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जालोरः टिड्डी प्रभावित किसानों ने की बैठक, मुआवजे की रखी मांग

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Published : Jan 26, 2020, 11:30 PM IST

जालोर में टिड्डी प्रभावित किसानों ने रविवार को एक बैठक आयोजित कर सरकार को मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही पटवारियों पर गिरदावरी में गड़बड़ी करने का आरोप भी लगाया है.

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मुआवजे की रखी मांग

जालोर. जिले के चितलवाना उपखंड के डूंगरी में रविवार को किसानों ने एक बैठक आयोजित करके टिड्डी प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देने का निर्णय किया है.

टिड्डी प्रभावित किसानों ने की बैठक

बैठक में किसानों ने बताया कि सप्ताह भर पहले टिड्डी ने धावा बोला था. उस समय डूंगरी ग्राम पंचायत सहित आसपास के दर्जनो गांवों में रबी की फसल को पूरा बर्बाद कर दिया था. जिसके बाद अब स्पेशल गिरदावरी की जा रही है, लेकिन पटवारी नुकसान मात्र 50 फीसदी दिखा रहा है. ऐसे में नुकसान का आंकलन कम करने का आरोप लगाते हुए किसान आक्रोशित हैं.

पढ़ेंः जांबाज जवान : बाइक पर दिखाए हैरतअंगेज करतब, सबको रोमांचित किया

किसानों ने कहा कि एक तो सरकार पहले मात्र 13 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा दे रही है. साथ ही पटवारी खराबा भी 50 फीसदी ही दिखा रहा है. जिससे मुआवजा ना के बराबर मिलेगा. इसके साथ ही किसानों ने बताया की एक व्यक्ति या उसके परिवार के लोगों ने 5 से 10 हेक्टेयर के बीच जमीन में रबी की फसल की बुआई कर रखी है और सरकार मात्र एक हेक्टेयर का ही देगी. जिसके कारण किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं हो रही है.

प्रधान हनुमान प्रसाद भादू ने बताया कि सरकार किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करे, नहीं तो किसान बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. टिड्डी ने इस क्षेत्र में 4 बार अटैक किया, लेकिन हर बार आसपास के गांवों में होकर निकल गई, लेकिन 20 जनवरी को आई टिड्डी ने डूंगरी, कोलियों की बेरी, डेला, बरसल की बेरी, बंधाकुआ, सेसावा, कागोड़ा, बेनीवालो कि ढाणी, पिथाबेरी, जालबेरी सहित आसपास के गांवों में पड़ाव किया और पूरी रबी की फसल को बर्बाद करके बाड़मेर की तरफ टिड्डी चली गई.

पढ़ेंः जयपुर : हाईकोर्ट में गणतंत्र दिवस समारोह बना ऐतिहासिक, पहली बार महिला जज ने फहराया तिरंगा

अब किसान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जो मुआवजा सरकार दे रही है यह खरीफ की फसल के लिए निर्धारित किया हुआ है. रबी की सीजन में जीरे सहित अन्य फसल की किसानों ने बुआई कर रखी है जो महंगी फसल है.

जालोर. जिले के चितलवाना उपखंड के डूंगरी में रविवार को किसानों ने एक बैठक आयोजित करके टिड्डी प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देने का निर्णय किया है.

टिड्डी प्रभावित किसानों ने की बैठक

बैठक में किसानों ने बताया कि सप्ताह भर पहले टिड्डी ने धावा बोला था. उस समय डूंगरी ग्राम पंचायत सहित आसपास के दर्जनो गांवों में रबी की फसल को पूरा बर्बाद कर दिया था. जिसके बाद अब स्पेशल गिरदावरी की जा रही है, लेकिन पटवारी नुकसान मात्र 50 फीसदी दिखा रहा है. ऐसे में नुकसान का आंकलन कम करने का आरोप लगाते हुए किसान आक्रोशित हैं.

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किसानों ने कहा कि एक तो सरकार पहले मात्र 13 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा दे रही है. साथ ही पटवारी खराबा भी 50 फीसदी ही दिखा रहा है. जिससे मुआवजा ना के बराबर मिलेगा. इसके साथ ही किसानों ने बताया की एक व्यक्ति या उसके परिवार के लोगों ने 5 से 10 हेक्टेयर के बीच जमीन में रबी की फसल की बुआई कर रखी है और सरकार मात्र एक हेक्टेयर का ही देगी. जिसके कारण किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं हो रही है.

