सांचोर (जालोर). एक समय था जब चितलवाना शहर में घुसते ही कचरे के ढेर, गोबर, सड़कों पर उड़ती हुई पॉलीथीन, कचरे से अटी हुई नालियां, सड़क पर फैला कीचड़ दिखना आम बात थी, लेकिन चितलवाना सेवा संस्थान के एक अभियान ने शहर की तस्वीर बदल दी. चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा माह के पहले या दूसरे रविवार को शहर में पहुंचते हैं और चितलवाना चका-चक का सपना साकार करने में जुट जाते है.
दरअसल, चितलवाना सेवा संस्थान के 450 युवा इकठ्ठा होकर शहर की सफाई अभियान में हिस्सा ले रहे है. वहीं अभियान में महिलाएं भी भागीदारी निभा रही है, जिससे फिलहाल चितलवाना शहर साफ दिखाई देने लगा है. माह के पहले या दूसरे रविवार को चलने वाले इस अभियान के तहत 20 से 25 हजार रुपये खर्चा आता है, जो दक्षिणी भारत मे व्यवसाय कर रहे स्थानीय लोग वहन करते है. वहीं भामाशाह 40 बड़े कचरा-पात्र भेंट करेंगे जिससे बाजार में विभिन्न जगह पर रखे जाएंगे. एक भामाशाह ने ट्रैक्टर ट्रॉली भी भेंट करने की घोषणा की है जिससे बाजारों से कचरा इकट्ठा किया जाएगा.
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चितलवाना सेवा संस्थान के अध्यक्ष जगदीश गोदारा ने बताया कि संस्थान की ओर से पौधारोपण, नवरात्रा गरबा महोत्सव, खेलकूद प्रतियोगिता, एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे थे, लेकिन दक्षिणी भारत के कई स्थानीय व्यवसायियों ने स्वच्छता का सुझाव दिया जो हमनें शुरु किया जो आज सफल होता दिख रहा है. अब हर कोई इस स्वच्छता अभियान की तारीफ करता दिख रहा है.
चितलवाना सेवा संस्थान के नाम से सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है. जिसमें 450 युवा जुड़े हुए है, जब अध्यक्ष जगदीश गोदारा किसी भी कार्यक्रम के लिए मैसेज करते है तो सभी युवा हाजिर हो जाते है और काम के लिए जुट जाते है.