ETV Bharat / state

जैसलमेर: सिंचाई पानी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे किसान, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा मांग पत्र

जैसलमेर जिले के किसान पिछले कई दिनों से सिंचाई पानी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं हाल ही में नहर विभाग के अधिकारियों की ओर से आश्वासन के बाद मोहनगढ़ के जीरो आरडी पर चल रहा किसानों का आमरण अनशन भी समाप्त कर दिया गया था.

farmers hunger strike in Jaisalmer, farmers protest in Jaisalmer
सिंचाई पानी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे किसान
author img

By

Published : Mar 2, 2021, 8:28 AM IST

जैसलमेर. जिले के किसान पिछले कई दिनों से सिंचाई पानी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं हाल ही में नहर विभाग के अधिकारियों की ओर से आश्वासन के बाद मोहनगढ़ के जीरो आरडी पर चल रहा किसानों का आमरण अनशन भी समाप्त कर दिया गया था.

सिंचाई पानी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे किसान

उस समय कहा गया था कि किसानों को उनके हक का पूरा पानी मिलेगा और 2600 क्यूसेक पानी बिना किसी देरी से 1254 आरडी से ऊपर लगातार जारी रहेगा. जिससे कि नहर के अंतिम छोर पर बैठे किसानों को भी पूरा पानी मिल सकेगा, लेकिन आश्वासन के बाद 2 से 3 दिनों में ही पानी की कमी आ जाने के चलते किसानों ने आज जिला मुख्यालय स्थित नहर विभाग के कार्यालय के सामने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए 11 किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम विभागीय अधिकारी को 9 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा है.

किसान नेता विजय सिंह ने बताया कि पिछली बार नहर विभाग के अधिकारियों के आश्वासन के चलते किसानों ने आमरण अनशन समाप्त कर दिया था और कुछ दिन पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचा, लेकिन अब फिर से वही स्थिति बनी हुई है और सिंचाई पानी ही नहीं बल्कि पीने का पानी की भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा. जिसके कारण उन्हें मजबूरन फिर से अनशन पर बैठना पड़ रहा है.

पढ़ें- राजस्थान सरकार ने ग्रेटर नगर निगम समितियां की निरस्त, बावजूद इसके अभी भी अध्यक्ष बने बैठे हैं बीजेपी पार्षद

वहीं पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधि और सरकार जैसलमेर के किसानों पर कोई ध्यान नहीं दे रही और यही वजह है कि जैसलमेर के किसानों का पानी फिर से रोक दिया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में विधानसभा चल रही है, ऐसे में यहां के जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे को वहां उठाना चाहिए, ताकि जिले के किसानों को उनके हक का पूरा पानी मिल सके.

वहीं नहरी विभाग के अघिकारी हरितलाल मीणा ने कहा कि किसानों को 2600 क्यूसेक पानी देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन पीछे से किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के चलते यहां का पानी फिर से कम कर दिया गया और 600 क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से बातचीत की है, जिस पर उन्हें आश्वासन मिला है कि 5 मार्च के बाद जैसलमेर के किसानों को फिर से पूरा पानी मिल सकेगा.

जैसलमेर. जिले के किसान पिछले कई दिनों से सिंचाई पानी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं हाल ही में नहर विभाग के अधिकारियों की ओर से आश्वासन के बाद मोहनगढ़ के जीरो आरडी पर चल रहा किसानों का आमरण अनशन भी समाप्त कर दिया गया था.

सिंचाई पानी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे किसान

उस समय कहा गया था कि किसानों को उनके हक का पूरा पानी मिलेगा और 2600 क्यूसेक पानी बिना किसी देरी से 1254 आरडी से ऊपर लगातार जारी रहेगा. जिससे कि नहर के अंतिम छोर पर बैठे किसानों को भी पूरा पानी मिल सकेगा, लेकिन आश्वासन के बाद 2 से 3 दिनों में ही पानी की कमी आ जाने के चलते किसानों ने आज जिला मुख्यालय स्थित नहर विभाग के कार्यालय के सामने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए 11 किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम विभागीय अधिकारी को 9 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा है.

किसान नेता विजय सिंह ने बताया कि पिछली बार नहर विभाग के अधिकारियों के आश्वासन के चलते किसानों ने आमरण अनशन समाप्त कर दिया था और कुछ दिन पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचा, लेकिन अब फिर से वही स्थिति बनी हुई है और सिंचाई पानी ही नहीं बल्कि पीने का पानी की भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा. जिसके कारण उन्हें मजबूरन फिर से अनशन पर बैठना पड़ रहा है.

पढ़ें- राजस्थान सरकार ने ग्रेटर नगर निगम समितियां की निरस्त, बावजूद इसके अभी भी अध्यक्ष बने बैठे हैं बीजेपी पार्षद

वहीं पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधि और सरकार जैसलमेर के किसानों पर कोई ध्यान नहीं दे रही और यही वजह है कि जैसलमेर के किसानों का पानी फिर से रोक दिया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में विधानसभा चल रही है, ऐसे में यहां के जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे को वहां उठाना चाहिए, ताकि जिले के किसानों को उनके हक का पूरा पानी मिल सके.

वहीं नहरी विभाग के अघिकारी हरितलाल मीणा ने कहा कि किसानों को 2600 क्यूसेक पानी देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन पीछे से किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के चलते यहां का पानी फिर से कम कर दिया गया और 600 क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से बातचीत की है, जिस पर उन्हें आश्वासन मिला है कि 5 मार्च के बाद जैसलमेर के किसानों को फिर से पूरा पानी मिल सकेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.