ETV Bharat / state

PoK में कार्रवाई के बाद पोकरण में थल सेना और वायु सेना के संयुक्त युद्धाभ्यास से थर्राया रेगिस्तान, सीमा पार पहूंची गूंज

प्रदेश के सीमांत जैसलमेर जिले के पोकरण में थल सेना की सुदर्शन चक्र वाहिनी एवं वायुसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास से सोमवार को रेगिस्तान थर्रा उठा. पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में रविवार से शुरू हुए युद्धाभ्यास में थल सेना एवं वायुसेना अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है. इस युद्धाभ्यास में करीब 40 हजार सैनिक और अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, यह युद्धाभ्यास विभिन्न चरणों में 5 दिसंबर तक चलेगा.

जैसलमेर युद्धाभ्यास न्यूज , Jaisalmer war Exercise News
author img

By

Published : Oct 21, 2019, 9:26 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 10:06 PM IST

जैसलमेर. प्रदेश के सीमांत जैसलमेर जिले के पोकरण में थल सेना की सुदर्शन चक्र वाहिनी एवं वायुसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास से सोमवार को रेगिस्तान थर्रा उठा. बता दें कि पाकिस्तान से मिल रही नित नई चुनौतियों तथा सीमा पार से बढ़ रही पाकिस्तान की नापाक हरकतों को कड़ा जवाब देने के लिए सेना और वायुसेना का यह युद्धाभ्यास किया जा रहा है. वहीं, युद्धाभ्यास के दौरान दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को अचूक बमबारी कर नष्ट कर दिया गया. पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में रविवार से शुरू हुए युद्धाभ्यास में थल सेना एवं वायुसेना अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है.

पोकरण में सेना के संयुक्त युद्धाभ्यास से थर्राया रेगिस्तान

जानकारी के अनुसार सोमवार को युद्धाभ्यास के दौरान पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज धमाकों से गूंज उठी और सैनिकों ने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर अचूक बमबारी कर उस नष्ट कर दिया. इस दौरान के-9 वज्र गन ने अचूक निशाने साधे तथा अटैकिंग हेलीकॉप्टर एवं वायुसेना के विमानों ने जबरदस्त बमबारी करते हुए इन ठिकानों को तहस-नहस कर दिया. बता दें कि धमाकों के कारण पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में रेत का गुबार छा गया. वहीं, रॉकेट लॉन्चर से शत्रु के छद्म ठिकानों एवं आतंकवादी ठिकानों आदि को नष्ट करने का अभ्यास किया गया.

पढ़ें- अब सोसाइटी की धोखाधड़ी से परेशान लोग ONLINE विभाग के पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवा सकेंगे

बता दें कि इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के अंतर्गत भोपाल स्थित स्ट्राईक कोर सुदर्शन चक्र क्रॉप के साथ-साथ अन्य कई डिवीजन और भारतीय वायुसेना के साथ शुरु हुए इस युद्धाभ्यास में करीब 40 हजार सैनिक और अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, यह युद्धाभ्यास विभिन्न चरणों में 5 दिसंबर तक चलेगा.

उधर, महज 48 घंटे में दुश्मन के ठिकानों को फतह करने के लक्ष्य से थल सेना की 21 स्ट्राइक कोर ने सुदर्शन चक्र के साथ शुरु हुए युद्धाभ्यास सिन्धू सुदर्शन में सोमवार को पोकरण फायरिंग रेंज में पूरे युद्ध जैसा नजारा प्रस्तुत किया. चारों तरफ जोरदार धमाकों की गूंज, टैंकों, गनों, रॉकेट लॉन्चर से निकले हुए बमों ने पूरी रेंज में एक ऐसा जीवंत जलजला प्रस्तुत किया. वहीं, इस युद्धाभ्यास के धमाकों की गूंज सीमा पार बैठे पाकिस्तान तक भी पहुंच गई.

