पोकरण (जैसलमेर). शहर के पवित्र जल सरोवर के रूप में पहचान रखने वाला सालम सागर तालाब इन दिनों प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है. इस तालाब को सुंदर और साफ सुथरा बनाने के लिए पूर्व नगर पालिका बोर्ड द्वारा प्रति बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव तो जरूरी के लिए लेकिन उस प्रस्ताव पर अमल नहीं किया गया.
ऐसे में यहां सालम सागर तालाब इन दिनों अपने ऐतिहासिक और प्राचीन अस्तित्व को कायम रखने की जद्दोजेहद में जुटा हुआ है. इस पवित्र सरोवर के इतिहास को बाबा रामदेव जी के जीवन चरित्र से जोड़ने के कारण भादवा मेले के साथ-साथ पूरे वर्ष इस तालाब पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. सैकड़ों हजारों किलोमीटर दूरी की यात्रा कर यहां श्रद्धालु पोकरण में तालाब पर आकर अपनी थकान उतारते हैं. लेकिन गंदगी से गिरा यह तालाब और खराब पानी के कारण इन दिनों श्रद्धालुओं को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है.
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इन दिनों यहां एक और सालम सागर तालाब के घाट सुने और वीरान पड़े हैं. वहीं दूसरी और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी काफी आहत पहुंच रहा है. लेकिन विभाग है कि इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है. श्रद्धालुओं के लिए इन दिनों तालाब में फैली अव्यवस्था से लोग परेशान हैं. मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के आगाज के साथ ही पूर्व में भाजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सालम सागर तालाब की खुदाई का बीड़ा उठाया था. तालाब की खुदाई में दिख रही उत्सुकता को लेकर शहरवासियों ने भी काफी सहयोग किया था, लेकिन इन दिनों तालाब में बरसाती पानी आने के बाद भी पानी को शुद्ध नहीं किया गया है. ऐसे में तालाब में पानी गंदा नजर आ रहा है.