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जालोर: रानीवाड़ा विधायक और व्यापारियों का धरना प्रदर्शन, हेड कांस्टेबल को हटाने की मांग

जालोर के रानीवाड़ा में चल रहे विधायक नारायण सिंह देवल के नेतृत्व में व्यापारियों का धरना शनिवार को समाप्त हुआ. ये धरना कर्फ्यू हटाने और बाजार खुलवाने के आदेश जारी करने को लेकर पंचायत समिति के आगे मुख्य सड़क पर दिया जा रहा था. वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने शनिवार शाम तक बाजार खुलवाने का आदेश जारी करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद विधायक और व्यापारियों ने धरना समाप्त किया.

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विधायक एवं व्यापारियों का धरना समाप्त
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Published : May 23, 2020, 5:16 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर). जिले के रानीवाड़ा कस्बे में 7 मई को कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कलेक्टर ने कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए थे. इसके बाद शुक्रवार शाम रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल के नेतृत्व में व्यापारियों ने कर्फ्यू हटाने और बाजार खुलवाने को लेकर पंचायत समिति के आगे मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए. इस दौरान विधायक और व्यापारियों ने प्रशासन और पुलिस के तानाशाही पूर्वक रवैये को लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

विधायक एवं व्यापारियों का धरना समाप्त

इस दौरान उपखंड अधिकारी प्रकाश चंद्र अग्रवाल, तहसीलदार शंकरलाल मीणा, पुलिस उपाधीक्षक रतनलाल और थानाधिकारी मिट्ठू लाल भी धरना स्थल पर पहुंचे, विधायक और व्यापारियों से समझाइश करने कोशिश की. लेकिन विधायक देवल ने उनसे वार्ता करने को लेकर मना कर दिया. इसके करीब डेढ़ घंटे बाद रानीवाड़ा उपखंड अधिकारी प्रकाश चंद्र अग्रवाल पहुंचे, जिससे विधायक देवल आक्रोशित हो गए.

पढ़ें- जालोरः बागोड़ा का व्यक्ति उदयपुर में मिला कोरोना से संक्रमित, कलेक्टर ने गांव में लगाया कर्फ्यू

इस पर विधायक ने संभागीय आयुक्त बाबूलाल कोठारी से दूरभाष पर वार्ता कर रानीवाड़ा एसडीएम प्रकाश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की. इसके बाद कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने धरने पर बैठे विधायक से दूरभाष पर वार्ता कर धरना समाप्त करने का आग्रह किया. लेकिन विधायक और व्यापारी बाजार खुलवाने का आदेश जारी करने पर अड़े रहे.

वहीं, करीब रात्रि करीब 10 बजे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दशरथ सिंह धरना स्थल पर पहुंचे. इस पर विधायक और व्यापारियों ने रानीवाड़ा पुलिस थाने में कार्यरत हेड कांस्टेबल सांवलाराम को तुरंत हटाने को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया. उन्होंने ज्ञापन में बताया कि हेड कांस्टेबल सांवलाराम व्यापारियों को परेशान करता है. उनकी मोटरसाइकिल और अन्य वाहनों को भी बेवजह और जानबूझकर सीज करने के साथ अवैध वसूली भी कर रहा है. और तो और निर्दोष लोगों पर लाठियां भी बरसाता है. इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने हेड कांस्टेबल पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

पढ़ें- जालोरः टिड्डी दल नियंत्रण प्रंबधन की बैठक आयोजित

इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने काफी देर तक विधायक और व्यापारियों से धरना समाप्त करने की समझाइश की, लेकिन वो नहीं माने. इसके बाद करीब 12 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर छगनलाल धरना स्थल पर पहुंचे. व्यापारियों और विधायक से धरना समाप्त करने की काफी देर तक समझाइश की, जिस पर कलेक्टर ने शनिवार शाम तक बाजार खुलवाने का आदेश जारी करने का आश्वासन देने के बाद विधायक और व्यापारी धरना समाप्त करने पर राजी हो गए.

