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जैसलमेर: प्रवासी पक्षी कुरजां का समूह पहुंचने लगा रामदेवरा - प्रवासी पक्षी कुरजां

गुलाबी ठंड का एहसास शुरू होते ही प्रवासी पक्षी कुरजां का समूह इन दिनों रामदेवरा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में बहुतायत संख्या में देखने को मिल रहा है. इस मौसाम हर वर्ष ये पक्षी अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित अन्य राष्ट्रों की सीमा पार से पश्चिमी राजस्थान पहुंचती है, जहां पानी प्रचुर मात्रा रहता है.

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प्रवासी पक्षी कुरजां का समूह पहुंचने लगा रामदेवरा
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Published : Oct 31, 2020, 11:41 AM IST

पोकरण (जैसलमेर). गुलाबी ठंड का एहसास शुरू होते ही प्रवासी पक्षी कुरजां का समूह इन दिनों रामदेवरा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में बहुतायत संख्या में देखने को मिल रहा है. हर वर्ष गुलाबी ठंड शुरू होते ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित अन्य राष्ट्रों की सीमा पार से प्रवासी पक्षी अपने पसंदीदा स्थल पश्चिमी राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच जाता है, जहां पर पानी की प्रचुर मात्रा रहती है.

पानी के आसपास कीट, पतंग, मकोड़े और जलीय कीड़े-मकोड़े को खाकर यह अपनी भूख मिटाता है. पिछले एक दशक से भी अधिक समय से रामदेवरा के निकटवर्ती मावा, लोहारकी बाहला, सुजासर सहित उसके आसपास छोटे बड़े तालाबों के आसपास अपना स्थाई पड़ाव डाल रखा है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान विधानसभा में केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पेश होगा संशोधन बिल

सैकड़ों की तादाद में कुरजां पक्षी अन्य लोगों के लिए भी काफी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. रामदेवरा स्थित जैन धर्मशाला के पास सुबह-सुबह पक्षी प्रेमी यहां पहुंचकर इनका कलरव सुनते हैं. इनके लिए दाना चुगा भी डालते हैं. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से पक्षियों की यहां व्यापक स्तर पर चहल-पहल देखने को मिल रही है, जो आगामी शीतकालीन सत्र तक यथावत देखने को मिलेगी.

पोकरण (जैसलमेर). गुलाबी ठंड का एहसास शुरू होते ही प्रवासी पक्षी कुरजां का समूह इन दिनों रामदेवरा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में बहुतायत संख्या में देखने को मिल रहा है. हर वर्ष गुलाबी ठंड शुरू होते ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित अन्य राष्ट्रों की सीमा पार से प्रवासी पक्षी अपने पसंदीदा स्थल पश्चिमी राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच जाता है, जहां पर पानी की प्रचुर मात्रा रहती है.

पानी के आसपास कीट, पतंग, मकोड़े और जलीय कीड़े-मकोड़े को खाकर यह अपनी भूख मिटाता है. पिछले एक दशक से भी अधिक समय से रामदेवरा के निकटवर्ती मावा, लोहारकी बाहला, सुजासर सहित उसके आसपास छोटे बड़े तालाबों के आसपास अपना स्थाई पड़ाव डाल रखा है.

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सैकड़ों की तादाद में कुरजां पक्षी अन्य लोगों के लिए भी काफी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. रामदेवरा स्थित जैन धर्मशाला के पास सुबह-सुबह पक्षी प्रेमी यहां पहुंचकर इनका कलरव सुनते हैं. इनके लिए दाना चुगा भी डालते हैं. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से पक्षियों की यहां व्यापक स्तर पर चहल-पहल देखने को मिल रही है, जो आगामी शीतकालीन सत्र तक यथावत देखने को मिलेगी.

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