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स्पेशल: 450 युवाओं ने संभाला र्मोचा...चका-चक चितलवाना का सपना होने लगा पूरा - Jalore news

चितलवाना सेवा संस्थान के एक अभियान ने शहर की तस्वीर बदल दी. चका-चक चितलवाना का सपना अब पूरा होने लगा है. संस्था के 450 युवा हर माह के पहले रविवार को यहां साफ-सफाई करते हैं. जिसमें भामाशाह भी आर्थिक सहयोग कर रहे हैं.

Clean chitalavaana Dream come true, स्वच्छ चितलवाना न्यूज
स्वच्छ होने लगा चितलवाना
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Published : Feb 3, 2020, 5:16 PM IST

सांचोर (जालोर). एक समय था जब चितलवाना शहर में घुसते ही कचरे के ढेर, गोबर, सड़कों पर उड़ती हुई पॉलीथीन, कचरे से अटी हुई नालियां, सड़क पर फैला कीचड़ दिखना आम बात थी, लेकिन चितलवाना सेवा संस्थान के एक अभियान ने शहर की तस्वीर बदल दी. चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा माह के पहले या दूसरे रविवार को शहर में पहुंचते हैं और चितलवाना चका-चक का सपना साकार करने में जुट जाते है.

दरअसल, चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा इकठ्ठा होकर शहर की सफाई अभियान में हिस्सा ले रहे है. वहीं अभियान में महिलाएं भी भागीदारी निभा रही है, जिससे फिलहाल चितलवाना शहर साफ दिखाई देने लगा है. माह के पहले या दूसरे रविवार को चलने वाले इस अभियान के तहत 20 से 25 हजार रुपये खर्चा आता है, जो दक्षिणी भारत मे व्यवसाय कर रहे स्थानीय लोग वहन करते है. वहीं भामाशाह 40 बड़े कचरा-पात्र भेंट करेंगे जिससे बाजार में विभिन्न जगह पर रखे जाएंगे. एक भामाशाह ने ट्रैक्टर ट्रॉली भी भेंट करने की घोषणा की है जिससे बाजारों से कचरा इकट्ठा किया जाएगा.

स्वच्छ होने लगा चितलवाना

पढ़ें- Reality check: आखिर जब परिवहन विभाग में ही 'No Vehicle Day' हुआ फ्लॉप, दूसरे की बात ही क्या करें

चितलवाना सेवा संस्थान के अध्यक्ष जगदीश गोदारा ने बताया कि संस्थान की ओर से पौधारोपण, नवरात्रा गरबा महोत्सव, खेलकूद प्रतियोगिता, एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे थे, लेकिन दक्षिणी भारत के कई स्थानीय व्यवसायियों ने स्वच्छता का सुझाव दिया जो हमनें शुरु किया जो आज सफल होता दिख रहा है. अब हर कोई इस स्वच्छता अभियान की तारीफ करता दिख रहा है.

चितलवाना सेवा संस्थान के नाम से सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है. जिसमें 450 युवा जुड़े हुए है, जब अध्यक्ष जगदीश गोदारा किसी भी कार्यक्रम के लिए मैसेज करते है तो सभी युवा हाजिर हो जाते है और काम के लिए जुट जाते है.

सांचोर (जालोर). एक समय था जब चितलवाना शहर में घुसते ही कचरे के ढेर, गोबर, सड़कों पर उड़ती हुई पॉलीथीन, कचरे से अटी हुई नालियां, सड़क पर फैला कीचड़ दिखना आम बात थी, लेकिन चितलवाना सेवा संस्थान के एक अभियान ने शहर की तस्वीर बदल दी. चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा माह के पहले या दूसरे रविवार को शहर में पहुंचते हैं और चितलवाना चका-चक का सपना साकार करने में जुट जाते है.

दरअसल, चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा इकठ्ठा होकर शहर की सफाई अभियान में हिस्सा ले रहे है. वहीं अभियान में महिलाएं भी भागीदारी निभा रही है, जिससे फिलहाल चितलवाना शहर साफ दिखाई देने लगा है. माह के पहले या दूसरे रविवार को चलने वाले इस अभियान के तहत 20 से 25 हजार रुपये खर्चा आता है, जो दक्षिणी भारत मे व्यवसाय कर रहे स्थानीय लोग वहन करते है. वहीं भामाशाह 40 बड़े कचरा-पात्र भेंट करेंगे जिससे बाजार में विभिन्न जगह पर रखे जाएंगे. एक भामाशाह ने ट्रैक्टर ट्रॉली भी भेंट करने की घोषणा की है जिससे बाजारों से कचरा इकट्ठा किया जाएगा.

