जयपुर: सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने एक युवती को नया जीवनदान दिया है. दरअसल 30 वर्षीय जयपुर निवासी महिला दोनों हाथ और पैरों के लकवे से पीड़ित थी. न्यूरोसर्जन डॉक्टर अचल शर्मा और उनकी टीम ने जब मरीज की जांच की, तो स्पाइन ट्यूमर का पता चला. उनका दावा है कि यह विश्व का सर्वाधिक लंबाई का स्पाइन ट्यूमर था, जिसे सर्जरी कर निकाला गया.
मरीज लवीना के पति ने बताया कि वह 6 वर्ष से गर्दन व कंधों के दर्द से परेशान थी. जिसके लिए वह आम दर्द निवारक दवाइयां लेती थी. समय के साथ दिक्कत बढ़ती गई तथा फिजियोथेरेपी से भी किसी भी प्रकार का लाभ नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि दूसरे बच्चे के जन्म के बाद दाएं हाथ व बाजू में सुन्नपन और कमजोरी महसूस हुई. कुछ समय बाद दोनों पैरों में भी कमजोरी आ गयी. जिसके कारण लवीना कभी-कभार चलते हुए भी गिर जाती थी. दोनों हाथों में झटके महसूस होते थे. इन सब से वह शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान हो गई थी. लवीना के पति ने बताया कि इलाज के लिए कई अस्पतालों में घूमे और कई चिकित्सकों से परामर्श भी लिया, लेकिन इसके बाद भी आराम नहीं आया.
ट्यूमर का पता चला: MRI के बाद मस्तिष्क के ब्रेन स्टेम से लेकर पीठ के नीचे के हिस्से तक नस में ट्यूमर (इंट्रामेडुलरी) का पता चला. जिसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन ही था. लेकिन हर जगह इस ट्यूमर के ऑपरेशन के बाद चारों हाथ-पैरों का लकवा होने की अत्यधिक संभावना बताई गई एवं AIIMS अस्पताल, दिल्ली के लिए रेफर किया गया. कई जगह दिखाने पर पता चला कि 8 से 10 लाख रुपए का खर्च आएगा. इसके बाद भी ठीक होने के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इसके बाद परिजनों ने एसएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में परामर्श लिया और अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें विश्वास दिलाया कि मरीज ठीक हो सकता है.
इस तरह किया ऑपरेशन को अंजाम: न्यूरोसर्जन डॉक्टर अचल शर्मा ने बताया कि एमआरआई जांच में मरीज के ब्रेन के मेडयुला से लेकर रीड की हड्डी के भीतर मेरु (स्पाइनल कॉर्ड) में एक गांठ (Tumour) आधे धड़ तक फैली हुई थी (ब्रेन स्टेम के मेडयूला भाग से D5 स्पाइन के निचले भाग तक). इस महिला का ऑपरेशन एसएमएस के न्यूरोसर्जन डॉक्टर अचल शर्मा एवं डॉक्टर गौरव जैन ने कुशलतापूर्वक किया. डॉक्टर मधुर, डॉक्टर हर्षिल, डॉक्टर सागर (न्यूरो सर्जरी विभाग), डॉक्टर शोभा पुरोहित एवं डॉक्टर नीलू शर्मा (निश्चेतना विभाग) के साथ पूरी टीम का सहयोग रहा. ऑपरेशन के दौरान रीड की हड्डी, सिर से लेकर आधे धड़ तक एक भाग में पीछे से काटी गई. जिसे ट्यूमर निकालने के पश्चात पुन: अपनी जगह पर जोड़ा गया. संपूर्ण ट्यूमर को ब्रेन से लेकर स्पाइनल कॉर्ड के निचले हिस्से तक नसों के बीच से एक साथ पूर्ण रूप से (Enbloc excision) निकाला गया.
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8 घंटे चला ऑपरेशन: डॉ शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन को करने में लगभग 8 घंटे का समय लगा. मरीज का ऑपरेशन पूर्ण रूप से सफल रहा तथा मरीज की हालत में सुधार देखा गया. वह अब बिना परेशानी के चलने लगी है. यह ऑपरेशन चिरंजीवी योजना के चलते पूर्णतः नि:शुल्क हुआ है. अस्पताल के चिकित्सकों ने दावा किया है कि उपलब्ध आंकड़ों एवं रिकॉर्ड के अनुसार यह ट्यूमर अभी तक का विश्व का सर्वाधिक लंबाई का स्पाइन ट्यूमर (इंट्रामेडुलरी ट्यूमर) है जो कि पूरा (Enbloc excision) एक साथ निकाला गया है. भारत ही नहीं, विश्व में किसी न्यूरो सर्जन द्वारा सरकारी अस्पताल में रीड की हड्डी के इतने लंबे हिस्से में फैले ट्यूमर का सफल ऑपरेशन पहली बार किया गया है. जिसको मेडिकल जर्नल में प्रकाशित होने के लिए भी भेजा गया है.