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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने MRSAM मिसाइल बेस का किया उद्घाटन...वायुसेना की बढ़ेगी ताकत - जैसलमेर में MRSAM मिसाइल बेस

देश की सुरक्षा के लिहाज से गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा है. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सुबह इमरजेंसी एयर स्ट्रिप का उद्घाटन किया. वहीं शाम को जैसलमेर में MRSAM मिसाइल बेस का उद्घाटन करते हुए मिसाइल एयरफोर्स को सौंपा.

Jaisalmer news, Rajnath Singh
MRSAM मिसाइल बेस का उद्घाटन
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Published : Sep 9, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 7:25 PM IST

जैसलमेर. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एयरफोर्स के विशेष विमान से पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर (Rajnath Singh Jaisalmer Visit) पहुंचे. यहां उन्होंने MRSAM मिसाइल बेस का उद्घाटन करते हुए MRSAM मिसाइल एयरफोर्स को सुपुर्द किया.

भारत की सुरक्षा को इस मिसाइल से और मजबूती मिलेगी. MRSAM मिसाइल को DRDO ने उन्नत तकनीक के साथ तैयार किया है. इस मिसाइल को भारतीय वायु सेना के जंगी बेडे़ में शामिल किया गया है. जिसके बाद वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एयरफोर्स के जवानों और अधिकारियों की हौसला अफजाई की.

मिसाइल डिफेंस सिस्टम में होगा गेम चेंजर

राजनाथ सिंह ने वायुसेना स्टेशन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने वायुसेना, डीआरडीओ और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री को बधाई देते हुए कहा कि यह मिसाइल सिस्टम आज दुनियाभर में उपलब्ध अब तक की स्टेट ऑफ द आर्ट सिस्टम में से एक बेहतरीन मिसाइल है. यह मिसाइल खराब मौसम में भी 70 किलोमीटर तक दुश्मन के विमान को निशाना लगा सकता है. यह भारत के एयर डिफेंस सिस्टम में एक गेम चेंजर साबित होगा.

रक्षा मंत्री ने वायुसेना के कार्यक्रम को किया संबोधित

यह भी पढ़ें. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गडकरी की मौजूदगी में लडाकू विमान सड़क पर उतरे

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विश्व की परिस्थितियों को देखते हुए सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूती और आत्मनिर्भरता अब जरूरत बन गई है. इसी के तहत इस प्रोग्राम की सफलता ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम में भारत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की है.

मिसाइल भारत-इजरायल की घनिष्ठ साझेदारी का प्रतीक

उन्होंने इस दौरान कहा कि इजरायल भारत का घनिष्ठ मित्र रहा है. कई मौकों पर इजरायल ने एक सच्चे मित्र होने के नाते भारत का साथ दिया है. इस दौरान उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध और कोरोना महामारी का भी जिक्र किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह मिसाइल डेवलपमेंट भारत-इजरायल की घनिष्ठ साझेदारी का एक प्रतीक है.

यह भी पढ़ें. जिस सड़क पर ऊंट गाड़ी या ट्रैक्टर दौड़ते थे वहां अब सेना के फाइटर प्लेन उतरेंगेः राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) को भी याद किया. उन्होंने कहा कि देश में इंटीग्रेटेड मिसाइल सिस्टम की शुरूआत अटलजी ने की थी. आज इस मिसाइल को वायुसेना को सौंपा गया है. इसके उपयोग से सीमा पार से आने वाले दुश्मन के किसी भी प्रकार के खतरे को समय से पहले नष्ट कर दिया जाएगा. इस प्रकार के डेवलपमेंट का उद्देश्य मेक इन इंडिया, स्वदेशी रिसर्च, डिजाइन और डेवलपमेंट से अपने टेक्नोलॉजी बेस को मजबूत करना और उससे भी आगे मेक फॉर द वर्ल्ड है.

रक्षामंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत (Chief of Defense Staff Vipin Rawat), वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, डीआरडीओ चीफ डॉ. जी. सतीश रेड्डी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे.

जैसलमेर. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एयरफोर्स के विशेष विमान से पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर (Rajnath Singh Jaisalmer Visit) पहुंचे. यहां उन्होंने MRSAM मिसाइल बेस का उद्घाटन करते हुए MRSAM मिसाइल एयरफोर्स को सुपुर्द किया.

भारत की सुरक्षा को इस मिसाइल से और मजबूती मिलेगी. MRSAM मिसाइल को DRDO ने उन्नत तकनीक के साथ तैयार किया है. इस मिसाइल को भारतीय वायु सेना के जंगी बेडे़ में शामिल किया गया है. जिसके बाद वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एयरफोर्स के जवानों और अधिकारियों की हौसला अफजाई की.

मिसाइल डिफेंस सिस्टम में होगा गेम चेंजर

राजनाथ सिंह ने वायुसेना स्टेशन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने वायुसेना, डीआरडीओ और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री को बधाई देते हुए कहा कि यह मिसाइल सिस्टम आज दुनियाभर में उपलब्ध अब तक की स्टेट ऑफ द आर्ट सिस्टम में से एक बेहतरीन मिसाइल है. यह मिसाइल खराब मौसम में भी 70 किलोमीटर तक दुश्मन के विमान को निशाना लगा सकता है. यह भारत के एयर डिफेंस सिस्टम में एक गेम चेंजर साबित होगा.

रक्षा मंत्री ने वायुसेना के कार्यक्रम को किया संबोधित

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उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विश्व की परिस्थितियों को देखते हुए सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूती और आत्मनिर्भरता अब जरूरत बन गई है. इसी के तहत इस प्रोग्राम की सफलता ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम में भारत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की है.

मिसाइल भारत-इजरायल की घनिष्ठ साझेदारी का प्रतीक

उन्होंने इस दौरान कहा कि इजरायल भारत का घनिष्ठ मित्र रहा है. कई मौकों पर इजरायल ने एक सच्चे मित्र होने के नाते भारत का साथ दिया है. इस दौरान उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध और कोरोना महामारी का भी जिक्र किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह मिसाइल डेवलपमेंट भारत-इजरायल की घनिष्ठ साझेदारी का एक प्रतीक है.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) को भी याद किया. उन्होंने कहा कि देश में इंटीग्रेटेड मिसाइल सिस्टम की शुरूआत अटलजी ने की थी. आज इस मिसाइल को वायुसेना को सौंपा गया है. इसके उपयोग से सीमा पार से आने वाले दुश्मन के किसी भी प्रकार के खतरे को समय से पहले नष्ट कर दिया जाएगा. इस प्रकार के डेवलपमेंट का उद्देश्य मेक इन इंडिया, स्वदेशी रिसर्च, डिजाइन और डेवलपमेंट से अपने टेक्नोलॉजी बेस को मजबूत करना और उससे भी आगे मेक फॉर द वर्ल्ड है.

रक्षामंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत (Chief of Defense Staff Vipin Rawat), वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, डीआरडीओ चीफ डॉ. जी. सतीश रेड्डी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे.

Last Updated : Sep 9, 2021, 7:25 PM IST
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