जालोर. जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली को देखते हुए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाल विकास कार्यक्रम के तहत एक बैठक आयोजित की. जिसमें उन्होंने कहा कि जिले के कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों की सफाई व संचालन आदि व्यवस्थाएं अच्छी है, लेकिन ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति अच्छी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि संपूर्ण जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन प्रबंध में कमियों को दूर कर एकरूपता लाने के लिए फ्रेश स्टार्ट करने की जरूरत है.
वहीं कलेक्टर ने बाल विकास कार्यक्रम गतिविधियों की समीक्षा बैठक में कहा कि मंथर गति से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने के लिए यह जरूरी है कि सीडीपीओ व महिला सुपरवाइजर को प्रशिक्षण देकर उन्हें विभाग की योजना के बारे में अपडेट किया जाए. इसके अलावा इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन करने वालों को सम्मानित किया जाए. गुप्ता ने उप निदेशक अशोक विश्नोई से कहा कि वे ट्रेनिंग का मॉड्यूल बनाकर कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के लिए निर्धारित फॉर्मेट तैयार कर घर-घर जाकर सर्वे कराया जाए.
इसके लिए लक्ष्य निर्धारित कर 1,758 आंगनवाड़ी केंद्रों की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए. जिला कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए सभी आवश्यक संसाधन वजन और हाइट मापने की मशीन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए. उन्होंने कार्मिकों को कहा कि विभागीय उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए जिम्मेदारी से काम करेंगे तो आंगनवाड़ी केंद्रों की संचालन व्यवस्था उतनी ही अच्छी होगी. बैठक में लेडी सुपरवाइजर व सीडीपीओ ने अपने अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो के बारे में कलेक्टर को अवगत करवाया.
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सही चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों से दूसरे सिख ले…
कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि जिले में काफी जगह आंगनवाड़ी केंद्र बहुत शानदार चल रहे हैं. साथ ही काफी आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता अच्छे तरीके से काम भी कर रहे हैं. ऐसे में उन केंद्रों को देखकर सीख ले और केंद्र में व्यवस्था बेहतर करे, ताकि छोटे बच्चों को परेशानी नहीं हो.