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जैसलमेर: निजी बस संचालकों का चक्का जाम, परिवहन कार्यालय को सौंपा सहित चाबियां - राजस्थान की खबर

प्रदेशभर में निजी बस ऑपरेटर की हड़ताल के बीच जैसलमेर जिले के बस ऑपरेटर यूनियन ने सोमवार को परिवहन कार्यालय के सामने अपनी बसें खड़ी कर विरोध प्रदर्शन किया. बसों की चाबियां परिवहन अधिकारी को सौंपते हुए उनके मांग पत्र पर सरकार से सहमति नहीं बनने तक बसों का चक्का जाम रखने की बात कही.

Bus operators jammed, बस संचालकों ने किया चक्का जाम
बस संचालकों ने किया चक्का जाम
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Published : Jun 15, 2020, 6:18 PM IST

जैसलमेर. सरहदी जिले में बस ऑपरेटर यूनियन के तत्वाधान में जिले के सभी छोटे और बड़े बस ऑपरेटर सोमवार सुबह परिवहन कार्यालय खुलने के साथ ही अपनी-अपनी बसें लेकर कार्यालय पहुंचे. साथ ही सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे.

बस संचालकों ने किया चक्का जाम

यूनियन के पदाधिकारी अशोक तंवर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सब कुछ बंद होने के कारण निजी बसों का कारोबार भी बंद हो गया था. ऐसे में ऑपरेटर द्वारा बंद के दौरान भी अपने स्टाफ को तनख्वाह दी गई और साथ ही प्रवासियों के आवागमन के दौरान भी रियायती दरों पर प्रशासन की मदद में बसों की सेवाएं दी गई. इसके चलते बस ऑपरेटर अब आर्थिक संकट में आ गए हैं और उनके लिए रोजी-रोटी का गुजारा करना भी भारी पड़ रहा है.

Bus operators jammed, बस संचालकों ने किया चक्का जाम
मुख्यमंत्री के नाम परिवहन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

ऐसे में सरकार बस ऑपरेटरों और स्टाफ के लिए रियायत जारी करें. जिससे वे लोग अपना भरण-पोषण कर सके. वहीं यूनियन के कंवराज सिंह चौहान ने बताया कि जैसलमेर यूनियन द्वारा जो ज्ञापन दिया गया है. उसमें मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि बसों के छह माह के टैक्स माफ किया जाएं, बसों की बीमा अवधि को बढ़ाया जाए और संचालन में लगे स्टाफ के लिए आर्थिक मदद का पैकेज सरकार द्वारा घोषित किया जाए.

पढ़ेंः जयपुर: होटल में बंद कांग्रेसी विधायकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगर उनकी मांगे नहीं मानते हैं, तो उनका आंदोलन जारी रहेगा. जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों ही रूटों पर बसों का संचालन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चक्का जाम से आमजन को परिवहन में होने वाली परेशानी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी.

जैसलमेर. सरहदी जिले में बस ऑपरेटर यूनियन के तत्वाधान में जिले के सभी छोटे और बड़े बस ऑपरेटर सोमवार सुबह परिवहन कार्यालय खुलने के साथ ही अपनी-अपनी बसें लेकर कार्यालय पहुंचे. साथ ही सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे.

बस संचालकों ने किया चक्का जाम

यूनियन के पदाधिकारी अशोक तंवर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सब कुछ बंद होने के कारण निजी बसों का कारोबार भी बंद हो गया था. ऐसे में ऑपरेटर द्वारा बंद के दौरान भी अपने स्टाफ को तनख्वाह दी गई और साथ ही प्रवासियों के आवागमन के दौरान भी रियायती दरों पर प्रशासन की मदद में बसों की सेवाएं दी गई. इसके चलते बस ऑपरेटर अब आर्थिक संकट में आ गए हैं और उनके लिए रोजी-रोटी का गुजारा करना भी भारी पड़ रहा है.

Bus operators jammed, बस संचालकों ने किया चक्का जाम
मुख्यमंत्री के नाम परिवहन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

ऐसे में सरकार बस ऑपरेटरों और स्टाफ के लिए रियायत जारी करें. जिससे वे लोग अपना भरण-पोषण कर सके. वहीं यूनियन के कंवराज सिंह चौहान ने बताया कि जैसलमेर यूनियन द्वारा जो ज्ञापन दिया गया है. उसमें मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि बसों के छह माह के टैक्स माफ किया जाएं, बसों की बीमा अवधि को बढ़ाया जाए और संचालन में लगे स्टाफ के लिए आर्थिक मदद का पैकेज सरकार द्वारा घोषित किया जाए.

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगर उनकी मांगे नहीं मानते हैं, तो उनका आंदोलन जारी रहेगा. जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों ही रूटों पर बसों का संचालन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चक्का जाम से आमजन को परिवहन में होने वाली परेशानी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी.

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