जैसलमेर. किसानों को अन्नदाता कहा जाता है और इन्हीं किसानों के अथक मेहनत से पूरे देश में अनाज की भरपाई होती है. लेकिन किसानों के सामने जब कोई परेशानी आती है तो वह खुद को ठगा सा महसूस करता है. क्योंकि उसकी सुनने वाला कोई नहीं होता. किसानों के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने वाले नेता हो या सरकारी अधिकारी, वो उन्हें केवल आश्वासन ही देते है.
जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के लेरिका माइनर पर कुछ जल माफियाओं ने 1 से 3 खालों पर पानी को रोकने के लिए नहर में एक से डेढ़ फुट की दीवार बनाई है. कई जगहों से नहर को तोड़ दिया गया है, जिसे लेकर किसानों ने कई बार नहर विभाग के अधिकारियों सूचित किया गया. यहां तक की उन्हें लिखित ज्ञापन भी सौंपा गया है. लेकिन अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है.
इस पुरे मामले पर किसानों ने नहर विभाग के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि, किसान पिछले चार साल से जल माफ़ियाओ के खिलाफ ज्ञापन दे चुके है. लेकिन नहर विभाग इस और कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है. हर बार किसानों को उनके हक का पूरा पानी नहीं मिलता है.
वहीं लेरिका माइनर के किसानों का कहना है कि, हाल ही में फिर से नहर को कई जगहों से तोड़ा गया. पानी की आवक को अवैध तरीके से रोका जा रहा है. कई जगहों से नहर मिट्टी से पूरी तरह से अट्टी पड़ी है, लेकिन विभागीय अधिकारी बजट नहीं होने का हवाला दे कर इसकी मरम्मत नहीं करवा रहे हैं. जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानों ने मिलकर इसकी मरम्मत करवाई है. किसानो का कहना है कि, इस समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए नहीं तो रसूकदार जल माफियाओं द्वारा फिर से नहर को तोड़ा जायेगा और पानी को रोका जाएगा.