जालोर. जिले के किसानों के लिए इस बार दीपावली दोहरी खुशियां लेकर आई है. दीपावली के बाद 29 अक्टूबर से नर्मदा नहर परियोजना की सभी वितरिकाओं में सिंचाई के लिए पानी छोड़ दिया जाएगा. इस बात की जानकारी मिलने के बाद जिले के सांचोर और चितलवाना के किसानों में खुशी की लहर है.
जालोर और बाड़मेर जिले के गांवों की जीवनदायिनी कही जाने वाली नर्मदा नहर में हर बार पानी की कमी के कारण मारामारी रहती है. जिसके चलते नवंबर माह के आखिरी सप्ताह तक किसानों को पानी के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ता था.
लेकिन इस बार सरदार सरोवर बांध के क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के कारण पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. ऐसे में 10 अक्टूबर को दिल्ली में नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की सरदार सरोवर जलाशय नियमन समिति की 62वीं बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें अंतरराज्यीय अवार्ड के तहत राजस्थान को 597.10 मिलियन घनमीटर पानी आवंटित किया है. इस पानी में से 131.25 मिलियन घनमीटर पानी पेयजल स्कीम के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि 465.85 मिलियन घनमीटर पानी सिंचाई के लिए रखा गया है.
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जिसके कारण इस पानी से दोनों जिलों में करीबन ढाई लाख हेक्टेयर जमीन में किसान सिंचाई कर सकेंगे. बता दें कि गुरुवार को नर्मदा नहर में पानी छोड़ने से पूर्व में किसानों की एक बैठक बुलाई गई थी. जिसमें नर्मदा नहर परियोजना से जुड़े अधिकारी सहित समस्त जनप्रतिनिधियों और संभागीय आयुक्त बाबुलाल कोठारी की मौजूदगी में 29 अक्टूबर से नहर में सिंचाई के लिए पानी छोड़ने का ऐलान किया गया.
रबी फसलों की सिंचाई
जालोर जिले के चितलवाना, सांचोर उपखंड क्षेत्र और बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी, चौहटन उपखंड क्षेत्र में नर्मदा नहर परियोजना के तहत रबी की फसल की सिंचाई के लिए पानी 29 अक्टूबर से मिलना शुरू हो जाएगा. जिससे फसल की सिंचाई अच्छे से हो पाएगी.
वहीं, बाड़मेर जिले के राम जी का गोल में आयोजित बैठक में जोधपुर संभागीय आयुक्त बाबुलाल कोठारी ने कहा कि नर्मदा नहर परियोजना में किसान बेहतर प्रबंध करके फवारा पद्दति से सिंचाई करते है. जिससे कम जल में ज्यादा उत्पादन होता है. उन्होंने किसानों से बकाया जल कर भी जल्द जमा करवाने और नियम से पानी लेने की अपील की.