जालोर. विधानसभा में कांग्रेस की एससी की सीट आरक्षित है. ऐसे में मेघवाल समाज के कद्दावर नेता रामलाल मेघवाल का इस सीट पर सालों से कब्जा रहा है. वहीं अब धीरे धीरे वक्त के साथ यह वर्चस्व कमजोर होता जा रहा है. कांग्रेस में कभी इनका ओहदा था. लेकिन अब हालात ऐसे है कि ये अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बेटे को पार्षद का टिकट भी नहीं दिलवा पाए.
पिछले विधानसभा चुनावों में पूर्व विधायक मेघवाल के नाम की टिकट फाइनल हो चुकी थी. आलाकमान ने ऊपर से हरी झंडी दिखा दी थी और जालोर में तैयारियां भी शुरू हो गई थी. लेकिन कांग्रेस की औपचारिक लिस्ट जारी हुई तो सब चौक गए. जालोर से रामलाल का टिकट काट कर पूर्व जिला प्रमुख रही मंजू मेघवाल को प्रत्याशी बनाया गया था.
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वहीं विधानसभा चुनाव के बाद जहां अब जालोर में नगर परिषद के चुनाव है और सभापति की सीट भी एससी वर्ग की आरक्षित है. वहीं जिस वार्ड से मेघवाल आते है वहां पर पार्षद की सीट भी एससी की आरक्षित है. साथ ही निकाय प्रमुख के लिए भी एससी सीट आरक्षित है. ऐसे में मौके का फायदा उठाते हुए पूर्व विधायक मेघवाल ने वार्ड से अपने पुत्र को चुनाव लड़वाने का प्रस्ताव पार्टी के सामने रख दिया. लेकिन पार्टी ने रमेश का टिकट काट कर राजेन्द्र सोलंकी को दे दिया.
इस वार्ड से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए 25 उम्मीदवार सामने आए थे. जिनमें से 16 ने तो टिकट के लिए आवेदन ही जमा करवा दिया था. रमेश मेघवाल ने भी टिकट मिलने की पूरी संभावना के साथ नामांकन भी दाखिल कर दिया था. लेकिन बाद में टिकट मेघवाल की जगह दूसरे को दे दिया. जिसके बाद मेघवाल को अपना नामांकन वापस लेना पड़ा है.