सांचौर (जालोर). सरनाऊ गांव मे करीब 15 वर्ष पुरानी कलह जो कि जमीन बंटवारे को लेकर हुई थी. गांव में हमेशा साथ मे बैठने वाले दो पक्ष एक दूसरे को मरने-मारने पर उतारू हो गए थे. झगड़ा इतना बढ़ गया की दुश्मनी 15 साल तक चली. एक दूसरे पर मुकदमा किया गया. दोनों पक्ष कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने लगे लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. पुलिस प्रशासन के भी प्रयास रंग नही लाएं. आखिर समाज की जाजम पर आए दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी है.
15 साल बाद विश्नोई समाज के आचार्य डॅा. संत गोर्वधनराम शिक्षा शास्त्री के पास दोनों पक्षों को उनकों मध्यस्थता के लिए आमंत्रित किया. आचार्य ने सरनाऊ स्थित गुरू जम्भेश्वर मन्दिर सरनाऊ मे पहुंच कर दोनों पक्षों को पहले आपसी सहमति ओर लेनदेन पर राजी किया. उसके बाद गुरू जम्भेश्वर मन्दिर में चल रही अखण्ड ज्योति के समक्ष ले जा कर ज्योति को साक्षी मानकर भविष्य में इस झगड़े की पुनरावृत्ति नही करने और सहमति से मुखरें नही ऐसा संकल्प दिलाकर झगड़ा समाप्त करवाया.
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इन दो पक्षों के बीच था झगड़ा
सरनाऊ निवासी जालाराम पुत्र साजनराम विश्नोई ओर गोकलाराम पुत्र केसाराम विश्नोई के बीच करीब 15 साल पुरानी जमीन को लेकर विवाद था. उक्त विवाद से सरनाऊ की के सैकड़ों लोग प्रभावित थे. वो चाहते थे कि इन दोनों पक्षों के आपसी सुलह खत्म हो जाए. आचार्य ने दोनों की सहमति पर जालाराम विश्नोई की कुछ मांग को पुरा करने के लिए बुधाराम विश्नोई को सहमत किया ओर फिर 15 साल पुराना विवाद सुलझा. इस दौरान महंत सत्यामित्रानंद महाराज, दाता सरपंच ईशवर लाल, छोगाराम डारा, किसनाराम साऊ, हिरालाल विश्नोई, अमलूराम डारा सहित सैकड़ों की संख्या में विश्नोई समाज के लोग उपस्थित थे.