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जालोर : नई आबकारी नीति का शराब ठेकेदारों ने किया विरोध, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

राजस्थान में राज्य सरकार की नई आबकारी नीति का जालोर में भी विरोध हो रहा है. शराब ठेकेदारों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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Published : Feb 19, 2020, 9:11 PM IST

जालोर न्यूज, jalore news
नई आबकारी नीति के विरोध में उतरे शराब ठेकेदार

जालोर. जिले के शराब ठेकेदारों ने आबकारी बंदोबस्त के तहत आबकारी नीति 2020-21 का विरोध जताते हुए कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया और बदलाव करने की मांग की है. शराब ठेकेदारों ने बताया, कि नई आबकारी नीति में कई कमियां है, जिसमें बदलाव किया जाए. ऐसा नहीं होता है तो वे इस आबकारी नीति का बहिष्कार करेंगे.

नई आबकारी नीति के विरोध में उतरे शराब ठेकेदार

यह भी पढ़ेंः स्पेशलः दो नदियों का प्रवाह रोक बनाया गया था अभेद लोहागढ़ दुर्ग, मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने टेके थे घुटने

ज्ञापन देने से पहले सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शराब विक्रेता कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है, कि नई नीति में शराब विक्रेताओं के हितों की तरफ कम ध्यान दिया गया है, जिससे उन्हें इस साल ठेकों के संचालन में काफी परेशानी होगी.

पढ़ें- स्पेशलः गुजरात से पहले जयपुर में भी बनी थी गरीबी छुपाने के लिए दीवार

उन्होंने बताया, कि इस आबकारी नीति में जो नियम कायदे हैं, वे हालातों के अनुरूप नहीं हैं. जिले के सभी ठेकेदारों ने नई नीति में बदलाव नहीं करने पर पॉलिसी का बहिष्कार करने की बात कही है. राजस्थान शराब ठेकेदार संघ के सदस्य एक भी फॉर्म नहीं भरेंगे.

इन नीतियों का कर रहे विरोध
सरकार के नाम सौंपे गए ज्ञापन में देशी और कंपोजिट दुकानों में आरएलएम 25 यूपी की 30 प्रतिशत गारंटी को खत्म करके स्वेच्छा से करने, देशी मदिरा में एमआरपी को खत्म करके गारंटी कम करने, शराब की दुकानों पर सिविल पुलिस का हस्तक्षेप खत्म करने, 58सी का प्रावधान यथावत रखने, शराब की दुकान खुलने का समय सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक करने, देशी शराब की परमिट फीस 100 रुपए रखने, देशी शराब की दुकान सत्र 2020-21 के आधार पर 15 प्रतिशत के अधार पर देशी दुकानों की गारंटी बनाने की मांग की गई. इस दौरान मांगूसिंह, गोविंदसिंह, दीपेश सिद्धावत, अशोक कुमार समेत जिलेभर से शराब दुकान संचालक मौजूद रहे.

जालोर. जिले के शराब ठेकेदारों ने आबकारी बंदोबस्त के तहत आबकारी नीति 2020-21 का विरोध जताते हुए कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया और बदलाव करने की मांग की है. शराब ठेकेदारों ने बताया, कि नई आबकारी नीति में कई कमियां है, जिसमें बदलाव किया जाए. ऐसा नहीं होता है तो वे इस आबकारी नीति का बहिष्कार करेंगे.

नई आबकारी नीति के विरोध में उतरे शराब ठेकेदार

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ज्ञापन देने से पहले सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शराब विक्रेता कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है, कि नई नीति में शराब विक्रेताओं के हितों की तरफ कम ध्यान दिया गया है, जिससे उन्हें इस साल ठेकों के संचालन में काफी परेशानी होगी.

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उन्होंने बताया, कि इस आबकारी नीति में जो नियम कायदे हैं, वे हालातों के अनुरूप नहीं हैं. जिले के सभी ठेकेदारों ने नई नीति में बदलाव नहीं करने पर पॉलिसी का बहिष्कार करने की बात कही है. राजस्थान शराब ठेकेदार संघ के सदस्य एक भी फॉर्म नहीं भरेंगे.

इन नीतियों का कर रहे विरोध
सरकार के नाम सौंपे गए ज्ञापन में देशी और कंपोजिट दुकानों में आरएलएम 25 यूपी की 30 प्रतिशत गारंटी को खत्म करके स्वेच्छा से करने, देशी मदिरा में एमआरपी को खत्म करके गारंटी कम करने, शराब की दुकानों पर सिविल पुलिस का हस्तक्षेप खत्म करने, 58सी का प्रावधान यथावत रखने, शराब की दुकान खुलने का समय सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक करने, देशी शराब की परमिट फीस 100 रुपए रखने, देशी शराब की दुकान सत्र 2020-21 के आधार पर 15 प्रतिशत के अधार पर देशी दुकानों की गारंटी बनाने की मांग की गई. इस दौरान मांगूसिंह, गोविंदसिंह, दीपेश सिद्धावत, अशोक कुमार समेत जिलेभर से शराब दुकान संचालक मौजूद रहे.

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