पढ़ें- निकाय चुनाव के अलावा सत्ता और संगठन में कोई मतभेद नहीं है: मंत्री आंजना

जानकारी के अनुसार इस युद्धाभ्यास में हेलिकॉप्टर ध्रुव से फायरिंग में पहली बार सेना के फायर पॉवर में शामिल हो रही K9 वर्जा गन, बोफोर्स, मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, स्मर्च, T-90 टैंक, BMP पिनाका रॉकेट लाॉन्चर, सॉल्टम गन, 130 mm गन, 105 mm गन, ग्रेड रॉकेट लॉन्चर के जरिए सेना ने पोकरण फायरिंग रेंज में एक के बाद एक दुश्मन के छद्म ठिकानों पर हमले कर पूरे रेंज में युद्ध सा नजारा प्रस्तुत किया.

वहीं, इस युद्धाभ्यास के जरिए भारतीय सेना बदली परिस्थितियों को ध्यान में रख तैयार किए गए किसी भी युद्ध के अपने नए डॉक्ट्रेन को परख रही है. इस दौरान इंटीग्रेटेड फायर पावर की जोरदार नुमाइश की जा रही है. इस युद्धाभ्यास में आसमां से लेकर जमीनी हमले करने में सक्षम खास हथियारों के माध्यम से भारतीय सेना अपनी फायर पावर का प्रदर्शन किया.

पढे़ें- बापू की 150वीं जयंती : ईटीवी भारत की खास प्रस्तुति का PM मोदी ने किया अभिनंदन

जानकारी के अनुसार मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, स्मर्च, ग्रेड आदि के माध्यम से कलस्टर बमों से किए गए सटीक हमलों ने दुश्मन को चौंका दिया. बता दें कि थल एवं वायुसेना की मारक क्षमता को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए सेना की दक्षिणी कमान के हजारों सैनिक अभ्यास कर रहे हैं. वायुसेना की ओर से कम समय में कैसे दुश्मन को नेस्तनाबूद किया जाए, इस पर थल सेना का साथ लेकर विजय प्राप्त करने का प्रदर्शन किया जा रहा है. खासकर दक्षिणी कमान की सुदर्शन चक्र कॉप्स इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

जैसलमेर. प्रदेश के सीमांत जैसलमेर जिले के पोकरण में थल सेना की सुदर्शन चक्र वाहिनी एवं वायुसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास से सोमवार को रेगिस्तान थर्रा उठा. बता दें कि पाकिस्तान से मिल रही नित नई चुनौतियों तथा सीमा पार से बढ़ रही पाकिस्तान की नापाक हरकतों को कड़ा जवाब देने के लिए सेना और वायुसेना का यह युद्धाभ्यास किया जा रहा है. वहीं, युद्धाभ्यास के दौरान दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को अचूक बमबारी कर नष्ट कर दिया गया. पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में रविवार से शुरू हुए युद्धाभ्यास में थल सेना एवं वायुसेना अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है.

पोकरण में सेना के संयुक्त युद्धाभ्यास से थर्राया रेगिस्तान

जानकारी के अनुसार सोमवार को युद्धाभ्यास के दौरान पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज धमाकों से गूंज उठी और सैनिकों ने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर अचूक बमबारी कर उस नष्ट कर दिया. इस दौरान के-9 वज्र गन ने अचूक निशाने साधे तथा अटैकिंग हेलीकॉप्टर एवं वायुसेना के विमानों ने जबरदस्त बमबारी करते हुए इन ठिकानों को तहस-नहस कर दिया. बता दें कि धमाकों के कारण पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में रेत का गुबार छा गया. वहीं, रॉकेट लॉन्चर से शत्रु के छद्म ठिकानों एवं आतंकवादी ठिकानों आदि को नष्ट करने का अभ्यास किया गया.

पढ़ें- अब सोसाइटी की धोखाधड़ी से परेशान लोग ONLINE विभाग के पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवा सकेंगे

बता दें कि इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के अंतर्गत भोपाल स्थित स्ट्राईक कोर सुदर्शन चक्र क्रॉप के साथ-साथ अन्य कई डिवीजन और भारतीय वायुसेना के साथ शुरु हुए इस युद्धाभ्यास में करीब 40 हजार सैनिक और अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, यह युद्धाभ्यास विभिन्न चरणों में 5 दिसंबर तक चलेगा.

