भीनमाल (जालोर). भारतमाला एक्सप्रेस-वे में अवाप्त भूमि अधिग्रहण के विरोध में बगौड़ा मुख्यालय पर 20वें दिन भी धरना जारी रहा. इस महापड़ाव में हजारों किसान शामिल हुए. किसानों की मांग है, कि सरकार अवाप्त भूमि का उचित मुआवजा दे.
वहीं धरने में शामिल सुप्रीम कोर्ट के वकील और किसान नेता रमेश दलाल ने कहा, कि देश में किसानों को अपनी भूमि का मालिकाना हक मिला हुआ है. जबकि राजस्थान में यह नियम लागू नहीं है. जिससे यहां के किसानों के खेत की गिरदावरी में सरकार नाम दर्ज हो रखा है. जब तक पहले इस भारतमाला एक्सप्रेस-वे में अवाप्त भूमि का मुआवजा नहीं मिलता है. किसानों को अपनी फसलों का भाव नहीं मिल रहा है और महंगाई ने कमर तोड़ कर रख दी है. इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. जिसमें फसल का मूल्य तो सरकार ने तय कर दिया, लेकिन खरीद की गारंटी भी हो.
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साथ ही रमेश दलाल ने किसानों की अवाप्त भूमि को लेकर कानूनी संघर्ष का आह्वान करते हुए कहा, कि हम किसान हैं. कानून और संविधान के दायरे में रहकर हक मांगते हैं. किसानों के साथ ज्यादती या धमकाने का काम प्रशासन ने किया तो सीने पर गोली खाने के लिए यह किसान का बेटा रमेश दलाल सबसे पहले सामने आएगा. उन्होंने किसानों से कहा, कि जो शक्ति यहां महापड़ाव में दिखाई है. ऐसी ही शक्ति कुछ दिनों बाद इससे ज्यादा दिखाई देनी चाहिए. जब तक किसान संगठित रहेगा तो उसका हक कोई नहीं छिन सकता है.
वहीं किसान संघर्ष समिति जिला सयोजक विक्रमसिंह पूनासा ने कहा, कि जबतक किसानों की मांगों पर सरकार कोई निर्णय नहीं लेगी, तबतक यह जिलास्तरीय बेमियादी धरना जारी रहेगा. इस मौके पर किसान संघर्ष समिति जिलाध्यक्ष बद्रीदान चारण, जिला संयोजक विक्रम सिंह पूनासा, जिला उपाध्यक्ष भगवानाराम विश्नोई ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम गोमती शर्मा को धरनास्थल पर ही ज्ञापन सौंपा. इस धरने में बड़ी संख्या में महिला किसान भी शामिल रहीं.