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पाकिस्तान बना जैसलमेर के 3 दर्जन से अधिक अपराधियों का पनाहगाह - सीमावर्ती जिला जैसलमेर

देश के सीमावर्ती जिले जैसलमेर से कुछ आरोपियों के फरार होने के खबर ने सबको हैरत में डाल दिया है. दरअसल, पकिस्तान में जैसलमेर के 3 दर्जन से अधिक अपराधी घूम रहे हैं. ये सभी अपराधी नार्कोटिक्स, नकली नोट और हत्या जैसे कई अपराधो में फरार चल रहे हैं. तत्कालीन समय में सीमा पर तारबंदी न होने के कारण ये अपराधी पाकिस्तान भागने में सफल हो पाए हैं.

जैसलमेर, पनाहगाह पाकिस्तान, 3 dozen criminals
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Published : Sep 4, 2019, 1:40 PM IST

जैसलमेर. देश के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में नार्कोटिक्स, नकली नोट और हत्या जैसे कई अपराधों में 3 दर्जन से ज्यादा ऐसे अभियुक्त हैं, जो भारत में अपराध करके तत्कालीन समय में सीमा पर तारबंदी ना होने के कारण पाकिस्तान भागने में सफल हो गये हैं. ये सभी अपराधी आज भी वहां पनाह लिये हुये हैं. इसमें बड़ी संख्या में ऐसे अपराधी हैं जो पाकिस्तान नागरिक हैं और भारत की अदालते और थाने करीब 3 दशकों से भी ज्यादा समय से उनका इंतजार कर रही हैं.

सीमावर्ती जिले जैसलमेर से पड़ोसी देश को फरार 3 आोरपी

दरअसल, पाकिस्तान के साथ अभियुक्तों के आदान-प्रदान की संधि न होने के कारण इन अपराधियों को भारत में लाना मुश्किल हो रहा है. हालांकि, जैसलमेर के कई पुलिस अधीक्षकों द्वारा उन्हें लाने के लिए कई बार गृहमंत्रालय को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन फिलहाल इन अभियुक्तों को भारत लाये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है. बड़ी बात ये कि पाकिस्तान में शरण लिये सभी अपराधी स्वछंद रुप से वहां घूम रहे हैं और इन अपराधियों को पाकिस्तान सरकार का वृहदस्त प्राप्त हैं.

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मामले में पुलिस अधीक्षक किरण कंग ने इसकी पुष्टि करते हुये बताया कि जिले के विभिन्न थानों और अदालतो में ऐसे अपराधी हैं. जिन्होंने भारत में अपराध करके पाकिस्तान में शरण ले रखी हैं. हमारे जिले में यह स्टंडी वारंटी हैं, इनमें कई तो ऐसे हैं जो पाकिस्तान नागरिक हैं और भारत में आकर अपराध करने के बाद सीमा पार भाग गए तथा कई ऐसे भारतीय भी हैं जो की अपराध करके पाकिस्तान में जाकर बस गए.

पढ़ें: रिश्वतखोर एसीपी आस मोहम्मद की जमानत अर्जी खारिज

उन्होंने ये भी बताया कि जुमा पुत्र लखाने खां निवासी देहरो का ढाणी, मीठे खां निवासी पाकिस्तान, पानू पुत्र पणिया, अलारख खांन निवासी खारा पाकिस्तान सहित कई अन्य आरोपी प्रमुख रुप से इसमें शामिल हैं. ये सभी आरोपी जैसलमेर जिले की कई अदालत और थानो में चल रहे मुकदमों में वान्छित हैं. जिनमें कई मुकदमे 1980 के दशक से चल रहे हैं. अधिकतक आरोपी, मादत पदार्थो की तस्करी, हथियारों की तस्करी, नकली नोट और हत्या जैसे मुकदमो में वान्छित हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन अपराधियों के संबंध में गृह विभाग के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी देकर इन्हें वापिस लाने के संबंध में प्रयास किये जा रहे है.

