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जालोरः डिस्कॉम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी

जालोर जिला मुख्यालय स्थित डिस्कॉम कार्यालय में विद्युत कर्मचारियों ने डिस्कॉम के निजीकरण को लेकर विरोध जताया. साथ ही उन्होंने सीएस मीणा को ज्ञापन सौंपकर इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.

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जालोर में विद्युत कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Oct 23, 2020, 8:59 PM IST

जालोर. केंद्र सरकार धीरे-धीरे बड़ी सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने में लगी हुई है. वहीं, इसी क्रम में डिस्कॉम का भी निजीकरण किया जा रहा है. डिस्कॉम का अधिकांश कार्य ठेका पद्दति पर देने के विरोध में शुक्रवार को विद्युत कर्मचारियों ने जोधपुर विधुत वितरण निगम श्रमिक संघ के तत्वावधान में विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही अधीक्षण अभियंता सीएस मीणा को ज्ञापन देकर निजीकरण नहीं करने की मांग की.

ज्ञापन में कर्मिकों में बताया कि, सरकार डिस्कॉम का निजीकरण करने जा रही है. डिस्कॉम का सभी प्रकार का कार्य निजी हाथों में दिया जा रहा है. जिसके कारण इसमें काम करने वाले कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में पड़ जाएगा. इसके अलावा एफआरटी और एमबीसी जैसे कार्य भी ठेके पर दिए गए हैं. जिससे कार्मिकों में आक्रोश है.

ये भी पढे़ंः जालोर में चाकू की नोक पर युवती से गैंगरेप का मामला, जांच में जुटी पुलिस

उन्होंने बताया कि, केंद्र सरकार ने श्रमिक विरोधी कानून लोकसभा में पेश किया है. जिस विवादित कानून को राजस्थान प्रदेश में लागू नहीं करने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मांग की गई है. वहीं, डिस्कॉम के श्रमिकों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर निजीकरण को नहीं रोका गया तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की होगी.

जालोर. केंद्र सरकार धीरे-धीरे बड़ी सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने में लगी हुई है. वहीं, इसी क्रम में डिस्कॉम का भी निजीकरण किया जा रहा है. डिस्कॉम का अधिकांश कार्य ठेका पद्दति पर देने के विरोध में शुक्रवार को विद्युत कर्मचारियों ने जोधपुर विधुत वितरण निगम श्रमिक संघ के तत्वावधान में विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही अधीक्षण अभियंता सीएस मीणा को ज्ञापन देकर निजीकरण नहीं करने की मांग की.

ज्ञापन में कर्मिकों में बताया कि, सरकार डिस्कॉम का निजीकरण करने जा रही है. डिस्कॉम का सभी प्रकार का कार्य निजी हाथों में दिया जा रहा है. जिसके कारण इसमें काम करने वाले कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में पड़ जाएगा. इसके अलावा एफआरटी और एमबीसी जैसे कार्य भी ठेके पर दिए गए हैं. जिससे कार्मिकों में आक्रोश है.

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उन्होंने बताया कि, केंद्र सरकार ने श्रमिक विरोधी कानून लोकसभा में पेश किया है. जिस विवादित कानून को राजस्थान प्रदेश में लागू नहीं करने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मांग की गई है. वहीं, डिस्कॉम के श्रमिकों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर निजीकरण को नहीं रोका गया तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की होगी.

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