जालोर. जिले में पंचायती राज संस्थाओं के जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव-2020 को लेकर बुधवार को जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत कलेक्टर ने चुनाव के दौरान कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से जिले के आपराधिक प्रवृति के शस्त्र अनुज्ञाधारी व्यक्तियों के शस्त्रों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं.
जिला मजिस्ट्रेट गुप्ता ने बताया कि जिले में पंचायती राज संस्थाओं के जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव-2020 के दौरान शांतिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान और निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार गत दिनों स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में शस्त्र अनुज्ञापत्र धारियों के आपराधिक प्रकरणों पर गहनता से विचार-विमर्श किया गया. जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि जिले में जो जमानत पर छूटे हुए हैं, जिनकी पृष्ठभूमि आपराधिक रही हो, जो किसी निर्वाचन के या अन्य किसी समय दंगा-फसाद में सम्मिलित रहे हो, जिनके विरूद्ध कमजोर तबके के लोग डराने-धमकाने की शिकायत हो और जिनके द्वारा आम लोगों को डराने-धमकाने की प्रबल संभावना हो, ऐसे शस्त्र अनुज्ञापत्रधारियों के शस्त्र जब्त किए जाकर संबंधित पुलिस स्टेशन में जमा करवाए जाएं.
उन्होंने संबंधित थानाधिकारियों को निर्देशित किया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किन्हीं अनुज्ञापत्र धारकों द्वारा स्वयं के चुनाव कार्यों में अधिक व्यस्तता और दौरे के चलते और सुरक्षा की दृष्टिगत रखते हुए स्वेच्छा से अनुज्ञा पत्र में धारित शस्त्र को जमा कराने के आवेदन प्राप्त होते है, तो ऐसे प्रकरणों में स्वेच्छा से चुनाव अवधि में शस्त्र जमा करवाने के आवेदन पर संबंधित थानाधिकारी द्वारा दस्तावेज जांच कर शस्त्र जमा कर लिए जाए. इसके अतिरिक्त लाईसेंसधारक जो संवेदनशील या अति संवेदनशील श्रेणी के मतदान केन्द्रों और गत निर्वाचन में हिंसक पृष्ठभूमि, जातीय प्रभुत्व, तनाव और अन्य चुनाव अपराध के लिए चिन्हित मतदान केन्द्र के अधीन निवास करते हैं, उनके शस्त्र मय एम्युनेशन के जमा करवाए जाए.
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साथ ही ऐसे शस्त्र अनुज्ञाधारी जो अन्य प्रान्तों और जिलों से लाईसेंस प्राप्त कर, सक्षम अधिकारी को सूचना दिए बिना जिले में निवास कर रहे हैं, उनके संबंध में संबंधित थानाधिकारी ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर नियमानुसार कार्रवाई करें. उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता के समाप्त होने के पश्चात् शस्त्र नियमानुसार अनुज्ञापत्र धारक को पुनः सुपुर्द कर दिए जाएंगे. इस आदेश की अवहेलना करने वाले अनुज्ञाधारकों के विरूद्ध आर्म्स एक्ट 1959 और भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.