वहीं, विधायक नारायणसिंह देवल ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर छगनलाल को व्यापारियों के सामने कहा कि यदि शनिवार शाम तक बाजार खुलवाने का लिखित में आदेश जारी नहीं हुआ तो रविवार को विशाल संख्या में वापस पंचायत समिति के सामने बड़ा धरना प्रदर्शन होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी. बता दें कि यह धरना शाम करीब 6 बजे शुरू हुआ था जो रात्रि 1 बजे तक चला.

रानीवाड़ा (जालोर). जिले के रानीवाड़ा कस्बे में 7 मई को कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कलेक्टर ने कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए थे. इसके बाद शुक्रवार शाम रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल के नेतृत्व में व्यापारियों ने कर्फ्यू हटाने और बाजार खुलवाने को लेकर पंचायत समिति के आगे मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए. इस दौरान विधायक और व्यापारियों ने प्रशासन और पुलिस के तानाशाही पूर्वक रवैये को लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

विधायक एवं व्यापारियों का धरना समाप्त

इस दौरान उपखंड अधिकारी प्रकाश चंद्र अग्रवाल, तहसीलदार शंकरलाल मीणा, पुलिस उपाधीक्षक रतनलाल और थानाधिकारी मिट्ठू लाल भी धरना स्थल पर पहुंचे, विधायक और व्यापारियों से समझाइश करने कोशिश की. लेकिन विधायक देवल ने उनसे वार्ता करने को लेकर मना कर दिया. इसके करीब डेढ़ घंटे बाद रानीवाड़ा उपखंड अधिकारी प्रकाश चंद्र अग्रवाल पहुंचे, जिससे विधायक देवल आक्रोशित हो गए.

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इस पर विधायक ने संभागीय आयुक्त बाबूलाल कोठारी से दूरभाष पर वार्ता कर रानीवाड़ा एसडीएम प्रकाश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की. इसके बाद कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने धरने पर बैठे विधायक से दूरभाष पर वार्ता कर धरना समाप्त करने का आग्रह किया. लेकिन विधायक और व्यापारी बाजार खुलवाने का आदेश जारी करने पर अड़े रहे.

वहीं, करीब रात्रि करीब 10 बजे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दशरथ सिंह धरना स्थल पर पहुंचे. इस पर विधायक और व्यापारियों ने रानीवाड़ा पुलिस थाने में कार्यरत हेड कांस्टेबल सांवलाराम को तुरंत हटाने को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया. उन्होंने ज्ञापन में बताया कि हेड कांस्टेबल सांवलाराम व्यापारियों को परेशान करता है. उनकी मोटरसाइकिल और अन्य वाहनों को भी बेवजह और जानबूझकर सीज करने के साथ अवैध वसूली भी कर रहा है. और तो और निर्दोष लोगों पर लाठियां भी बरसाता है. इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने हेड कांस्टेबल पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

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इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने काफी देर तक विधायक और व्यापारियों से धरना समाप्त करने की समझाइश की, लेकिन वो नहीं माने. इसके बाद करीब 12 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर छगनलाल धरना स्थल पर पहुंचे. व्यापारियों और विधायक से धरना समाप्त करने की काफी देर तक समझाइश की, जिस पर कलेक्टर ने शनिवार शाम तक बाजार खुलवाने का आदेश जारी करने का आश्वासन देने के बाद विधायक और व्यापारी धरना समाप्त करने पर राजी हो गए.

वहीं, विधायक नारायणसिंह देवल ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर छगनलाल को व्यापारियों के सामने कहा कि यदि शनिवार शाम तक बाजार खुलवाने का लिखित में आदेश जारी नहीं हुआ तो रविवार को विशाल संख्या में वापस पंचायत समिति के सामने बड़ा धरना प्रदर्शन होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी. बता दें कि यह धरना शाम करीब 6 बजे शुरू हुआ था जो रात्रि 1 बजे तक चला.

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