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जालोर के बागौड़ा में किसानों द्वारा अनशन और भूमि समाधि सत्याग्रह जारी - मुख्यमंत्री से वार्ता

जालोर के बागौड़ा के दादाल गांव में भारी संख्या में किसान पिछले 9 दिन से अनशन और भूमि समाधि सत्याग्रह लेकर बैठे हैं. किसानों के प्रतिनिधि मंडल और मुख्यमंत्री गहलोत के साथ सकारात्मक वार्ता होने के बाद अब लिखित आदेश का इंतजार किया जा रहा है. किसानों का साफ तौर से कहना है कि किसी लिखित आदेश बिना वो अनशन खत्म नहीं करेंगे.

Jalore News, अनशन और भूमि समाधि
जालोर के बागौड़ा में किसानों का अनशन जारी
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Published : Mar 16, 2020, 2:08 PM IST

जालोर. भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लिए की गई जमीन अवाप्ति के विरोध में पिछले 18 दिनों से चल रहे किसानों के महापड़ाव और 9 दिन से चल रहा अनशन जारी है. किसानों के प्रतिनिधिमंडल की पिछले शनिवार को जयपुर में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वार्ता हुई थी, जो काफी सकारात्मक रही. लेकिन, अभी तक लिखित आदेश जारी नहीं होने के कारण किसान महापड़ाव में डटे हुए हैं.

जालोर के बागौड़ा में किसानों का अनशन और भूमि समाधि जारी

पढ़ें: दलित शिक्षक के साथ मारपीट का मामला, सांसद हुनमान बेनीवाल ने थानाधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज करने की उठाई मांग

किसानों ने रविवार को भी मुख्यमंत्री के नाम सायला एसडीएम गोमती शर्मा को ज्ञापन देकर लिखित में आदेश जारी करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक आदेश जारी नहीं होने के चलते करीब 250 से ज्यादा किसान अनशन पर बैठे हैं. किसान बाग में मौजूद किसानों ने बताया कि अनशन और महापड़ाव केवल लिखित आश्वासन पर ही खत्म होगा.

मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन सतर्क

बागौड़ा के दादाल गांव में 5 जिलों के किसान आंदोलन कर रहे हैं. उसके कुछ किमी की दूरी पर बालोतरा कस्बे के समीप हादसे में मरने वाले लोगों को सांत्वना देने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दौरे पर आ रहे हैं. उसके बाद रिफाइनरी की समीक्षा बैठक में भाग लेंगे. ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि बालोतरा में वो उनके के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. लेकिन, अभी तक प्रशासन की ओर से ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है. हालांकि, नजदीक में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है.

जारी होने वाले आदेश को लेकर बना हुआ है सस्पेंस

किसानों का प्रतिनिधि मंडल जयपुर गया था. उससे पहले तीन प्रमुख मांगे पत्रकारों के सामने रखी गई थी. इसमें किसानों को चार गुना ज्यादा मुआवजा देने, अवॉर्ड में संशोधन करने, सड़क को नेशनल हाइवे पर शिफ्ट करने और जमीन अवाप्ति में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करवाने की अनुमति देने की मांग प्रमुख थी. लेकिन, मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद अब किस मांग को लेकर आदेश जारी होता है, उस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.

जालोर. भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लिए की गई जमीन अवाप्ति के विरोध में पिछले 18 दिनों से चल रहे किसानों के महापड़ाव और 9 दिन से चल रहा अनशन जारी है. किसानों के प्रतिनिधिमंडल की पिछले शनिवार को जयपुर में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वार्ता हुई थी, जो काफी सकारात्मक रही. लेकिन, अभी तक लिखित आदेश जारी नहीं होने के कारण किसान महापड़ाव में डटे हुए हैं.

जालोर के बागौड़ा में किसानों का अनशन और भूमि समाधि जारी

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किसानों ने रविवार को भी मुख्यमंत्री के नाम सायला एसडीएम गोमती शर्मा को ज्ञापन देकर लिखित में आदेश जारी करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक आदेश जारी नहीं होने के चलते करीब 250 से ज्यादा किसान अनशन पर बैठे हैं. किसान बाग में मौजूद किसानों ने बताया कि अनशन और महापड़ाव केवल लिखित आश्वासन पर ही खत्म होगा.

मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन सतर्क

बागौड़ा के दादाल गांव में 5 जिलों के किसान आंदोलन कर रहे हैं. उसके कुछ किमी की दूरी पर बालोतरा कस्बे के समीप हादसे में मरने वाले लोगों को सांत्वना देने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दौरे पर आ रहे हैं. उसके बाद रिफाइनरी की समीक्षा बैठक में भाग लेंगे. ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि बालोतरा में वो उनके के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. लेकिन, अभी तक प्रशासन की ओर से ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है. हालांकि, नजदीक में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है.

जारी होने वाले आदेश को लेकर बना हुआ है सस्पेंस

किसानों का प्रतिनिधि मंडल जयपुर गया था. उससे पहले तीन प्रमुख मांगे पत्रकारों के सामने रखी गई थी. इसमें किसानों को चार गुना ज्यादा मुआवजा देने, अवॉर्ड में संशोधन करने, सड़क को नेशनल हाइवे पर शिफ्ट करने और जमीन अवाप्ति में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करवाने की अनुमति देने की मांग प्रमुख थी. लेकिन, मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद अब किस मांग को लेकर आदेश जारी होता है, उस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.

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