स्वच्छ होने लगा चितलवाना

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चितलवाना सेवा संस्थान के अध्यक्ष जगदीश गोदारा ने बताया कि संस्थान की ओर से पौधारोपण, नवरात्रा गरबा महोत्सव, खेलकूद प्रतियोगिता, एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे थे, लेकिन दक्षिणी भारत के कई स्थानीय व्यवसायियों ने स्वच्छता का सुझाव दिया जो हमनें शुरु किया जो आज सफल होता दिख रहा है. अब हर कोई इस स्वच्छता अभियान की तारीफ करता दिख रहा है.

चितलवाना सेवा संस्थान के नाम से सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है. जिसमें 450 युवा जुड़े हुए है, जब अध्यक्ष जगदीश गोदारा किसी भी कार्यक्रम के लिए मैसेज करते है तो सभी युवा हाजिर हो जाते है और काम के लिए जुट जाते है.

Intro:जिले के चितलवाना उपखण्ड मुख्यालय पर एक सेवा संस्थान द्वारा विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें वे ग्रामीणों के साथ मिलकर हर माह में पहले व दूसरे रविवार को सफाई करते है।


Body:चका-चक चितलवाना का सपना होने लगा पूरा,चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा माह के पहले रविवार को करते है साफ-सफाई,भामाशाह कर रहे है आर्थिक सहयोग।
सांचोर (जालोर)
एंकर-एक समय था जब चितलवाना शहर में घुसते ही कचरे के ढेर,गोबर,सड़को पर उड़ती हुई पॉलीथीन,कचरे से अटी हुई नालियां,सड़क पर फैला कीचड़ आम बात थी लेकिन चितलवाना सेवा संस्थान का एक अभियान ने शहर की तस्वीर बदल दी है।चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा माह के पहले या दूसरे रविवार को शहर में पहुंचते है और चितलवाना चका-चक का सपना साकार करने में जुटे हुए है।

दरअसल चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा इकठ्ठा होकर शहर की सफाई अभियान में हिस्सा ले रहे है वहीं अभियान में महिलाएं भी भागीदारी निभा रही है जिससे फिलहाल चितलवाना शहर साफ दिखाई देने लगा है.

माह के पहले या दूसरे रविवार को चलने वाले इस अभियान के तहत 20 से 25 हजार रुपये खर्चा आता है जो दक्षिणी भारत मे व्यवसाय कर रहे स्थानीय लोग वहां करते है।वहीं भामाशाह 40 बड़े कचरा-पात्र भेंट करेंगे जिससे बाजार में विभिन्न जगह पर रखे जाएंगे वहीं एक भामाशाह ने ट्रैक्टर ट्रॉली भी भेंट करने की घोषणा की है जिससे बाजार स कचरा इकट्ठा किया जाएगा।

चितलवाना सेवा संस्थान के अध्यक्ष जगदीश गोदारा ने बताया कि संस्थान की ओर से पौधारोपण,नवरात्रा गरबा महोत्सव,खेलकूद प्रतियोगिता,एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे थे लेकिन दक्षिणी भारत के कई स्थानीय व्यवसायियों ने स्वच्छता का सुझाव दिया जो हमनें शुरु किया जो आज सफल होता दिख रहा है।अब हर कोई इस स्वच्छता अभियान की तारीफ करता दिख रहा है।

चितलवाना सेवा संस्थान के नाम से सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है जिसमे 450 युवा जुड़े हुए है जो अध्यक्ष जगदीश गोदारा किसी भी कार्यक्रम के लिए ज्यों मैसेज करते है सभी युवा हाजिर हो जाते है और काम के लिए जुट जाते है।

सांचोर से भजनलाल गोदारा की रिपोर्ट।

विजवल डिटेल-
(1)-शहर में साफ-सफाई करते युवक व महिलाएं।
(2)-शहर से कचरा इकठ्ठा कर ट्रॉली में डालते हुए।
(3)-स्वच्छता अभियान चलाने के बाद शहर का साफ नजारा।
(4)-चितलवना राजीव गांधी सेवा केंद्र।
(5)-सफाई के बाद चमक रही सड़कें।


बाईट-
1, सोहन सारण-ग्रामीण (गुलाबी टी शर्ट में)
2, )-लक्ष्मण पुनिया-ग्रामीण (सफेद शर्ट पर काला जैकेट में)
3, शिवलाल गांधी-व्यापारी (नीले शर्ट पर काला जैकेट में)
4, जगदीश गोदारा-अध्यक्ष चितलवना सेवा संस्थान(सफेद शर्ट के ऊपर मटमैला जैकेट में)


Conclusion:
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