पोकरण (जैसलमेर). केन्द्र सरकार की ओर से लोकसभा और राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास करने के बाद देशभर में कई संगठनों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है. जमीयत उलमा-ए-हिन्द के तत्वावधान में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने एक मौन जुलूस निकालकर विधेयक का विरोध किया और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सुपुर्द कर इस विधेयक को वापिस लेने की मांग की.
जमीयत उलमा-ए-हिन्द के प्रदेशाध्यक्ष व स्थानीय मदरसा इस्लामिया के कारी मोहम्मद अमीन के नेतृत्व में मौलाना मोहम्मद इस्माईल, मौलवी रहमतुल्ला कासमी, अरशद, मीरेखां दरश, मुस्लिम महासभा के प्रदेशाध्यक्ष पप्पु खिलजी, आरके मेहर सहित बड़ी संख्या में लोगों ने जैसलमेर रोड स्थित मदनी छात्रावास से एक जुलूस निकाला. हाथों पर काली पट्टी बांधे बड़ी संख्या में लोग मौन जुलूस के रूप में जैसलमेर रोड, जयनारायण व्यास सर्किल, स्टेशन रोड़ होते हुए उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने उपखण्ड अधिकारी अजय अमरावत को एक ज्ञापन सुपुर्द कर बताया कि नागरिकता संशोधन विधेयक साम्प्रदायिकता से प्रेरित है. जिसकी वे निंदा करते है. उन्होंने बताया कि विधेयक धर्म के आधार पर भेदभाव करता है.
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इसी के साथ उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को कानून के सामने समानता दी गई है और धर्म, जाति या पंथ के आधार पर भेदभाव करने से रोका गया है. संसद के दोनों सदनों से पारित यह विधेयक संविधान की भावना व मूल संरचना का उल्लंघन करता है. उन्होंने इस नींदनीय कानून का संज्ञान लेकर संविधान की मूल संरचना नष्ट होने से बचाने की मांग की है.