जालोर. विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 132 केवी जीएसएस और 33/11 केवी उपकेंद्रों को क्लस्टर के माध्यम से उनका रखरखाव और मेंटेनेंस करने का कार्य निजी कंपनियों को देने की प्रक्रिया पर डिस्कॉम के कार्मिकों ने मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन देकर विरोध जताया.
ज्ञापन में बताया कि सरकार और डिस्कॉम द्वारा पूंजीपतियों के दबाव में बिजली व्यवस्था ठेके पर देने की कोशिश की जा रही है, जो कि गलत है और इससे डिस्कॉम के हजारों कार्मिकों को नुकसान होगा.
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प्रांतीय विद्युत मंडल मजदुर फेडरेशन राजस्थान इंटक के तत्वावधान में सोमवार के प्रदेश भर में वृत स्तर पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम 28 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया.
धरना प्रदर्शन के दौरान डिस्कॉम के कार्मिकों ने बताया कि श्रमिक और निगम हित में आंदोलन कर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया और बताया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 132 केवी जीएसएस और 33/11 केवी उप केंद्रों को कलस्टर पर के माध्यम से निजी कम्पनियों को दिया था. जिसका हमारे फेडरेशन के कार्मिकों ने जबरदस्त विरोध किया. लेकिन सरकार ने कार्मिकों के विरोध को दरकिनार करके पूंजीपतियों के दबाव में निजीकरण किया गया है.
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अब कांग्रेस की सरकार डिस्कॉम के जीएसएस का निजीकरण कर रही है. जिससे फायदे की जगह नुकसान होगा. 28 सूत्री मांग को ज्ञापन में कार्मिकों में अपने सुरक्षा के उपकरण सहित विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की. संघ के जिला अध्यक्ष वासुदेव सिंह भीमावत ने बताया डिस्कॉम द्वारा जीएसएस का निजीकरण के विरोध सहित 28 सूत्रीय मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.