जैसलमेर. दुनियाभर में जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भय और दहशत का माहौल बना हुआ है, जिसमें भारत ने समय पर बेहतर कदम उठाते हुए 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा कर लोगों को होम आइसोलेट कर दिया था. वहीं इस फैसले के बाद सरहदी जिले जैसलमेर में एक तबका ऐसा था, जो दिहाड़ी मजदूरी करता था और लॉकडाउन के बाद मजदूरी बंद होने से उनके परिवारों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया, लेकिन जिला प्रशासन की पहल के बाद भामाशाहों ने ऐसे लोगों के लिए भोजन प्रबंध का मोर्चा संभाला और लगातार 21 दिन तक भोजन से लेकर राशन सामग्री तक के वितरण में जुट गए.
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जैसलमेर जिला कलक्टर नमित मेहता की पहल के बाद जैसलमेर में बड़ी संख्या में भामाशाहों ने आगे आकर मुख्यमंत्री सहायता कोष और जिला स्तर पर कोविड-19 रिलीफ फंड में बढ़ चढ़कर सहभागिता निभाई. सहयोग देने वाले लोगों में जहां जिले के बड़े उद्योगपति शामिल रहे. वहीं मध्यम वर्ग से लेकर छोटे बच्चों ने भी अपनी गुल्लक की राशि कलक्टर को भेंट की. जिससे कोई भी भूखा नहीं सोए.
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सहयोग की इसी कड़ी में किन्नर समाज ने देशभर के सामने सीख दी है कि मांगने के बाद अगर आपके पास आपकी जरूरत से अधिक राशि है तो उसे मानवता के लिए दान करना चाहिए और इसी सोच के साथ जैसलमेर किन्नर समाज की मुखिया ने अपने पूरे समूह के साथ मिलकर जिला कलेक्टर को गरीब और जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए धनराशि भेंट की है.