जैसलमेर. जिले में भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय में धोखाधड़ी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसमें नियमित किश्तें भर रहे ग्राहक को अचानक मालूम पड़ता है कि उसकी पॉलिसी बंद हो गई है और उसका भुगतान भी हो गया है. जबकि ग्राहक के खाते में निगम के खाते से एक फूटी कौड़ी भी नहीं आई है.
मामले की पड़ताल करने पर सामने आया कि इंश्योरेंस एजेंट ने ही कूटरचित दस्तावेजों से पीड़ित के हमनाम को उसके खाते का भुगतान करवा दिया है. इस पर पीड़ित दिलीप कुमार दैया ने कोतवाली पुलिस थाना में FIR दर्ज करवाई जिस पर कोतवाली पुलिस ने एजेंट भेरूलाल व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पीड़ित दिलीप कुमार ने बताया कि उसने 2016 में इंश्योरेंस जैसलमेर में अपना जीवन बीमा करवाया था जिसकी नियमित रूप से वो किश्ते भर रहा है. मार्च में कोरोना की वजह से वो किश्त नहीं भर पाया और अगस्त में जब उनके एजेंट किश्त भरने गए तो निगम कर्मियों द्वारा उन्हें बताया गया कि पॉलिसी बन्द करवा दी है और उन्हें भुगतान भी कर दिया है.
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पता करने पर सामने आया कि इंश्योरेंस एजेंट भेरूलाल ने कूटरचित दस्तावेजों से भुगतान पीड़ित के हमनाम किसी अन्य दिलीप कुमार दैया को करवा दिया है. उन्होंने कहा कि इंसान बीमा अपने बाद परिवार की सुरक्षा के लिए करवाता है, इस 6 महीने के कोरोना काल में अगर कुछ हो जाता तो उसकी भरपाई कौन करता? फिलहाल कोतवाली पुलिस ने एजेंट व अन्य के खिलाफ धारा 420,467,468,471,120-B में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.