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राजस्थान में राज्य पक्षी की अनदेखी...3 सालों से नहीं हुई गणना - The number of Godavans

राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण के लिए सरकारी स्तर पर अब तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन इस पक्षी को बचाने के प्रयास विफल होते दिखाई दे रहे हैं. पिछले 3 सालों में गोडावणों की संख्या की गणना ही नहीं हुई है. ऐसे में गोडावण की वास्तविक संख्या कितनी है, यह जिम्मेदारों को भी पता नहीं है.

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लुप्तप्राय पक्षी गोडावण को लेकर अनदेखी
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Published : Jul 19, 2020, 12:46 PM IST

जैसलमेर. राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण विलुप्ती की कगार पर है. इसके संरक्षण के लिए सरकारी स्तर पर अब तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन गोडावण को बचाने के प्रयास विफल होते दिखाई दे रहे हैं. गोडावण की वास्तविक संख्या कितनी है, यह जिम्मेदारों को भी पता नहीं है.

राजस्थान में राज्य पक्षी की अनदेखी

हालांकि, तीन साल पहले वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने इसकी गणना की थी, लेकिन वर्तमान में हकीकत में कितने गोडावण है, यह गोडावण संरक्षण में लगे जिम्मेदारों को भी पता नहीं है. ऐसे में विलुप्त प्राय राज्य पक्षी को लेकर बरती जा रही लापरवाही समझ से परे है. जानकारों के अनुसार जहां गोडावण की गणना साल में दो बार होनी चाहिए. वहीं, यहां तो तीन साल होने जा रहे हैं और गणना ही नहीं की गई.

यह भी पढ़ें : किसानों के लिए सिरदर्द बनी टिड्डी, तो वन्य जीवों के लिए पौष्टिक आहार..जानिए कैसे

उपवन संरक्षक, डीएनपी कपिल चंद्रवाल ने बताया कि मार्च 2017 में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की ओर से गोडावण की गणना की गई थी, लेकिन उसके बाद किन्ही कारणों से अब तक गणना नहीं हुई है. वहीं इस बार जब भी गणना की जाएगी तो बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे.

पिछले साल 25 मादा गोडावण ने किया था प्रजनन...

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की ओर से इस बार भी गणना नहीं की जाएगी. गोडावण का प्रजनन काल अप्रेल से सितंबर माह तक रहता है. बीते साल इस दौरान 25 मादा गोडावण ने प्रजनन किया था , जिसमें से प्रजनन केन्द्र के लिए 9 अंडे उठाए गए थे. इस बार अप्रेल से लेकर अब तक तीन नन्हें गोडावण ही नजर आए हैं. ऐसे में इस बार प्रजनन कम होने की आशंका है.

गोडावण संरक्षण के प्रयास देश विदेश के विशेषज्ञ भी कर रहे हैं. करोड़ों रुपए खर्च भी किए गए हैं, लेकिन अभी तक जानकार गोडावण की संख्या को लेकर भी क्लियर नहीं है और इसके आंकड़ों के मकड़जाल में फंसे हुए हैं. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की गणना में स्पष्ट संख्या नहीं बताई जाती है. जब तक संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होगी, तब तक बेहतर तरीके से संरक्षण के प्रयास नहीं हो सकेंगे.

यह भी पढ़ें : 'गोडावण संरक्षण' को ताक पर रखकर बिजली विभाग बना रहा था GSS, वन विभाग ने रुकवाया काम

राजस्थान का राज्य पक्षी है गोडावण ...

गोडावण यानि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड राजस्थान का राज्य पक्षी है. जिनकी संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है. गोडावण भारत का सबसे बड़ा पक्षी है. जिसे भारत का शुतुरमुर्ग भी कहा जाता है. राजस्थान के एक मात्र स्थान सरहदी जिले जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में इसका संरक्षण किया जाता है.

जैसलमेर. राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण विलुप्ती की कगार पर है. इसके संरक्षण के लिए सरकारी स्तर पर अब तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन गोडावण को बचाने के प्रयास विफल होते दिखाई दे रहे हैं. गोडावण की वास्तविक संख्या कितनी है, यह जिम्मेदारों को भी पता नहीं है.

राजस्थान में राज्य पक्षी की अनदेखी

हालांकि, तीन साल पहले वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने इसकी गणना की थी, लेकिन वर्तमान में हकीकत में कितने गोडावण है, यह गोडावण संरक्षण में लगे जिम्मेदारों को भी पता नहीं है. ऐसे में विलुप्त प्राय राज्य पक्षी को लेकर बरती जा रही लापरवाही समझ से परे है. जानकारों के अनुसार जहां गोडावण की गणना साल में दो बार होनी चाहिए. वहीं, यहां तो तीन साल होने जा रहे हैं और गणना ही नहीं की गई.

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उपवन संरक्षक, डीएनपी कपिल चंद्रवाल ने बताया कि मार्च 2017 में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की ओर से गोडावण की गणना की गई थी, लेकिन उसके बाद किन्ही कारणों से अब तक गणना नहीं हुई है. वहीं इस बार जब भी गणना की जाएगी तो बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे.

पिछले साल 25 मादा गोडावण ने किया था प्रजनन...

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की ओर से इस बार भी गणना नहीं की जाएगी. गोडावण का प्रजनन काल अप्रेल से सितंबर माह तक रहता है. बीते साल इस दौरान 25 मादा गोडावण ने प्रजनन किया था , जिसमें से प्रजनन केन्द्र के लिए 9 अंडे उठाए गए थे. इस बार अप्रेल से लेकर अब तक तीन नन्हें गोडावण ही नजर आए हैं. ऐसे में इस बार प्रजनन कम होने की आशंका है.

गोडावण संरक्षण के प्रयास देश विदेश के विशेषज्ञ भी कर रहे हैं. करोड़ों रुपए खर्च भी किए गए हैं, लेकिन अभी तक जानकार गोडावण की संख्या को लेकर भी क्लियर नहीं है और इसके आंकड़ों के मकड़जाल में फंसे हुए हैं. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की गणना में स्पष्ट संख्या नहीं बताई जाती है. जब तक संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होगी, तब तक बेहतर तरीके से संरक्षण के प्रयास नहीं हो सकेंगे.

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राजस्थान का राज्य पक्षी है गोडावण ...

गोडावण यानि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड राजस्थान का राज्य पक्षी है. जिनकी संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है. गोडावण भारत का सबसे बड़ा पक्षी है. जिसे भारत का शुतुरमुर्ग भी कहा जाता है. राजस्थान के एक मात्र स्थान सरहदी जिले जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में इसका संरक्षण किया जाता है.

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