जैसलमेर. देश के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में नार्कोटिक्स, नकली नोट और हत्या जैसे कई अपराधों में 3 दर्जन से ज्यादा ऐसे अभियुक्त हैं, जो भारत में अपराध करके तत्कालीन समय में सीमा पर तारबंदी ना होने के कारण पाकिस्तान भागने में सफल हो गये हैं. ये सभी अपराधी आज भी वहां पनाह लिये हुये हैं. इसमें बड़ी संख्या में ऐसे अपराधी हैं जो पाकिस्तान नागरिक हैं और भारत की अदालते और थाने करीब 3 दशकों से भी ज्यादा समय से उनका इंतजार कर रही हैं.

सीमावर्ती जिले जैसलमेर से पड़ोसी देश को फरार 3 आोरपी

दरअसल, पाकिस्तान के साथ अभियुक्तों के आदान-प्रदान की संधि न होने के कारण इन अपराधियों को भारत में लाना मुश्किल हो रहा है. हालांकि, जैसलमेर के कई पुलिस अधीक्षकों द्वारा उन्हें लाने के लिए कई बार गृहमंत्रालय को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन फिलहाल इन अभियुक्तों को भारत लाये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है. बड़ी बात ये कि पाकिस्तान में शरण लिये सभी अपराधी स्वछंद रुप से वहां घूम रहे हैं और इन अपराधियों को पाकिस्तान सरकार का वृहदस्त प्राप्त हैं.

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मामले में पुलिस अधीक्षक किरण कंग ने इसकी पुष्टि करते हुये बताया कि जिले के विभिन्न थानों और अदालतो में ऐसे अपराधी हैं. जिन्होंने भारत में अपराध करके पाकिस्तान में शरण ले रखी हैं. हमारे जिले में यह स्टंडी वारंटी हैं, इनमें कई तो ऐसे हैं जो पाकिस्तान नागरिक हैं और भारत में आकर अपराध करने के बाद सीमा पार भाग गए तथा कई ऐसे भारतीय भी हैं जो की अपराध करके पाकिस्तान में जाकर बस गए.

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उन्होंने ये भी बताया कि जुमा पुत्र लखाने खां निवासी देहरो का ढाणी, मीठे खां निवासी पाकिस्तान, पानू पुत्र पणिया, अलारख खांन निवासी खारा पाकिस्तान सहित कई अन्य आरोपी प्रमुख रुप से इसमें शामिल हैं. ये सभी आरोपी जैसलमेर जिले की कई अदालत और थानो में चल रहे मुकदमों में वान्छित हैं. जिनमें कई मुकदमे 1980 के दशक से चल रहे हैं. अधिकतक आरोपी, मादत पदार्थो की तस्करी, हथियारों की तस्करी, नकली नोट और हत्या जैसे मुकदमो में वान्छित हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन अपराधियों के संबंध में गृह विभाग के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी देकर इन्हें वापिस लाने के संबंध में प्रयास किये जा रहे है.

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पकिस्तान में घूम रहे जैसलमेर के 3 दर्जन से अधिक अपराधी

नार्कोटिक्स नकली नोट व हत्या जैसे कई अपराधो में फरार

तत्कालीन समय में सीमा पर तारबंदी ना होने के कारण पाकिस्तान थे भागे

देश की विभिन्न अदालते, थाने, कई मुकदमो में उनका कर रही इंतजार

भारत में अपराध करके पाकिस्तान में शरण ले रखी

वर्ष 1980 से चल रहे है कई मुकदमे

जैसलमेर के पुलिस थाना सम, रामगढ़, फलसूंड, नाचना आदि कई थानो में है वान्छित

गृह विभाग के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय में कई बार लिखा जा चुका है पत्र

