जालोर. डिस्कॉम के सबसे बड़े अधिकारी सीएस चतर सिंह मीणा को एसीबी ने 28 हजार की राशि दलाल के जरिए लेने के आरोप में हिरासत में लिया है. मीणा ने बिजली कनेक्शन की क्षमता बढ़ाने के एवज में 30 हजार मांगे थे. जिसमें से 28 हजार राशि दलाल ने ली और 2 हजार परिवादी को वापस दे दी. जिसके बाद एसीबी ने कोर्ट परिसर से दलाल हिरासत में ले लिया.
जालोर एसीबी (Jalore ACB) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीरसिंह राणावत ने बताया कि परिवादी अमराराम व सह परिवादी जितेंद्र कुमार ने जालोर एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके धड़ला पावटी जालोर में सीमेंट ब्रिक्स इंटरलॉकिंग की फैक्ट्री स्थित हैं.
इस फैक्ट्री में 15 एचपी एसटीपी कनेक्शन के लिए जोधपुर डिस्कॉम में फाइल लगी हुई हैं. जिसके संबंध में परिवादियों ने 20 जुलाई को डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता चतरसिंह मीणा से मुलाकात की तो उसने कनेक्शन का एलटी मीटरिंग आदेश जारी करने की एवज में 30 हजार रुपये रिश्वत की मांग की. इस रिश्वत राशि को मध्यस्थता कर रहे ठेकेदार कांतिलाल के जरिए देने की बात कही गई.
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एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया और ट्रैप कार्रवाई की. मंगलवार को रिश्वत राशि कोर्ट परिसर में ठेकेदार को देना तय हुआ. जिसके बाद परिवादी ACB के साथ कोर्ट पहुचा और दलाल को 30 हजार रुपए दिए. जिसमें से दलाल ने 2 हजार रुपए वापस परिवादी को दे दिए.
ACB के पहुंचने पर एसई घर में हुआ बंद
ACB ने कोर्ट परिसर से ही ठेकेदार कांतिलाल को गिरफ्तार कर लिया है. उसके बाद ACB टीम चतर सिंह मीणा के सरकारी आवास पर पहुंची तो मीणा ने अंदर से घर बंद कर लिया. जिस पर एसीबी और कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और जैसे-तैसे करके आवास खुलवाकर मीणा को हिरासत में लिया. जिसके बाद कोतवाली थाने में लाकर मीणा से पूछताछ की गई.