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SOG का शिकंजा! लाइब्रेरियन परीक्षा के 44 अभ्यर्थी एसओजी की रडार पर, पूछताछ के लिए नोटिस जारी

पेपर लीक होने के चलते रद्द हुई Librarian Exam, 19 सितंबर 2020 को दोबारा करवाई गई थी. लेकिन इस परीक्षा के पहले छात्रों के पास पेपर आ गया, जिसके Screen Shot एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) के हत्थे लगने के बाद अब एसओजी ने सांचौर थाने के 22, चितलवाना के 18 और सरवाना थाने के चार अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया है.

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पूछताछ के लिए जारी किए नोटिस
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Published : Feb 1, 2021, 11:55 AM IST

जालोर. लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा (Librarian Recruitment Examination) से पहले पेपर लीक हाेने के मामले में जालोर के सांचाैर और चितलवाना क्षेत्र में रहने वाले 44 अभ्यर्थी एसओजी की रडार पर हैं. इन छात्रों काे एसओजी की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से पूछताछ के लिए बुलाया है. सभी अभ्यर्थी सांचौर, चितलवाना और सरवाना थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान कर्मचारी चयन बाेर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) की ओर से जारी किए परीक्षा परिणाम में इनके अच्छे मार्क्स आए हैं. अब एसओजी की स्पेशल टीमें इन अभ्यर्थियाें काे सांचाैर सीओ ऑफिस में बुलाकर परीक्षा को लेकर पूछताछ करेगी. इसमें संदिग्ध छात्रों की पेपर आउट मामले में गिरफ्तारी हो सकती है. पुलिस के अनुसार एसओजी की तरफ से जारी सूची में 22 सांचौर, चार सरवाना और 18 चितलवाना क्षेत्र के अभ्यर्थी हैं.

जान लीजिए पूरा मामला?

दरअसल, लाइब्रेरियन थर्ड ग्रेड की भर्ती परीक्षा 2019 में आयाेजित हुई थी, जिसमें पेपर आउट हाेने के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बाेर्ड ने परीक्षा निरस्त कर दिया था. इसके बाद दोबारा 19 सितंबर 2020 में आयाेजित हुई थी. इस बार भी अभ्यर्थियाें ने पेपर आउट हाेने का आरोप लगाकर एसओजी में सबूताें के साथ शिकायत की थी. उसके बाद एसओजी की टीम लगातार सक्रिय है.

यह भी पढ़ें: लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा 2018: पेपर लीक होने के बाद परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक एसओजी डीआईजी शरत कविराज के निर्देशन में हाे रही इस जांच के लिए आरपीएस राजेश मलिक और उनकी स्पेशल टीम पिछले कुछ दिन से सांचौर में डेरा डाले हुए है. एसओजी ने बाेर्ड से उन छात्राें की पूरी जानकारी ली है, जाे जालोर में सांचौर, चितलवाना और सरवाना थाना क्षेत्र के हैं और सबसे ज्यादा मार्क्स आए हैं. इन अभ्यर्थियाें के बारे में एसओजी ने तकनीकी रूप से भी जांच की है. ऐसा माना जा रहा है कि तकनीकी जांच में कुछ महत्वपूर्ण क्लू मिले हैं. इसके बाद एसओजी की टीम जयपुर से सांचौर पहुंची है और स्थानीय पुलिस की मदद से एक-एक अभ्यर्थी काे पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है.

पेपर आउट करने का मास्टर माइंड जगदीश भी सांचौर के दाता का

आईएएस से लेकर चपरासी तक की भर्ती परीक्षाओं में पेपर आउट करने वाला मास्टर माइंड जगदीश विश्नाेई सांचौर क्षेत्र के दाता गांव का है. पुलिस मुख्यालय ने पांच हजार का इनाम रखा था. साल 2019 में पुलिस ने जगदीश विश्नाेई काे गिरफ्तार किया था. मगर कुछ समय बाद वह जमानत पर वापस आ गया. लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में एसओजी काे जगदीश विश्नाेई के संबंध में भी साक्ष्य मिले हैं, जिसके बाद एसओजी का ध्यान सांचौर पर केंद्रित हुआ.