उधर, महज 48 घंटे में दुश्मन के ठिकानों को फतह करने के लक्ष्य से थल सेना की 21 स्ट्राइक कोर ने सुदर्शन चक्र के साथ शुरु हुए युद्धाभ्यास सिन्धू सुदर्शन में सोमवार को पोकरण फायरिंग रेंज में पूरे युद्ध जैसा नजारा प्रस्तुत किया. चारों तरफ जोरदार धमाकों की गूंज, टैंकों, गनों, रॉकेट लॉन्चर से निकले हुए बमों ने पूरी रेंज में एक ऐसा जीवंत जलजला प्रस्तुत किया. वहीं, इस युद्धाभ्यास के धमाकों की गूंज सीमा पार बैठे पाकिस्तान तक भी पहुंच गई.

पढ़ें- निकाय चुनाव के अलावा सत्ता और संगठन में कोई मतभेद नहीं है: मंत्री आंजना

जानकारी के अनुसार इस युद्धाभ्यास में हेलिकॉप्टर ध्रुव से फायरिंग में पहली बार सेना के फायर पॉवर में शामिल हो रही K9 वर्जा गन, बोफोर्स, मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, स्मर्च, T-90 टैंक, BMP पिनाका रॉकेट लाॉन्चर, सॉल्टम गन, 130 mm गन, 105 mm गन, ग्रेड रॉकेट लॉन्चर के जरिए सेना ने पोकरण फायरिंग रेंज में एक के बाद एक दुश्मन के छद्म ठिकानों पर हमले कर पूरे रेंज में युद्ध सा नजारा प्रस्तुत किया.

वहीं, इस युद्धाभ्यास के जरिए भारतीय सेना बदली परिस्थितियों को ध्यान में रख तैयार किए गए किसी भी युद्ध के अपने नए डॉक्ट्रेन को परख रही है. इस दौरान इंटीग्रेटेड फायर पावर की जोरदार नुमाइश की जा रही है. इस युद्धाभ्यास में आसमां से लेकर जमीनी हमले करने में सक्षम खास हथियारों के माध्यम से भारतीय सेना अपनी फायर पावर का प्रदर्शन किया.

पढे़ें- बापू की 150वीं जयंती : ईटीवी भारत की खास प्रस्तुति का PM मोदी ने किया अभिनंदन

जानकारी के अनुसार मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, स्मर्च, ग्रेड आदि के माध्यम से कलस्टर बमों से किए गए सटीक हमलों ने दुश्मन को चौंका दिया. बता दें कि थल एवं वायुसेना की मारक क्षमता को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए सेना की दक्षिणी कमान के हजारों सैनिक अभ्यास कर रहे हैं. वायुसेना की ओर से कम समय में कैसे दुश्मन को नेस्तनाबूद किया जाए, इस पर थल सेना का साथ लेकर विजय प्राप्त करने का प्रदर्शन किया जा रहा है. खासकर दक्षिणी कमान की सुदर्शन चक्र कॉप्स इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

Intro:Body:जैसलमेर फायरिंग रेंज में हुआ आर्मी और एयरफोर्स का संयुक्त युद्धाभ्यास

वज्र और रुद्र के गूंज उठा जैसलमेर

भारतीय सेना की सुरदर्शन चक्र वाहिनी ने किया अदम्य साहस का प्रदर्शन

पाकिस्तान से मिल रही नित नई चुनौतियां तथा सीमा पार से बढ़ रही उसकी नापाक हरकतो को देखते हुवें इसका कड़ा जवाब देने व दुश्मन के हिस्से को केप्चर करने के लिए भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता व अन्य युद्ध संबंधी तैयारियों की परिकल्पना व अन्य योजनाओं का खाका जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंज में सिन्धू सुरक्षा युद्वाभ्यास के अन्तर्गत सोमवार को तैयार किया। भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के अन्तर्गत भोपाल स्थित स्ट्राईक कोर सुदर्शन चक्र क्राॅप के साथ-साथ अन्य कई डिवीजन व भारतीय वायुसेना के साथ शुरु हुवें इस युद्धाभ्यास में करीब 40000 सैनिक व अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। यह युद्धाभ्यास विभिन्न चरणों में 5 दिसंबर तक चलेगा।

