जैसलमेर. स्वर्णनगरी जैसलमेर का पर्यटन पिछले साल की भांति इस बार भी कोरोना की चपेट में आ गया है. असमय पाबंदी के चलते पिछले दो सप्ताह से अचानक पर्यटक आना बंद हो गए हैं. राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों में कोरोना के बढ़ते कहर ने हालात को इस कदर बिगाड़ दिया है कि वीकेंड और वेकेशनल टूरिज्म से जो थोड़ा बहुत आगमन सैलानियों का अब तक बना हुआ था, वह भी अचानक खत्म हो गया है. हालत यह है कि जैसलमेर शहर के सारे पर्यटन स्थलों पर वीरानी छाई हुई है.
विगत वर्षों में बढ़ा वीकेंड टूरिज्म
जैसलमेर पर्यटन क्षेत्र में वीकेंड टूरिज्म का सिलसिला पिछले दो-तीन साल से जड़ें जमा चुका है. इसके अलावा सप्ताह में कभी भी छुट्टियां आने पर देसी सैलानी अच्छी तादाद में अपने वाहनों से जैसलमेर पहुंचते रहे हैं. इस बार भी मार्च माह तक यह रुझान बना रहा, लेकिन इसके बाद अब सब थम सा गया. कोरोना के मामले राजस्थान के विभिन्न बड़े शहरों के साथ पड़ोसी गुजरात के अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा में बढ़ जाने और सरकार की ओर से बाहरी लोगों के आगमन पर 72 घंटे पुरानी कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आने की पाबंदी के चलते सैलानियों का आगमन एकदम थम गया है. रही-सही कसर राजस्थान में वीकेंड लॉकडाउन और आगे जनता अनुशासन पखवाड़े जैसे कदमों से पूरी हो गई.
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मायूस पर्यटन उद्योग
जैसलमेर की 70 प्रतिशत जनता पर्यटन क्षेत्र से सीधे जुड़ी है. बाकी के 30 प्रतिशत अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. पिछले साल जैसलमेर पर्यटन ने मार्च से लगभग अक्टूबर-नवम्बर तक कोरोना की मार झेली और बाद में हालात में बदलाव आने पर डेढ़ से दो लाख देसी सैलानी जैसलमेर पहुंचे और डूबते पर्यटन को सहारा दे दिया. वे पिछले साल की मुसीबतों को भुलाकर आगे बढ़ने की कोशिशों में जुटे ही थे कि कोरोना की दूसरी लहर ने उन्हें फिर से सदमा दे दिया.