रानीवाड़ा (जालोर). जिले के जसवंतपुरा तहसील के पावली गांव में निजी बिजली कंपनी में कार्यरत विद्युतकर्मी चमनाराम की करंट से झुलसने से मौत हो गई. स्थानीय विधायक नारायण सिंह देवल और पूर्व उप मुख्य सचेतक रतन देवासी की ने समझाइश की तो प्रदर्शन कर रहे परिजन और स्थानीय लोग शांत हुए.
बता दें कि पावली गांव में करीब 15 दिन पहले बिजली करंट से झुलसे कार्मिक की उपचार के दौरान शनिवार को मौत हो गई थी. मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने मृतक के शव को स्कूल परिसर में रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने मुआवजे सहित दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए विभाग ने निगम के जेईएन और तीन लाइनमैन को एपीओ कर दिया है. मामले में परिजनों का आरोप है कि चमनाराम की हत्या की गई है. उसे लाइन दुरुस्त करने पूरण गांव भेजा गया था जहां वह लाइन दुरुस्त कर रहा था, उसी दौरान पीछे से साजिश के तहत लाइनमैन ने बिजली सप्लाई चालू कर दी जिससे वह बुरी तरह झुलस गया.
मृतक का उपचार अहमदाबाद में चल रहा था जहां उसकी मौत हो गई. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल, पूर्व उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, एसडीएम शैलेन्द्र सिंह, तहसीलदार रामलाल मीणा, पुलिस उप अधीक्षक रतनलाल, डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता चतरसिंह मीणा, अधिशाषी अभियंता भरत देवड़ा पावली पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से समझाइश की. विधायक नारायणसिंह और पूर्व विधायक रतन देवासी की समझाइश पर प्रदर्शन कर रहे लोग शांत हुए.
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प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है. प्रकरण की जांच के लिए कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने जसवंतपुरा एसडीएम शैलेंद्र सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. मांगों के मुताबिक जांच के लिए प्रकरण की फाइल को सांचौर सीओ विरेन्द्र सिंह को भेजी गई है. इसके साथ निगम के कनिष्ठ अभियंता हरीश कुमार सहित लाइनमैन श्यामसुंदर, सुरेश गुर्जर और बलराम को एपीओ किया गया है. जेईएन का जिला मुख्यालय लाइनमैन को उपखंड मुख्यालय पर उपस्थिति देनी होगी.
ग्रामीणों ने किया धरना-प्रदर्शन
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने पावली जीएसएस के सामने शव रखकर धरना-प्रदर्शन किया और प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों के समक्ष मांगें रखीं. ग्रामीणों के बुलाने पर धरना-प्रदर्शन में पहुंचे रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने ग्रामीणों की मांग से प्रशासनिक अधिकारियों, विद्युत विभाग के अधिकारियों और अनुबंधित कंपनी के प्रतिनिधियों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मांग के अनुरूप कनिष्ठ अभियंता हरीश कुमार को हटाया जाये, दोषी लाईनमैन को भी हटाया जाये, उपखण्ड अधिकारी जसवन्तपुरा की अध्यक्षता में विद्युत विभाग के अधिकारी पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करें और जो भी दोषी हो, उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए.
मुआवजे और कार्रवाई की मांग
मृतक के परिवार को 6 लाख रूपये की आर्थिक सहायता और इलाज के दौरान खर्च हुए 1 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति करने की भी मांग की गई है। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों, विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कंपनी के प्रतिनिधियों ने स्थानीय विधायक देवल को आश्वस्त किया कि ग्रामीणों की सभी मांगें हम मानने को तैयार हैं और समझौता करने को तैयार हैं. विधायक देवल ने ग्रामीणों से वार्ता कर समझौता उसके बाद ग्रामीण शव का अंतिम संस्कार करने को सहमत हुए.
यह है पूरा मामला
पावली निवासी चमनाराम पुत्र अखाराम चौधरी एक निजी कंपनी का कार्मिक था जो बिजली विभाग में तैनात था. चमनाराम 7 नवंबर को बिजली लाइन में आए फॉल्ट को ठीक करने के लिए पूरण गांव पहुंचा था. आरोप है काम करने के दौरान लाइनमैन ने कनिष्ठ अभियंता के साथ मिलकर बंद बिजली सप्लाई शुरू कर दी, जिसके बाद मृतक चमनाराम झुलस गया था. मामले में मृतक के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज करवाया है.