जैसलमेर. पर्यटन नगरी जैसलमेर जो देश का सरहदी इलाका भी माना जाता है. उपर से दुनियाभर के सैलानियों की पहली पसंद भी है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना के खिलाफ जंग में सरहदी जिले में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाते हुए एक मिसाल पेश की है कि किस तरह से एक जिम्मेदार नागरिक की तरह देश और प्रदेश के मुखिया के संदेश का पालन किया जाना चाहिए.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता कर्फ्यू की अपील के बाद रविवार को जहां लोगों ने स्वेच्छा से अपने आप को घरों को बंद कर लिया. वहीं, शाम 5 बजते ही थालियां, ढोल- नगाड़े, शंखध्वनि के साथ इस बीमारी से निपटने का संकल्प लिया. साथ ही उन तमाम लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया जो लोग घरों से बाहर रहकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं.
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जैसलमेर के सोनार किले पर यह अद्भुत नजारा साफ तौर पर दिख रहा था कि किस तरह से लोग किले की प्राचीर पर खड़े होकर ललकार रहे थे कि कोरोना को हर हाल में हराना ही है. यहीं नजारा सोनार किले की भीतरी गलियों में भी था, जहां पर लोग प्रधानमंत्री की अपील के बाद ठीक 5 बजे ताली और थाली के साथ विभिन्न प्रकार के मंत्रोच्चार कर पूरे वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे.