जैसलमेर. खनिज संपदाओं का भंडार जैसलमेर इस समय खनन माफिया के दोहन का शिकार है. जैसलमेर जिले में पीले पत्थरों के साथ ही बजरी का भी भंडार है, लेकिन कई ऐसे खनन माफिया हैं जो स्वीकृत लीज से अधिक या बिना लीज के ही कई जगहों पर अवैध खनन जोर-शोर से कर रहे हैं और उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला भी नहीं है.
ताजा मामला सामने आया है जैसलमेर शहर समीप स्थित गजरूप सागर इलाके का, जहां पर अल सुबह करीब 6 बजे से ही पहाड़ियों पर से अवैध रूप से पत्थरों का खनन करके दिनभर धड़ल्ले से ट्रैक्टर टॉलियां भरकर ले जायी जाती हैं. अवैध खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं की वो दिन के उजाले में भी बिना किसी भय के यहां से लगातार पत्थर निकालते हैं और दर्जनों ट्रैक्टरों में लादकर इसे यहां से ले जाते हैं, जिससे खनन विभाग को लाखों का राजस्व नुकसान हो रहा है, लेकिन इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.
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वन्यजीवों और पक्षियों के लिए भी खतरा
खनन माफिया की ओर से किए जा रहे अवैध खनन के कुछ ही दूरी पर एक जलाशय स्थित है, जहां पर कई स्थानीय और प्रवासी दुर्लभ जलीय पक्षी आते हैं. यहां हाल ही में वन विभाग की ओर से जिले के दूसरे बर्ड फेयर का भी आयोजन किया गया था, जहां पर कई दुर्लभ प्रजाति के प्रवासी पक्षी पहली बार जैसलमेर में दिखाई दिए थे. ये पक्षी पहाड़ की चट्टानों की आड़ में रहते हैं, लेकिन अवैध खनन से उनका आशियाना उजड़ रहा है. खनन माफिया का यह खेल इन जीवों पर भारी पड़ सकता है.