जैसलमेर। देश के सीमावर्ती जिले जैसलमेर के नार्कोटिक्स नकली नोट व हत्या जैसे कई अपराधो में 3 दर्जन से ज्यादा ऐसे अभियुक्त हैं, जो भारत में अपराध करके तत्कालीन समय में सीमा पर तारबंदी ना होने के कारण पाकिस्तान भागने में सफल हो गये और वे आज भी वहां पनाह लिये हुवें हैं। इसमें बड़ी संख्या में ऐसे अपराधी हैं जो कि पाकिस्तान नागरिक हैं और भारत की अदालते, थाने करीब 3 दशको से भी ज्यादा समय से उनकी इंतजार कर रही हैं। पाकिस्तान के साथ अभियुक्तो के आदान प्रदान की संधि ना होने के कारण पाकिस्तान से इन अपराधियों को भारत में लाना बड़ा मुश्किल हो रहा हैं हालांकि जैसलमेर के कई पुलिस अधीक्षको द्वारा उन्हे लाने के लिए कई बार गृहमंत्रालय को पत्र लिखा गया था लेकिन शायद ही इन अभियुक्तो को भारत लाया जा सकेगा। आज यह अपराधी होने के बावजूद भी पाकिस्तान में स्वच्छंद रुप से घूम रहे हैं।

असल में दाऊद इब्राहिम सहित सैकड़ो आतंकवादी व अन्य अभियुक्त ऐसे हैं जो भारत के गुनहगार हैं, देश की विभिन्न अदालते, थाने, कई मुकदमो में उनका इंतजार कर रही हैं। दशको के दशक गुजर गए मगर ऐसे अपराधियों को ना तो सीमा पार पाकिस्तान लाया जा सका हैं और ना ही यह मुकदमे समाप्त हो पाये हैं। पाकिस्तान में शरण लिये अपराधी स्वछंद रुप से वहां घूम रहे हैं और इन अपराधियों को पाकिस्तान सरकार का वृहदस्त प्राप्त हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर जिले के 3 दर्जन से ज्यादा ऐसे स्टेंडिंग वारंटी हैं जो अपराध कर के पाकिस्तान जाकर बस गए। जिस समय पाकिस्तान भागे उस समय सीमा पर तारबंदी नही थी, इसके अलावा कई ऐसे भी हैं जो अपराध करने के बाद पाकिस्तान भाग गए। पुलिस अधीक्षक किरण कंग ने इसकी पुष्टि करते हुवें बताया कि जिले के विभिन्न थानो अदालतो में ऐसे अपराधी हैं जिन्होने भारत में अपराध करके पाकिस्तान में शरण ले रखी हैं। हमारे जिले में यह स्टंडी वारंटी हैं, इनमें कई तो ऐसे हैं जो पाकिस्तान नागरिक हैं और भारत में आकर अपराध करने के बाद सीमा पार भाग गए तथा कई ऐसे भारतीय भी हैं जो कि अपराध करके पाकिस्तान में जाकर बस गए। उन्होने बताया कि जुमा पुत्र लखाने खां निवासी देहरो का ढाणी पाकिस्तान हयात पुत्र खबर निवासी पाकिस्तान, मीठे खां निवासी पाकिस्तान, पानू पुत्र पणिया, अलारख खांन निवासी खारा पाकिस्तान, फोटा उर्फ फोटिया निवासी गाजी की ढाणी पाकिस्तान, मेहरदीन निवासी अमरकोट पाकिस्तान, बहादुर खांन निवासी मलूक नगर पाकिस्तान, सिकिया निवासी बहाला पाकिस्तान, खुदिया निवासी पाकिस्तान, पीराने खांन निवास पाकिस्तान, सायरो खातून निवासी पाकिस्तान प्रमुख रुप से शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जैसलमेर जिलो की कई अदालत में चल रहे मुकदमो में वान्छित हैं जिनमें से कई मुकदमे 1980 के दशक स चल रहे हैं, साथ ही यह अपराधी जैसलमेर के पुलिस थाना सम, रामगढ़, फलसूंड, नाचना आदि कई थानो में वान्छित हैं जिनमें अधिकतक मादत पदार्थो की तस्करी, हथियारो की तस्करी, नकली नोट व हत्या जैसे मुकदमो में वान्छित हैं।पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन अपराधियों के संबंध में गृह विभाग के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी देकर इन्हें वापिस लाने के संबंध में प्रयास किये जा रहे हैं।
बाईट-1- किरण कंग - पुलिस अधीक्षक - जैसलमेर Conclusion:
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