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जालौर: कुक कम हेल्परों ने मुख्यमंत्री से की वेतन बढ़ाने की मांग

जालौर जिले की सरकारी स्कूलों में कुक कम हेल्परों ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया. जिसमें उन्होंने बताया, कि सिर्फ 40 रुपये प्रतिदिन मानदेय दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है.

जालौर की खबर, demand increase in salary
वेतन बढ़ाने की मांग करती महिलाएं
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Published : Feb 12, 2020, 11:51 PM IST

जालौर. वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर कुक कम हेल्परों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन में कहा गया है, कि सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के तहत छोटे बच्चों को पोष्टिक खाना देने की योजना शुरू की गई थी, तब खाना बनाने के लिए कुक कम हेल्परों को लगाया गया था.

कुक कम हेल्परों ने मुख्यमंत्री से की वेतन बढ़ाने की मांग

तब से लेकर अबतक 15 सालों में मात्र 300 रुपये महीने में ये लोग काम करते आए हैं. बीच में एक बार वेतन को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया था. अभी इनको 1320 रुपये दिए जा रहे हैं. जिसके कारण उन्होंने वेतन बढ़ाने की मांग की है.

पढ़ें: जालौरः भीनमाल में माली समाज की 750 प्रतिभाओं का सम्मान

कुक कम हेल्परों के यूनियन के सदस्यों ने बताया, कि सरकार द्वारा नरेगा पर भी न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 300 रुपए है, लेकिन कुक कम हेल्परों को सिर्फ 40 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं, जो सरासर गलत है.

उन्होंने बताया, कि संविधान द्वारा समान कार्य के समान वेतन का प्रावधान है, लेकिन सरकार हमें उचित मानदेय नहीं दे रही है. ऐसे में उचित मानदेय और स्थाई कर्मचारी बनाने की भी मांग की गई है. इस दौरान पंखू देवी, गीता देवी, सुकी देवी, संतु देवी व कवली देवी सहित काफी संख्या में कुक कम हेल्पर्स मौजूद रहीं.

जालौर. वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर कुक कम हेल्परों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन में कहा गया है, कि सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के तहत छोटे बच्चों को पोष्टिक खाना देने की योजना शुरू की गई थी, तब खाना बनाने के लिए कुक कम हेल्परों को लगाया गया था.

कुक कम हेल्परों ने मुख्यमंत्री से की वेतन बढ़ाने की मांग

तब से लेकर अबतक 15 सालों में मात्र 300 रुपये महीने में ये लोग काम करते आए हैं. बीच में एक बार वेतन को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया था. अभी इनको 1320 रुपये दिए जा रहे हैं. जिसके कारण उन्होंने वेतन बढ़ाने की मांग की है.

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कुक कम हेल्परों के यूनियन के सदस्यों ने बताया, कि सरकार द्वारा नरेगा पर भी न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 300 रुपए है, लेकिन कुक कम हेल्परों को सिर्फ 40 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं, जो सरासर गलत है.

उन्होंने बताया, कि संविधान द्वारा समान कार्य के समान वेतन का प्रावधान है, लेकिन सरकार हमें उचित मानदेय नहीं दे रही है. ऐसे में उचित मानदेय और स्थाई कर्मचारी बनाने की भी मांग की गई है. इस दौरान पंखू देवी, गीता देवी, सुकी देवी, संतु देवी व कवली देवी सहित काफी संख्या में कुक कम हेल्पर्स मौजूद रहीं.

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