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कोरोना के खात्मे की दुआ करने 600 किमी. पैदल चलकर रामदेवरा पहुंचे 3 श्रद्धालु

गुजरात के पाटन से 3 श्रद्धालु 600 किलोमीटर पैदल चलकर रामदेवरा पहुंचे. श्रद्धालुओं ने बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन किए और देश से कोरोना के खात्मे की दुआ मांगी. बाबा रामदेव राजस्थान के प्रसिद्ध लोकदेवता हैं, जिनके दर्शन करने कई राज्यों से लोग आते हैं.

devotees reach ramdevra walking,  ramdev temple
कोरोना के खात्मे की दुआ करने 600 किमी. पैदल चलकर रामदेवरा पहुंचे 3 श्रद्धालु
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Published : Oct 3, 2020, 5:43 PM IST

पोकरण (जैसलमेर). गुजरात के पाटन जिले से 3 युवक पैदल चलकर रामदेवरा पहुंचे हैं. लगभग 600 किलोमीटर का सफर तय करके युवकों ने रामदेव बाबा की समाधि के दर्शन किए और पूजा अर्चना की. युवकों ने देश से जल्द कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ मांगी.

पढ़ें: जैसलमेर: 25 हजार रुपए में SP के फर्जी हस्ताक्षर और सील से बना दिया चरित्र प्रमाण पत्र, 3 दलाल गिरफ्तार

अजीत सिंह राजपूत, सुरेश भाई, रावल मोंटू भाई 21 सितंबर को पाटन से चले थे. करीब 600 किलोमीटर का सफर तय करने में इन्हें 12 दिन लगे. युवकों ने बताया कि उन्हें सफर में कोई खास परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. जब भी उनका हौसला डगमगाने लगा उन्होंने बाबा रामदेव को याद किया और आगे बढ़ते गए. रामदेवरा पहुंचने पर तीनों श्रद्धालुओं का स्थानीय दुकानदारों ने माला पहनाकर स्वागत किया. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब भी कई जगहों पर यातायात पटरी पर नहीं लौटा है. वहीं, गुजरात के लोगों में बाबा रामदेव को लेकर अपार श्रद्धा है जिसके चलते वो पैदल ही रामदेवरा आना पसंद करते हैं.

कौन थे बाबा रामदेव?

बाबा रामदेव राजस्थान के प्रसिद्ध लोकदेवता हैं. जिनका अवतरण वि.सं. 1409 को हुआ था. रामदेव बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी हैं. हर साल पाकिस्तान से लोग बाबा की समाधि पर आते हैं. हर साल जैसलमेर के पोकरण में बाबा रामदेव का मेला लगता है. जिसमें कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. यह मेला भादो माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को लगता है.

पोकरण (जैसलमेर). गुजरात के पाटन जिले से 3 युवक पैदल चलकर रामदेवरा पहुंचे हैं. लगभग 600 किलोमीटर का सफर तय करके युवकों ने रामदेव बाबा की समाधि के दर्शन किए और पूजा अर्चना की. युवकों ने देश से जल्द कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ मांगी.

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अजीत सिंह राजपूत, सुरेश भाई, रावल मोंटू भाई 21 सितंबर को पाटन से चले थे. करीब 600 किलोमीटर का सफर तय करने में इन्हें 12 दिन लगे. युवकों ने बताया कि उन्हें सफर में कोई खास परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. जब भी उनका हौसला डगमगाने लगा उन्होंने बाबा रामदेव को याद किया और आगे बढ़ते गए. रामदेवरा पहुंचने पर तीनों श्रद्धालुओं का स्थानीय दुकानदारों ने माला पहनाकर स्वागत किया. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब भी कई जगहों पर यातायात पटरी पर नहीं लौटा है. वहीं, गुजरात के लोगों में बाबा रामदेव को लेकर अपार श्रद्धा है जिसके चलते वो पैदल ही रामदेवरा आना पसंद करते हैं.

कौन थे बाबा रामदेव?

बाबा रामदेव राजस्थान के प्रसिद्ध लोकदेवता हैं. जिनका अवतरण वि.सं. 1409 को हुआ था. रामदेव बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी हैं. हर साल पाकिस्तान से लोग बाबा की समाधि पर आते हैं. हर साल जैसलमेर के पोकरण में बाबा रामदेव का मेला लगता है. जिसमें कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. यह मेला भादो माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को लगता है.

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