प्रधान हनुमान प्रसाद भादू ने बताया कि सरकार किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करे, नहीं तो किसान बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. टिड्डी ने इस क्षेत्र में 4 बार अटैक किया, लेकिन हर बार आसपास के गांवों में होकर निकल गई, लेकिन 20 जनवरी को आई टिड्डी ने डूंगरी, कोलियों की बेरी, डेला, बरसल की बेरी, बंधाकुआ, सेसावा, कागोड़ा, बेनीवालो कि ढाणी, पिथाबेरी, जालबेरी सहित आसपास के गांवों में पड़ाव किया और पूरी रबी की फसल को बर्बाद करके बाड़मेर की तरफ टिड्डी चली गई.

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अब किसान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जो मुआवजा सरकार दे रही है यह खरीफ की फसल के लिए निर्धारित किया हुआ है. रबी की सीजन में जीरे सहित अन्य फसल की किसानों ने बुआई कर रखी है जो महंगी फसल है.

Intro:जिले में टिड्डी प्रभावित किसानों ने आज एक बैठक आयोजित करके सरकार से मुआवजा देने की मांग करते हुए पटवारियों पर गिरदावरी में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया।


Body:टिड्डी प्रभावित किसानों ने बैठक आयोजित करके मुआवजे की मांग की
जालोर
जिले के चितलवाना उपखंड के डूंगरी गांव में आज किसानों ने एक बैठक आयोजित करके टिड्डी प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने सहित विभिन्न् मांगों को लेकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देने का निर्णय किया। बैठक में किसानों ने बताया कि सप्ताह भर पहले टिड्डी ने धावा बोला था। उस समय डूंगरी ग्राम पंचायत सहित आसपास के दर्जनो गांवों में रबी की फसल को पूरा बर्बाद कर दिया। जिसके बाद अब स्पेशल गिरदावरी की जा रही है, लेकिन पटवारी नुकसान मात्र 50 प्रतिशत दिखा रहा है। ऐसे में नुकसान का आंकलन कम करने के आरोप लगाते हुए किसान आक्रोशित है। किसानों ने कहा कि एक तो सरकार पहले मात्र 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दे रही है जो केवल ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। ऊपर से पटवारी खराबा 50 प्रतिशत ही दिखा रहा है। जिससे मुआवजा न के बराबर मिलेगा। इसके साथ ही किसानों ने बताया की एक व्यक्ति या उसके परिवार के लोगों ने 5 से 10 हेक्टेयर के बीच जमीन में रबी की फसल की बुवाई कर रखी है और सरकार मात्र एक हेक्टेयर का ही देगी। जिसके कारण किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं हो रही है। प्रधान हनुमान प्रसाद भादू ने बताया कि सरकार किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करे, नहीं तो किसान बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
टिड्डी ने चार बार किया अटेक, आखिर में सभी की फसल की चौपट
टिड्डी ने इस क्षेत्र में चार बार अटेक किया, लेकिन हर बार आसपास के गांवों में होकर निकल गई, लेकिन 20 जनवरी को आई टिड्डी ने डूंगरी, कोलियों की बेरी, डेला, बरसल की बेरी, बँधाकुआ, सेसावा, कागोड़ा, बेनीवालो कि ढाणी, पिथाबेरी, जालबेरी सहित आसपास के गांवों में पड़ाव किया और पूरी रबी की फसल को बर्बाद करके बाड़मेर जिले की तरफ टिडडी चली गई। अब किसान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे है। किसानों का आरोप है कि जो मुआवजा सरकार दे रही है यह खरीफ की फसल के लिए निर्धारित किया हुआ है। रबी की सीजन में जीरे सहित अन्य फसल की किसानों ने बुवाई कर रखी है जो महंगी फसल है।

बाईट- हनुमान प्रसाद भादू, प्रधान चितलवाना
बाईट- गणपत सिंह बिश्नोई, ग्रामीण
बाईट- गणपत सिंह जाट, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चितलवाना
बाईट- पांचाराम बिश्नोई, पूर्व बीईईओ



Conclusion:इस खबर के विजुअल रेप से भेज रहा हु। पैकेज बनाकर।
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