भीनमाल (जालोर). कहते हैं ना बुराई का अंत बुरा ही होता है. ऐसा ही कुछ जालोर में हो रहा है. जहां एक अधिकारी शिकेश कांकरिया का जालोर नगर परिषद में आयुक्त पद पर 2018 में पदभार ग्रहण करने के बाद से लंबे समय से विवादों में चल रहे थे. उसी दरम्यान उन्हें नेताओं की सिफारिशों पर भीनमाल ईओ पद पर लाया गया.
आश्चर्य की बात यह थी कि कई गंभीर आरोप लगने के बाद भी अधिकारी को अपने क्षेत्र में बुलाया गया. समय बीत गया मगर अधिकारी का लालच बढ़ता गया, जिसके बाद कई राज खुलते गए और वो विवादों में फंसते गए. जिसके बाद आखिरकार जालोर नगर परिषद शाखा में लगी आग की आंच जयपुर पहुंची. फिर शिकेश कांकरिया सहित तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया.
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फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए लगाई आग
जानकारी के अनुसार जालोर नगर परिषद में तत्कालीन आयुक्त शिकेश कांकरिया ने फरवरी 2018 के दौरान आयुक्त का पदभार ग्रहण किया था. इस दौरान आयुक्त के कार्यकाल में जालोर नगर परिषद की कई फर्जी पट्टे जारी करने के मामले बने थे. जिससे कई मामलों में डीडीआर की जांच के दौरान फर्जी पट्टे जारी होना भी प्रमाणित हो चुका है. साथ ही फर्जी पट्टे जारी होने को लेकर एसीबी में भी जांच चल रही है. ऐसे में इस फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए आग लगा दी गई.
आग के मामले में 4 आरोपी निलंबित
नगर परिषद शाखा में आग लगाने के मामले में कर्मचारी जगदीश खिचड़, ईओ शिकेश कांकरिया, विजय बिश्नोई, गणपत बिश्नोई को साजिश रचने व साजिश को अंजाम देने को लेकर चारों आरोपियों को निलंबित किया गया है.
पटवारी से जेल तक का शिकेश कांकरिया का सफर
आगजनी मामले में गिरफ्तार जालोर नगर परिषद के तत्कालीन आयुक्त वर्तमान में भीनमाल नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी कांकरिया को निलंबित कर दिया है. शिकेश कांकरिया का सर्वप्रथम पटवारी के पद पर चयन हुआ था. इसके बाद स्वायत शासन विभाग में चयन होने पर उन्हें अधिशासी अधिकारी पद पर सबसे पहले छापर उसके बाद नोखा लगाया गया. नोखा से फरवरी 2018 के दौरान जालोर नगर परिषद में आयुक्त पद पर हो गया. यहां आयुक्त पद पर रहने के बाद उनका भीनमाल नगरपालिका अधिशासी अधिकारी के पद पर हो गया. जिसके बाद जालोर नगर परिषद में आग लगने की घटना के मामले में जयपुर से आदेशानुसार निलंबित किया गया.