जैसलमेर. स्वर्णनगरी जैसलमेर का सोनार दुर्ग जो विश्व धरोहर में शामिल है और राजस्थान का ऐसा किला है जिसमें लगभग 4000 लोग निवास करते हैं. सोनार दुर्ग भारतीय पुरातात्विक विभाग के संरक्षण क्षेत्र में आता है. ऐसे में इस दुर्ग में किसी भी प्रकार के निर्माण या मरम्मत कार्य को लेकर स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.
साथ ही इसके लिए एक जटिल प्रक्रिया है जिसके कारण किसी भी प्रकार के आवश्यक निर्माण एवं मरम्मत कार्य समय पर नहीं हो पाते. पिछले लंबे समय से दुर्गवासी राजस्थान सरकार के मंत्रियों, जिला कलेक्टर और नगर परिषद को ज्ञापन सौंप मरम्मत कार्य में सुगमता की मांग कर रहे हैं, जो अब पूरी होती दिखाई दे रही है.
जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि दुर्ग में आवश्यक मरम्मत कार्य को लेकर अब तक जो भी पत्र प्राप्त हुए हैं उनकी नगरपरिषद द्वारा मौका रिपोर्ट तैयार की जा रही है. 2 फरवरी को होने वाली दुर्ग संबंधित बैठक में उन पर चर्चा करके मरम्मत कार्य की अनुमति प्रदान की जाएगी.
आशीष मोदी ने कहा कि न्यायालय का इस तरीके के मामलों में एक आदेश है, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई ऐसी इमारत या भवन हो जिससे किसी जनहानि होने का अंदेशा हो और उसकी मरम्मत आवश्यक हो तो उसमें अनुमति प्रदान की जा सकती है. उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में दुर्ग में मरम्मत से संबंधित सभी मामलों पर चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा ताकि समय पर इस प्रकार के भवनों का मरम्मत हो सके.
जिला कलेक्टर मोदी ने कहा कि पिछली बैठक में एएसआई के अधिकारियों ने कहा था कि इस प्रकार के आवेदनों पर जो भी निर्णय होगा वो 10 से 15 दिनों में दे दिया जाएगा. ऐसे में आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी कि आवेदनों पर निर्णय तय समय में प्रदान किया जाए.