यह भी पढ़ें: जयपुरः लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गैंग का सरगना अब भी पुलिस की पकड़ से दूर

बता दें कि लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा पहली बार साल 2019 में आयोजित हुई, लेकिन पेपर लीक के चलते परीक्षा को रद्द कर दिया था. उसके बाद दूसरी बार 19 सितंबर 2020 काे परीक्षा करवाया गई. इसमें में कुछ अभ्यर्थियाें के माेबाइल पर परीक्षा से पहले ही पेपर आ गया था. बाद में अभ्यर्थियाें ने स्क्रीन शाॅट एसओजी काे साैंपा था. इसके बाद एसओजी ने जांच की ताे पता चला कि अधिकतर अभ्यर्थी सांचौर इलाके के हैं.

जालोर. लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा (Librarian Recruitment Examination) से पहले पेपर लीक हाेने के मामले में जालोर के सांचाैर और चितलवाना क्षेत्र में रहने वाले 44 अभ्यर्थी एसओजी की रडार पर हैं. इन छात्रों काे एसओजी की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से पूछताछ के लिए बुलाया है. सभी अभ्यर्थी सांचौर, चितलवाना और सरवाना थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान कर्मचारी चयन बाेर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) की ओर से जारी किए परीक्षा परिणाम में इनके अच्छे मार्क्स आए हैं. अब एसओजी की स्पेशल टीमें इन अभ्यर्थियाें काे सांचाैर सीओ ऑफिस में बुलाकर परीक्षा को लेकर पूछताछ करेगी. इसमें संदिग्ध छात्रों की पेपर आउट मामले में गिरफ्तारी हो सकती है. पुलिस के अनुसार एसओजी की तरफ से जारी सूची में 22 सांचौर, चार सरवाना और 18 चितलवाना क्षेत्र के अभ्यर्थी हैं.

जान लीजिए पूरा मामला?

दरअसल, लाइब्रेरियन थर्ड ग्रेड की भर्ती परीक्षा 2019 में आयाेजित हुई थी, जिसमें पेपर आउट हाेने के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बाेर्ड ने परीक्षा निरस्त कर दिया था. इसके बाद दोबारा 19 सितंबर 2020 में आयाेजित हुई थी. इस बार भी अभ्यर्थियाें ने पेपर आउट हाेने का आरोप लगाकर एसओजी में सबूताें के साथ शिकायत की थी. उसके बाद एसओजी की टीम लगातार सक्रिय है.

यह भी पढ़ें: लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा 2018: पेपर लीक होने के बाद परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक एसओजी डीआईजी शरत कविराज के निर्देशन में हाे रही इस जांच के लिए आरपीएस राजेश मलिक और उनकी स्पेशल टीम पिछले कुछ दिन से सांचौर में डेरा डाले हुए है. एसओजी ने बाेर्ड से उन छात्राें की पूरी जानकारी ली है, जाे जालोर में सांचौर, चितलवाना और सरवाना थाना क्षेत्र के हैं और सबसे ज्यादा मार्क्स आए हैं. इन अभ्यर्थियाें के बारे में एसओजी ने तकनीकी रूप से भी जांच की है. ऐसा माना जा रहा है कि तकनीकी जांच में कुछ महत्वपूर्ण क्लू मिले हैं. इसके बाद एसओजी की टीम जयपुर से सांचौर पहुंची है और स्थानीय पुलिस की मदद से एक-एक अभ्यर्थी काे पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है.

पेपर आउट करने का मास्टर माइंड जगदीश भी सांचौर के दाता का

आईएएस से लेकर चपरासी तक की भर्ती परीक्षाओं में पेपर आउट करने वाला मास्टर माइंड जगदीश विश्नाेई सांचौर क्षेत्र के दाता गांव का है. पुलिस मुख्यालय ने पांच हजार का इनाम रखा था. साल 2019 में पुलिस ने जगदीश विश्नाेई काे गिरफ्तार किया था. मगर कुछ समय बाद वह जमानत पर वापस आ गया. लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में एसओजी काे जगदीश विश्नाेई के संबंध में भी साक्ष्य मिले हैं, जिसके बाद एसओजी का ध्यान सांचौर पर केंद्रित हुआ.

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बता दें कि लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा पहली बार साल 2019 में आयोजित हुई, लेकिन पेपर लीक के चलते परीक्षा को रद्द कर दिया था. उसके बाद दूसरी बार 19 सितंबर 2020 काे परीक्षा करवाया गई. इसमें में कुछ अभ्यर्थियाें के माेबाइल पर परीक्षा से पहले ही पेपर आ गया था. बाद में अभ्यर्थियाें ने स्क्रीन शाॅट एसओजी काे साैंपा था. इसके बाद एसओजी ने जांच की ताे पता चला कि अधिकतर अभ्यर्थी सांचौर इलाके के हैं.

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