जैसलमेर. सरहदी जिले जैसलमेर में कोरोना संकट के बीच इन दिनों बढ़ी गर्मी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के हालात बुरे होते जा रहे हैं. गांवों और ढाणियों में पेयजल संकट से लेकर पशुधन के चारे का संकट और ग्रामीणों के लिए मनरेगा में रोजगार को लेकर आ रही समस्याओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए जिला कलेक्टर नमित मेहता ने हाल ही में जिले के 17 प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों के दलों का गठन कर जिले की 51 ग्राम पंचायतों के लगभग 150 गांवों में ग्रामीणों से फीडबैक लेने भेजा था.
जिला कलेक्टर मेहता ने बताया कि अब इन टीमों द्वारा किए गए निरीक्षण के आधार पर समस्याओं का निस्तारण करना शुरू कर दिया गया है. जिन समस्याओं का समाधान जल्द संभव है, उनका आगामी तीन से चार दिनों में निस्तारण कर दिया जाएगा. जैसलमेर में पेयजल संकट, चारे के संकट और मनरेगा में ग्रामीणों को मिल रहे रोजगार की हकीकत जानने के लिए जिले के 17 प्रशासनिक अधिकारियों सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने गुरुवार 28 मई को दिन भर जिले की 51 ग्राम पंचायतों के लगभग 150 गांवों का दौरा कर पानी के सैंपल लिए और पानी को लेकर ग्रामीणों से फीडबैक भी जुटाए.
इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर पेयजल से जुड़े प्रबंधन और पेयजल वितरण गतिविधियों का आकस्मिक निरीक्षण किया और समस्याओं का समाधान के बारे में विस्तार से जानकारी ली. साथ ही पशुओं के लिए चारे की समस्या और इससे संबंधित जरूरी प्रबंधों के बारे में भी जानकारी ली थी.
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जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि गर्मी के दौरान जिले में पानी और पशु चारे की समस्या सामान्य तौर पर बनी रहती है. ऐसे में इन अधिकारियों द्वारा किए गए इस दौरे के बाद जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, उसके अनुसार प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं का त्वरित निस्तारण कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जाएगी. जिला कलेक्टर मेहता ने यह भी बताया कि कोरोना संकट के बीच लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्मी के चलते उपजे चारे और पानी के संकट पर भी प्रशासन की पूरी नजर है. जिलेवासियों को परेशानी नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन हर संभव प्रयास करने में जुटा हुआ है.