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जैसलमेर: कांच की नक्काशी से सजाई जा रही बाबा रामदेव की समाधि

जैसलमेर के पोकरण में बाबा रामदेव की समाधि स्थल पर कारीगर कांच के टुकड़ों से नक्काशी का काम कर रहे हैं. परिसर में विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं, जिनके माध्यम से श्रद्धालुओं को बाबा रामदेव के जीवन और शौर्य से परिचित करवाया जाएगा.

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बाबा रामदेव की समाधि पर कांच की नक्काशी
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Published : Oct 19, 2020, 5:16 PM IST

पोकरण (जैसलमेर). बाबा रामदेव के समाधि स्थल परिसर पर कांच के बारीक टुकड़ों से आकर्षक नक्काशी की जा रही है. इस नक्काशी के माध्यम से बाबा रामदेव के जीवन, इतिहास के बारे में श्रद्धालुओं को अवगत कराया जाएगा. बाबा रामदेव के जीवन इतिहास से संबंधित 24 से भी अधिक पर्चे बाबा रामदेव समाधि स्थल परिसर के अंदर कांच के टुकड़े से नक्काशी करके बनाए जा रहे हैं.

बाबा रामदेव की समाधि पर कांच की नक्काशी

पढ़ें: गुर्जर महापंचायत: कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला समेत 33 लोगों के खिलाफ बयाना पुलिस थाने में मामला दर्ज

ये नक्काशी आने वाले दिनों में श्रद्धालु देख सकेंगे. बाबा रामदेव की समाधि की सुंदरता को इस नक्काशी के पूरा होने के बाद चार चांद लग जाएंगे. देश के प्रसिद्ध नक्काशी कारीगर इस काम में लगे हुए हैं. दर्जनों कारीगर कांच के बारीक टुकड़ों को जोड़कर अलग-अलग प्रकार से बाबा रामदेव के जीवन से संबंधित चित्रों को नक्काशी करके तैयार कर रहे हैं. समाधि स्थल परिसर की लंबाई और चौड़ाई को बढ़ाया गया है.

कौन थे बाबा रामदेव?

बाबा रामदेव राजस्थान के प्रसिद्ध लोकदेवता हैं. जिनका अवतरण वि.सं. 1409 को हुआ था. रामदेव बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी हैं. हर साल पाकिस्तान से लोग बाबा की समाधि पर आते हैं. हर साल जैसलमेर के पोकरण में बाबा रामदेव का मेला लगता है. जिसमें कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. यह मेला भादो माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को लगता है.

पोकरण (जैसलमेर). बाबा रामदेव के समाधि स्थल परिसर पर कांच के बारीक टुकड़ों से आकर्षक नक्काशी की जा रही है. इस नक्काशी के माध्यम से बाबा रामदेव के जीवन, इतिहास के बारे में श्रद्धालुओं को अवगत कराया जाएगा. बाबा रामदेव के जीवन इतिहास से संबंधित 24 से भी अधिक पर्चे बाबा रामदेव समाधि स्थल परिसर के अंदर कांच के टुकड़े से नक्काशी करके बनाए जा रहे हैं.

बाबा रामदेव की समाधि पर कांच की नक्काशी

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ये नक्काशी आने वाले दिनों में श्रद्धालु देख सकेंगे. बाबा रामदेव की समाधि की सुंदरता को इस नक्काशी के पूरा होने के बाद चार चांद लग जाएंगे. देश के प्रसिद्ध नक्काशी कारीगर इस काम में लगे हुए हैं. दर्जनों कारीगर कांच के बारीक टुकड़ों को जोड़कर अलग-अलग प्रकार से बाबा रामदेव के जीवन से संबंधित चित्रों को नक्काशी करके तैयार कर रहे हैं. समाधि स्थल परिसर की लंबाई और चौड़ाई को बढ़ाया गया है.

कौन थे बाबा रामदेव?

बाबा रामदेव राजस्थान के प्रसिद्ध लोकदेवता हैं. जिनका अवतरण वि.सं. 1409 को हुआ था. रामदेव बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी हैं. हर साल पाकिस्तान से लोग बाबा की समाधि पर आते हैं. हर साल जैसलमेर के पोकरण में बाबा रामदेव का मेला लगता है. जिसमें कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. यह मेला भादो माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को लगता है.

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