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ऑपरेशन के दौरान दलित महिला की मौत, 1 करोड़ रुपये मुआवजा-सरकारी नौकरी की मांग, धरने पर बैठे परिजन

जिले के सांचौर सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र में नसबंदी ऑपरेशन के दौरान दलित महिला की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने शव लेने से इंकार करते हुए उपखंड मुख्यालय के आगे धरना शुरू कर दिया. परिजनों ने एक सदस्य को सरकारी नौकरी व 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है.

ऑपरेशन के दौरान दलित महिला की मौत
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Published : Aug 30, 2022, 6:47 PM IST

जालोर. जिले के सांचौर उपखंड मुख्यालय पर सोमवार को नसबंदी करवाने के लिए (Sterilization Operation in Rajasthan) आई एक दलित महिला की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेडिकल टीम में शामिल चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग करते हुए शव लेने से इंकार कर दिया. जिसके बाद परिजनों व प्रशासन के बीच वार्ता चल रही है, लेकिन पोस्टमार्टम करवाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई.

जानकारी के अनुसार सोमवार को सांचौर सीएचसी में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें जोधपुर से एफआरएचएस की टीम नसबंदी करने आई थी. शिविर में ऑपरेशन के दौरान बिछावाडी निवासी चंपा देवी पत्नी प्रवीण कुमार उम्र 25 वर्ष जाति कोली को ऑपरेशन से पहले बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था. उसके बाद से उसकी तबियत (Ruckus Over Woman Death) बिगड़ गई. जिसके बाद एम्बुलेंस से महिला को शहर के निजी अस्पताल में भेजा गया. जहां पर महिला चंपा की मौत हो गई. जिसके बाद शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया.

पढ़ें : झालावाड़: निजी अस्पताल के नसबंदी कैंप में महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप

वहीं, मामले की जानकारी मिलने के बाद सांचौर एसडीएम शेलेंद्र सिंह, ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. ओम प्रकाश सुथार, डीवाईएसपी रूप सिंह इंदा, डॉ. भूपेंद्र बिश्नोई, थानाप्रभारी निरंजनप्रताप सिंह, तहसीलदार रामस्वरूप बिश्नोई व मृतका चंपा के परिवार वालों के साथ वार्ता हुई, लेकिन लेकिन मंगलवार दोपहर तक पोस्टमार्टम को लेकर (Demand for Compensation of Rupees 1 Crore) सहमति नहीं बन पाई थी. परिजनों ने एक सदस्य को नौकरी देने की मांग करते हुए मंगलवार को परिजनों ने धरना शुरू कर दिया.

जालोर. जिले के सांचौर उपखंड मुख्यालय पर सोमवार को नसबंदी करवाने के लिए (Sterilization Operation in Rajasthan) आई एक दलित महिला की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेडिकल टीम में शामिल चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग करते हुए शव लेने से इंकार कर दिया. जिसके बाद परिजनों व प्रशासन के बीच वार्ता चल रही है, लेकिन पोस्टमार्टम करवाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई.

जानकारी के अनुसार सोमवार को सांचौर सीएचसी में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें जोधपुर से एफआरएचएस की टीम नसबंदी करने आई थी. शिविर में ऑपरेशन के दौरान बिछावाडी निवासी चंपा देवी पत्नी प्रवीण कुमार उम्र 25 वर्ष जाति कोली को ऑपरेशन से पहले बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था. उसके बाद से उसकी तबियत (Ruckus Over Woman Death) बिगड़ गई. जिसके बाद एम्बुलेंस से महिला को शहर के निजी अस्पताल में भेजा गया. जहां पर महिला चंपा की मौत हो गई. जिसके बाद शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया.

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वहीं, मामले की जानकारी मिलने के बाद सांचौर एसडीएम शेलेंद्र सिंह, ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. ओम प्रकाश सुथार, डीवाईएसपी रूप सिंह इंदा, डॉ. भूपेंद्र बिश्नोई, थानाप्रभारी निरंजनप्रताप सिंह, तहसीलदार रामस्वरूप बिश्नोई व मृतका चंपा के परिवार वालों के साथ वार्ता हुई, लेकिन लेकिन मंगलवार दोपहर तक पोस्टमार्टम को लेकर (Demand for Compensation of Rupees 1 Crore) सहमति नहीं बन पाई थी. परिजनों ने एक सदस्य को नौकरी देने की मांग करते हुए मंगलवार को परिजनों ने धरना शुरू कर दिया.

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