुलेशन थी और वे उसे नष्ट नहीं कर पाए. वहीं इस गुरुवार को बारिश के साथ हवा का रुख भारत की तरफ होने पर इस टिड्डी दल ने भारत में प्रवेश कर लिया.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरीः जर्जर भवन को ढहाने के बाद भुल गए अधिकारी, बच्चे खुले में पढ़ने को है मजबूर

वहीं शुक्रवार शाम को करीबन 4 बजे टिड्डी दल जालोर जिले के बेड़िया गांव में सबसे पहले दिखाई दिया, जिसके बाद आगे के गांवों में फैलता गया, जिससे भींचरो की ढाणी, बेड़िया, कलजी की बेरी, भीमगुड़ा, आरवा, रामदेव नगर, सुन्थड़ी, सुराचंद, सुजानपुरा सहित आसपास के दर्जनों गांवों में रबी की इसबगोल, जीरा, गेंहू, तारामीरा, अरण्डी और सरसों की फसल को चट कर लिया.

नियंत्रण से बाहर हुआ टिड्डी दल

नेहड़ क्षेत्र में करीबन 10 किमी की परिधि में टिड्डी का फैलाव हो रखा है। जिसको कंट्रोल करना अब स्थानीय प्रशासन के हाथ में नहीं है। प्रशासन के पास में टिड्डी रोकथाम या नियंत्रण करने के लिए एक मशीन है लेकिन वह भी खराब हालत में है, जिसके कारण मशीन का आज दिनभर कोई उपयोग नहीं हो पाया.

पढ़ें- ये है 'खुशियों की पाठशाला', यहां पर समझेंगे आखिर क्या सोचते हैं बच्चे

टिड्डी दल द्वारा आसपास के गांवों में रबी फसल बर्बाद की जा रही है. वहीं अगर जल्द सरकार द्वारा टिड्डी दल पर नियंत्रण को लेकर कड़े कदम नहीं उठाए गए तो जिले के सांचोर और चितलवाना क्षेत्र में करीबन ढाई लाख हेक्टेयर में फैली रबी की फसल को तबाह कर देगी.

पीछे से टिड्डी दल के आने की सूचना से किसान चिंतित

पाकिस्तान भारत के अंतराष्ट्रीय बॉर्डर से बाड़मेर जिले के गांवों में होती हुई टिड्डी का बड़ा दल जालोर की ओर बढ़ रहा है. जिसके आने की सूचना मिलने के बाद किसान चिंतित है. वहीं प्रशासन भी टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है.

Intro:जिले के गांवों में टिड्डी दल द्वारा किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। यह दल लगातार आगे बढ़ रहा है। जिससे किसान चिंतित है। वहीं टिड्डी नियंत्रण को लेकर भी अभी तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। ऐसे में किसानों को चिंता है कि अगर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो क्षेत्र में करीबन ढाई लाख हेक्टेयर में फैली रबी की फसल को पूरा बर्बाद कर देगी।




Body:टिड्डी दल के हमले से रबी की फसल पूरी तरह चौपट, किसानों ने की मुआवजे की मांग
जालोर
जिले में एक बार फिर से सीमा पार पाकिस्तान से आये बड़े टिड्डी दल ने जालोर जिले के गांवों में धावा बोल दिया। किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसलों को नष्ट कर दिया। टिड्डी के इस हमले की जानकारी प्रशासन को देने के बावजूद भी प्रशासन व टिड्डी नियंत्रण दल कुछ नहीं कर पाया। हालांकि टिड्डी के जालोर के गांवों में प्रवेश की जानकारी कलेक्टर को मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजा गया था, लेकिन टिड्डी पर नियंत्रण करने के लिए कोई ठोस संसाधन उपलब्ध नहीं करवाये। जिसके कारण टिड्डी ने हजारों हेक्टेयर में फैल कर रबी की पूरी फसल को चट कर लिया।
पाकिस्तान से आया टिड्डी दल
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान में टिड्डी की पॉपुलेशन थी और वे उसे नष्ट नहीं कर पाए। वहीं इस गुरुवार को बारिश के साथ हवा का रुख भारत की तरफ होने पर इस टिड्डी दल ने भारत में प्रवेश कर लिया। शुक्रवार शाम को करीबन चार बजे टिड्डी दल जालोर जिले के बेड़िया गांव में सबसे पहले दिखाई दिया। जिसके बाद आगे के गांवों में फैलता गया। जिससे भींचरो की ढाणी, बेड़िया, कलजी की बेरी, भीमगुड़ा, आरवा, रामदेव नगर, सुन्थड़ी, सुराचंद, सुजानपुरा सहित आसपास के दर्जनों गांवों में रबी की इसबगोल, जीरा, गेंहू, तारामीरा, अरण्डी व सरसों की फसल को चट कर लिया।
नियंत्रण से बाहर हुआ टिड्डी दल
नेहड़ क्षेत्र में करीबन 10 किमी की परिधि में टिड्डी का फैलाव हो रखा है। जिसको कंट्रोल करना अब स्थानीय प्रशासन के हाथ में नहीं है। प्रशासन के पास में टिड्डी रोकथाम या नियंत्रण करने के लिए एक मशीन है लेकिन वह भी खराब हालत में है। जिसके कारण मशीन का आज दिनभर कोई उपयोग नहीं हो पाया। टिड्डी दल द्वारा आसपास के गांवों में रबी फसल बर्बाद की जा रही है। वहीं अगर जल्द सरकार द्वारा टिड्डी दल पर नियंत्रण को लेकर कड़े कदम नहीं उठाए गए तो जिले के सांचोर व चितलवाना क्षेत्र में करीबन ढाई लाख हेक्टेयर में फैली रबी की फसल को तबाह कर देगी।
पीछे से टिड्डी दल के आने की सूचना से किसान चिंतित
पाकिस्तान भारत के अंतराष्ट्रीय बॉर्डर से बाड़मेर जिले के गांवों में होती हुई टिड्डी का बड़ा दल जालोर की ओर बढ़ रहा है। जिसके आने की सूचना मिलने के बाद किसान चिंतित है। वहीं प्रशासन भी टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है।

बाईट- रामप्रताप भींचर, किसान
बाईट- मोहन लाल बिश्नोई, किसान आरवा
बाईट- मोहन लाल कोली, किसान
बाईट- पनाराम, किसान
बाईट- मानाराम माली, किसान
बाईट- फूलाराम मेघवाल, सहायक कृषि उप निदेशक जालोर


Conclusion:
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