महज 48 घंटे में दुश्मन के ठिकानों को फतह करने के लक्ष्य से थल सेना की 21 स्ट्राइक कोर ने सुदर्शन चक्र के शुरु हुवें युद्धाभ्यास सिन्धू सुदर्शन में सोमवार को पोकरण फायरिंग रेंज में पूरे युद्ध जैसा नजारा प्रस्तुत किया। चारो तरफ जोरदार धमाको की गूंज, टैंको, गनो, राॅकेट लाॅन्चर से निकले हुवें बमो ने पूरी रेंज में एक ऐसा जीवन्त जलजला प्रस्तुत किया कि उसके धमाको की गूंज सीमा पार बैठे पाकिस्तान तक भी पहुंच गई। चारो तरफ धूल का गुब्बार व लगातार एक के बाद एक धमाके अटैकिंग हेलिकोप्टर धु्रव से फायरिंग पहली बार सेना के फायर पाॅवर में शामिल हो रही के .9 वर्जा गन, बोफोर्स, मल्टीपल राॅकेट लांचर, स्मर्च, टी-90 टैंक, बी.एम.पी पिनाका राॅकेट लांचर, साॅल्टम गन, 105 एम.एम गन, ग्रेड राॅकेट लाॅन्चर के जरिये सेना ने पोकरण फायरिंग रेंज में एक के बाद एक दुश्मन के छद्म ठिकानो पर हमले कर पूरे रेंज में युद्ध सा नजारा प्रस्तुत किया।

दक्षिणी कमान की भोपाल स्थित स्ट्राईक कोर सुदर्शन चक्र क्राॅप का सिन्धू सुदर्शन युद्ध अभ्यास हालांकि 20 अक्टूबर से शुरु हुआ लेकिन इसकी विधिवत शुरुआत पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुरु हुई। इस युद्धाभ्यास के जरिये भारतीय सेना बदली परिस्थितियों को ध्यान में रख तैयार किए गए किसी भी युद्ध के अपने नए डॉक्ट्रेन को परख रही है। इस दौरान इंटीग्रेटेड फायर पावर की जोरदार नुमाइश की जा रही है। इस युद्धाभ्यास में आसमां से लेकर जमीनी हमले करने में सक्षम खास हथियारों के माध्यम से भारतीय सेना अपनी फायर पावर प्रदर्शन किया। इस युद्धाभ्यास में सेना ने दिखाया कि उसने टी-90 टैंकों, बी.एम.पी के साथ पहली बार युद्धाभ्यास में शामिल हो रही अत्याधुनिक के-9 वर्जा गन, जिसे भारत में तैयार किया गया हैं के साथ 130 एम.एम गन, 105 एम.एम गन, बोफोर्स आदि ने माध्यम से जबरदस्त मारक क्षमता के साथ दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों जमीनी हमला बोला गया।

जानकारी के आधार पर मल्टीपल राॅकेट लाॅन्चर स्मर्च, ग्रेड आदि के माध्यम से कलस्टर बमो से किये गए सटीक हमलों ने दुश्मन को चोंका दिया। देखते ही देखते चारों तरफ से हुए जबरदस्त प्रहार से दुश्मन बौखला गया और उसे पीछे हटना पड़ा। देखते ही देखते भारतीय सेना ने बड़े भूभाग पर अपना कब्जा जमा लेने के प्रदर्शन किया। पूरी रेंज भारत माता के जय-जयकारो , कालिका माता की जय, बोले सो निहाल आदि से गूंजायमान हो उठी। सैनिको में जोश देखने को बन रहा था।Conclusion:
Last Updated : Oct 21, 2019, 10:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.