जैसलमेर. एक समय था कि सीमावर्ती जिले जैसलमेर में विभिन्न चिकित्सा इमरजेंसी में राजकीय ब्लड बैंक में रक्त पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं रहता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से रक्तकोष प्रभारी डॉ. दामोदर खत्री की लगन और उनके प्रोत्साहन से उत्साहित युवाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों का नतीजा है कि राजकीय रक्त कोष में अब मरीजों को ब्लड के लिए भटकना नहीं पड़ता.
आज राजकीय जवाहर चिकित्सालय में थैलेसीमिया और हिमोफीलिया जागरूकता और स्वैच्छिक रक्तदान प्रोत्साहन कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी, रक्तकोष प्रभारी डॉ. दामोदर खत्री, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश जांगिड़, सर्जन डॉ. सुरेंद्रसिंह राठौर सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधि और रक्तदाता मौजूद रहे.
कार्यशाला में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया पर चिकित्सकों की ओर से विस्तृत चर्चा की गई. साथ ही युवाओं को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया और उन्हें रक्तदान से होने वाले लाभों से अवगत करवाया गया और रक्तदान से संबंधित भ्रांतियों पर भी चर्चा की गई.
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सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने कहा कि जैसलमेर जिले में पिछले कुछ समय में स्थानीय निवासियों और खासतौर पर युवाओं में जागरूकता के चलते रक्तदान की प्रवृत्ति बढ़ी है जिसके चलते थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों जिन्हें लगातार रक्त की आवश्यकता पड़ती है उन्हें समस्याएं नहीं होती. उन्होंने कहा इस तरह की कार्यशालाओं से आमजन में जागरूकता बढ़ती है, साथ ही उन्होंने आमजन से अपील की है कि जो स्वस्थ हो और रक्तदान कर सके उसे ब्लड डोनेट अवश्य करना चाहिए.