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जालोर में सूर्य ग्रहण के लोगों ने किए दर्शन, ग्रहण समाप्ति पर किया दान-पुण्य

देशभर में साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के दर्शन हर किसी ने किए. जालोर के आहोर में भी प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के विद्यार्थियों ने इस नजारे को देखा.

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प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के विद्यार्थियों ने देखा सूर्य ग्रहण
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Published : Dec 27, 2019, 2:59 AM IST

आहोर (जालोर). इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 8:04 बजे शुरू हुआ. भारत में ग्रहण काल करीब 2:52 घंटे तक रहा. 9:30 बजे मध्य काल के बाद ग्रहण 10:56 बजे खत्म हुआ. आहोर में भी प्रथम एजुकेशन सेंटर के विद्यार्थियों ने इसे सोलर फिल्टर के माध्यम से देखा.

प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के विद्यार्थियों ने देखा सूर्य ग्रहण

इसके बाद सेंटर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. जिसमें डेमो व मॉडल के माध्यम से छात्राओं और महिलाओं को सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. सभी सेंटरों पर इस सूर्य ग्रहण को विद्यार्थी महिलाओं व कम्युनिटी और स्टाफ के द्वारा सोलर फील्डर के माध्यम से देखा.

यह भी पढ़ें- जयपुर: शाहपुरा में प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन, संत के लिए कथित अशोभनीय टिप्पणी का आरोप

जानकारी के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद कस्बे समेत आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने दान-पुण्य किया. वहीं मंदिरों और कई स्थानों पर भजन-कीर्तन का आयोजन भी हुआ. ग्रहण का सूतक काल खत्म होने के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण भी किया गया. स्थानीय पंडितों ने बताया कि ग्रहणकाल बीत जाने के बाद नदी या सरोवर स्नान के बाद दान करने का महात्म्य है.

आहोर (जालोर). इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 8:04 बजे शुरू हुआ. भारत में ग्रहण काल करीब 2:52 घंटे तक रहा. 9:30 बजे मध्य काल के बाद ग्रहण 10:56 बजे खत्म हुआ. आहोर में भी प्रथम एजुकेशन सेंटर के विद्यार्थियों ने इसे सोलर फिल्टर के माध्यम से देखा.

प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के विद्यार्थियों ने देखा सूर्य ग्रहण

इसके बाद सेंटर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. जिसमें डेमो व मॉडल के माध्यम से छात्राओं और महिलाओं को सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. सभी सेंटरों पर इस सूर्य ग्रहण को विद्यार्थी महिलाओं व कम्युनिटी और स्टाफ के द्वारा सोलर फील्डर के माध्यम से देखा.

यह भी पढ़ें- जयपुर: शाहपुरा में प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन, संत के लिए कथित अशोभनीय टिप्पणी का आरोप

जानकारी के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद कस्बे समेत आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने दान-पुण्य किया. वहीं मंदिरों और कई स्थानों पर भजन-कीर्तन का आयोजन भी हुआ. ग्रहण का सूतक काल खत्म होने के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण भी किया गया. स्थानीय पंडितों ने बताया कि ग्रहणकाल बीत जाने के बाद नदी या सरोवर स्नान के बाद दान करने का महात्म्य है.

Intro:आहोर में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के सेकंड चांस प्रोग्राम के तहत आहोर ब्लॉक में गुडा-बालोतान पादरली, शंखवाली, भूति, दयालपुरा व सुगालिया-बालोतान पर स्टूडेंट्स,महिलाओं व कम्युनिटी को सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी दी गई। ब्लॉक समन्यवयक मनीष देवासी ने जानकारी दी कि सेंटर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें डेमो व मॉडल के माध्यम से छात्राओं, महिलाओं व कम्युनिटी में जाके सूर्य ग्रहण के बारें में विस्तृत जानकारी दी गई। सभी सेंटरो पर इस सूर्य ग्रहण को विद्यार्थी महिलाओं व कम्युनिटी और स्टाफ के द्वारा सोलर फील्डर के माध्यम से देखा गया।Body:आहोर. प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के सेकंड चांस प्रोग्राम के तहत आहोर ब्लॉक में गुडा-बालोतान पादरली, शंखवाली, भूति, दयालपुरा व सुगालिया-बालोतान पर स्टूडेंट्स,महिलाओं व कम्युनिटी को सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी दी गई। ब्लॉक समन्यवयक मनीष देवासी ने जानकारी दी कि सेंटर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें डेमो व मॉडल के माध्यम से छात्राओं, महिलाओं व कम्युनिटी में जाके सूर्य ग्रहण के बारें में विस्तृत जानकारी दी गई। सभी सेंटरो पर इस सूर्य ग्रहण को विद्यार्थी महिलाओं व कम्युनिटी और स्टाफ के द्वारा सोलर फील्डर के माध्यम से देखा गया। सूर्य ग्रहण का समय सुबह 8.04 बजे से 10.50 बजे तक रहा। यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण था। सुबह 8 बजे से 11.30 बजे तक रहा। इस दौरान एसआरजी सुरेश चंद कुमार प्रजापति ,फैकल्टी अचलाराम, फूलाराम, मनोहर सिंह, लाखाराम, व ट्यूटर विद्या कुमारी, गोदावरी कुमारी, किरण बाराड़ा, पूनम बालोत, श्रवण सिंह, प्रकाश कंवर एवं ग्रामीण लोग उपस्थित रहें।
वही भाद्राजून कस्बे में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज सुबह करीब 8 बजे से 11 बजे तक रहा। सूर्य ग्रहण के बाद कस्बे समेत आसपास के गावों के ग्रामीणों ने दान पुण्य किया। वही मंदिरों व कई स्थानों पर भजन किर्तन का आयोजन भी हुआ। ग्रहण का सूतक काल खत्म होने के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण भी किया गया। स्थानीय पंडितों ने बताया कि ग्रहणकाल बीत जाने के बाद नदी या सरोवर स्नान के बाद दान करना महत्वपूर्ण होता है।Conclusion:बाइट - मनीष देवासी, प्रथम फाउंडेशन ब्लॉक समन्यवयक
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